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योगी सरकार की GCC नीति; स्किल डेवलपमेंट के लिए छात्र-कर्मचारियों को मिलेगी 50 हजार तक की सब्सिडी - YOGI GOVERNMENT GCC POLICY

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स के माध्यम से रोजगार हासिल करने के साथ स्किल्ड भी बनेंगे युवा, सेंटर स्थापित करने पर कंपनियों को मिलेगी सब्सिडी.

जीसीसी से युवाओं को मिलेगी सहूलियत.
जीसीसी से युवाओं को मिलेगी सहूलियत. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 14, 2025 at 4:39 PM IST

3 Min Read

लखनऊ : यूपी सरकार की ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) नीति 2025 के जरिए रोजगार और कौशल विकास के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी है. इससे युवाओं को काफी लाभ मिलेगा. इस नीति के तहत 2 लाख से अधिक नौकरियों को सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. स्किल डेवलपमेंट सब्सिडी के तहत प्रत्येक कर्मी को 50 हजार रुपये की सब्सिडी भी मिलेगी. छात्रों को भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा.

इंटर्नशिप, स्किल डेवलपमेंट, पेरोल सब्सिडी और अनुसंधान के अलावा इनोवेशन के लिए भी विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसके अलावा नोएडा व एनसीआर के साथ-साथ वाराणसी, कानपुर, और प्रयागराज जैसे टियर-2 शहरों में जीसीसी स्थापित करने पर कंपनियों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा. इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आर्थिक विकास को गति मिलेगी.

यूपी सरकार की नीति युवाओं को दे रही राहत.
यूपी सरकार की नीति युवाओं को दे रही राहत. (Photo Credit; ETV Bharat)

इंटर्नशिप और स्किल डेवलपमेंट के लिए मिलेगी सब्सिडी : मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार युवाओं को स्किल्ड बनाने के लिए जीसीसी नीति में इंटर्नशिप और स्किल डेवलपमेंट पर विशेष जोर दिया जा रहा है. कम से कम 2 महीने की इंटर्नशिप के लिए लागत का 50% तक, अधिकतम 5,000 रुपये प्रति छात्र हर महीने की सब्सिडी दी जाएगी. यह लाभ प्रति वर्ष अधिकतम 50 इंटर्न के लिए 3 वर्षों तक मान्य होगा.

स्किल डेवलपमेंट सब्सिडी से मिलेगी राहत.
स्किल डेवलपमेंट सब्सिडी से मिलेगी राहत. (Photo Credit; ETV Bharat)

इसके अलावा, स्किल डेवलपमेंट सब्सिडी के तहत प्रत्येक कर्मचारी को 50,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी. यह कोर्स फीस या प्रशिक्षण कार्यक्रम की लागत का 50% होगा. यह लाभ अधिकतम 500 कर्मचारियों के लिए प्रति वर्ष 50 लाख रुपये तक दिया जाएगा. यह तीन वर्षों के लिए उपलब्ध होगा. इसके माध्यम से प्रदेश के युवाओं को रोजगार के साथ-साथ स्किल्ड भी बनाया जाएगा.

पेरोल और फ्रेशर्स सब्सिडी से बढ़ेगा रोजगार : जीसीसी नीति के तहत पेरोल सब्सिडी के तहत यूपी के मूल निवासी कर्मचारियों के लिए प्रति वर्ष 1.8 लाख रुपये तक और अन्य कर्मचारियों के लिए 1.2 लाख रुपये तक की प्रतिपूर्ति दी जाएगी. यह लाभ प्रति वर्ष अधिकतम 20 करोड़ रुपये तक, और तीन वर्षों के लिए मान्य होगा. इसके अलावा फ्रेशर्स भर्ती सब्सिडी के तहत उत्तर प्रदेश के कॉलेजों/संस्थानों से पासआउट होने वाले प्रत्येक फ्रेशर के लिए 20,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी, बशर्ते कम से कम 30 ऐसे कर्मचारियों की वार्षिक भर्ती हो. यह योजना 5 वर्षों तक लागू रहेगी.

ईपीएफ में मिलेगी छूट.
ईपीएफ में मिलेगी छूट. (Photo Credit; ETV Bharat)

महिलाओं और विशेष वर्गों के लिए ईपीएफ में छूट : महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति, ट्रांसजेंडर, और दिव्यांगजन कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अंशदान में 100% प्रतिपूर्ति की जाएगी. यह लाभ प्रति वर्ष 1 करोड़ रुपये तक, 3 वर्षों के लिए उपलब्ध होगा. इससे विशेष वर्गों को रोजगार में प्रोत्साहन मिलेगा और समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा. जीसीसी नीति के तहत अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) को प्रोत्साहन देने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा.

छात्रों को हर महीने मिलेगी सब्सिडी.
छात्रों को हर महीने मिलेगी सब्सिडी. (Photo Credit; ETV Bharat)

टियर-2 शहरों में जीसीसी से आर्थिक विकास : नोएडा और एनसीआर के अलावा, सरकार वाराणसी, कानपुर और प्रयागराज जैसे टियर-2 शहरों में जीसीसी स्थापित करने वाली कंपनियों को विशेष प्रोत्साहन दे रही है. इससे इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. स्थानीय युवाओं को उच्च वेतन वाली नौकरियां प्राप्त होंगी. माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां पहले ही नोएडा में 10,000 सीटों वाले डेवलपमेंट सेंटर की आधारशिला रख चुकी हैं, जबकि एमएक्यू सॉफ्टवेयर ने 3,000 सीट वाला इंजीनियरिंग केंद्र स्थापित किया है.

यह भी पढ़ें : सरकार की ये योजना बदल देगी आपकी किस्मत, 10 लाख तक की सब्सिडी, करना होगा ये काम

लखनऊ : यूपी सरकार की ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) नीति 2025 के जरिए रोजगार और कौशल विकास के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी है. इससे युवाओं को काफी लाभ मिलेगा. इस नीति के तहत 2 लाख से अधिक नौकरियों को सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. स्किल डेवलपमेंट सब्सिडी के तहत प्रत्येक कर्मी को 50 हजार रुपये की सब्सिडी भी मिलेगी. छात्रों को भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा.

इंटर्नशिप, स्किल डेवलपमेंट, पेरोल सब्सिडी और अनुसंधान के अलावा इनोवेशन के लिए भी विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसके अलावा नोएडा व एनसीआर के साथ-साथ वाराणसी, कानपुर, और प्रयागराज जैसे टियर-2 शहरों में जीसीसी स्थापित करने पर कंपनियों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा. इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आर्थिक विकास को गति मिलेगी.

यूपी सरकार की नीति युवाओं को दे रही राहत.
यूपी सरकार की नीति युवाओं को दे रही राहत. (Photo Credit; ETV Bharat)

इंटर्नशिप और स्किल डेवलपमेंट के लिए मिलेगी सब्सिडी : मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार युवाओं को स्किल्ड बनाने के लिए जीसीसी नीति में इंटर्नशिप और स्किल डेवलपमेंट पर विशेष जोर दिया जा रहा है. कम से कम 2 महीने की इंटर्नशिप के लिए लागत का 50% तक, अधिकतम 5,000 रुपये प्रति छात्र हर महीने की सब्सिडी दी जाएगी. यह लाभ प्रति वर्ष अधिकतम 50 इंटर्न के लिए 3 वर्षों तक मान्य होगा.

स्किल डेवलपमेंट सब्सिडी से मिलेगी राहत.
स्किल डेवलपमेंट सब्सिडी से मिलेगी राहत. (Photo Credit; ETV Bharat)

इसके अलावा, स्किल डेवलपमेंट सब्सिडी के तहत प्रत्येक कर्मचारी को 50,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी. यह कोर्स फीस या प्रशिक्षण कार्यक्रम की लागत का 50% होगा. यह लाभ अधिकतम 500 कर्मचारियों के लिए प्रति वर्ष 50 लाख रुपये तक दिया जाएगा. यह तीन वर्षों के लिए उपलब्ध होगा. इसके माध्यम से प्रदेश के युवाओं को रोजगार के साथ-साथ स्किल्ड भी बनाया जाएगा.

पेरोल और फ्रेशर्स सब्सिडी से बढ़ेगा रोजगार : जीसीसी नीति के तहत पेरोल सब्सिडी के तहत यूपी के मूल निवासी कर्मचारियों के लिए प्रति वर्ष 1.8 लाख रुपये तक और अन्य कर्मचारियों के लिए 1.2 लाख रुपये तक की प्रतिपूर्ति दी जाएगी. यह लाभ प्रति वर्ष अधिकतम 20 करोड़ रुपये तक, और तीन वर्षों के लिए मान्य होगा. इसके अलावा फ्रेशर्स भर्ती सब्सिडी के तहत उत्तर प्रदेश के कॉलेजों/संस्थानों से पासआउट होने वाले प्रत्येक फ्रेशर के लिए 20,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी, बशर्ते कम से कम 30 ऐसे कर्मचारियों की वार्षिक भर्ती हो. यह योजना 5 वर्षों तक लागू रहेगी.

ईपीएफ में मिलेगी छूट.
ईपीएफ में मिलेगी छूट. (Photo Credit; ETV Bharat)

महिलाओं और विशेष वर्गों के लिए ईपीएफ में छूट : महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति, ट्रांसजेंडर, और दिव्यांगजन कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अंशदान में 100% प्रतिपूर्ति की जाएगी. यह लाभ प्रति वर्ष 1 करोड़ रुपये तक, 3 वर्षों के लिए उपलब्ध होगा. इससे विशेष वर्गों को रोजगार में प्रोत्साहन मिलेगा और समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा. जीसीसी नीति के तहत अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) को प्रोत्साहन देने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा.

छात्रों को हर महीने मिलेगी सब्सिडी.
छात्रों को हर महीने मिलेगी सब्सिडी. (Photo Credit; ETV Bharat)

टियर-2 शहरों में जीसीसी से आर्थिक विकास : नोएडा और एनसीआर के अलावा, सरकार वाराणसी, कानपुर और प्रयागराज जैसे टियर-2 शहरों में जीसीसी स्थापित करने वाली कंपनियों को विशेष प्रोत्साहन दे रही है. इससे इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. स्थानीय युवाओं को उच्च वेतन वाली नौकरियां प्राप्त होंगी. माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां पहले ही नोएडा में 10,000 सीटों वाले डेवलपमेंट सेंटर की आधारशिला रख चुकी हैं, जबकि एमएक्यू सॉफ्टवेयर ने 3,000 सीट वाला इंजीनियरिंग केंद्र स्थापित किया है.

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