जयपुर: गुलाबी नगरी समेत पूरा प्रदेश फिर योगमय होगा, जहां 100 से ज्यादा योग संस्थाएं योग दिवस से पहले 13 और 14 जून को 30 घंटे का अखंड योग कर विश्व कीर्तिमान बनाएंगी. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का दावा है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के बावजूद 21 जून को योग दिवस पर शिक्षक और छात्र भी योगाभ्यास करेंगे. मदरसे भी इससे अछूते नहीं रहेंगे. 21 जून को योग दिवस पर विभिन्न योग और आसान किए जाएंगे.
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि 21 जून को विश्व योग दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाएगा. शिक्षा विभाग उससे अलग नहीं है. हालांकि अभी ग्रीष्मकालीन अवकाश चल रहे हैं, लेकिन छुट्टी में भी योग दिवस का कार्यक्रम जरूर होगा. छात्रों और शिक्षकों के पास मैसेज पहुंचा चुके हैं, जैसे पहले सूर्य नमस्कार और योग दिवस मनाया गया, उसी तरह इस बार भी मनाया जाएगा. जब पूरी दुनिया योग दिवस मना रही है तो मदरसे देश के बाहर नहीं हैं. पिछली मर्तबा 50% से ज्यादा मदरसों ने योग में भाग लिया व सूर्य नमस्कार किया था. उसके आंकड़े विभाग पास में है.
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उधर, विश्व योग दिवस से पहले राजधानी जयपुर के सिटी पार्क, कुलिश स्मृति वन और बायोडायवर्सिटी पार्क सहित विभिन्न पार्क में जोन स्तर पर योग अभ्यास किया जाएगा. इसमें क्रीड़ा भारती, लघु उद्योग भारती, राष्ट्रीय सेविका समिति, सेवा भारती, ब्रह्मकुमारी दिव्य ज्योति संस्थान, गायत्री परिवार, आर्य समाज, नर्सरी पार्क योग समिति, पतंजलि योग समिति सहित 100 से ज्यादा योग संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इन सभी योग संस्थान ने मिलकर 13 और 14 जून को 30 घंटे अखंड योग कर विश्व कीर्तिमान बनाने का लक्ष्य तय किया है. इसकी अगुवाई ग्रेटर निगम की ओर से की जाएगी.

महापौर सौम्या गुर्जर ने बताया कि इस वर्ष योग को यज्ञ और प्रकृति के साथ भी जोड़ा है. सूक्ष्म नैनो यज्ञ से योग शिविर शुरू किए जाएंगे. शिविर में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को पौधे बांटेंगे. इससे हर घर-आंगन में योग और प्रकृति का जुड़ाव होगा. इस बार योग करते हुए बीते साल बने अपनी ही वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ेंगे.
पिछले साल बनाया था कीर्तिमान: आपको बता दें कि बीते साल 17 जून को जयपुर ने योग में कीर्तिमान बनाया था. जयपुर ग्रेटर नगर निगम की पहल पर 51 योग संस्थानों के 1 हजार प्रशिक्षकों, योगाचार्यों और साधकों ने 1 हजार 611 मिनट तक बिना रुके योग किया था. इसमें सूर्य नमस्कार, त्रिकोणासन, भुजंगासन, पर्वतासन, दंडासन, शीर्षासन और सेतुबंधासन जैसे कई आसनों का प्रदर्शन किया. इसके लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से प्रमाण पत्र दिया गया.