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कभी दिल्ली में चलाते थे रिक्शा, आज NCERT की किताबों में इनके किस्से, इजाद की ये खास मशीन जिसने बदल दी 10वीं पास धर्मवीर की किस्मत - YAMUNANAGAR FARMER DHARAMVIR STORY

यमुनानगर के किसान धर्मवीर कंबोज 10वीं पास है. उनके संघर्ष की कहानी आज 12वीं के स्टूडेंट को पढ़ाई जाती है.

YAMUNANAGAR FARMER DHARAMVIR STORY
रिक्शा वाला बना करोड़पति बिजनेसमैन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : March 10, 2025 at 4:31 PM IST

Updated : March 13, 2025 at 4:24 PM IST

7 Min Read

यमुनानगर: कहते हैं कि योग्यता को किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होती. इस बात को हरियाणा के एक दसवीं पास किसान ने सच कर दिखाया है. हरियाणा के यमुनानगर जिले के दामला गांव के किसान धर्मवीर कंबोज ने वो कर दिखाया है, जो शायद ही कोई कर पाता. धर्मंवीर एक किसान और इनोवेटर हैं. वो अपनी खुद की मल्टी पर्पस मशीन बनाकर विदेशों तक सप्लाई करते हैं. उनकी बनाई मशीनों की डिमांड विदेशों में भी है.

दिल को छू लेगी इनकी कहानी: ये सफलता धर्मवीर को यूं ही नहीं मिली. इनके संघर्ष की कहानी भी दिल छू लेने वाली है. एक हादसे ने इनके जीवन को ऐसा बदला कि ये वापस गांव लौटे और फिर शुरू हुआ इनके कामयाबी का सिलसिला. अब इनके किस्से 12वीं के स्टूडेंट्स को भी पढ़ाए जा रहे हैं. इतना ही नहीं इन्होंने अक्षय कुमार के पैडमेन फिल्म में भी काम किया है. आइए आपको हम बताते हैं इनके संघर्ष से लेकर सफलता की पूरी कहानी.

धर्मवीर की कहानी है दिलचस्प (ETV Bharat)

दिल्ली में कभी चलाते थे रिक्शा : धर्मवीर कंबोज का जन्म साल 1963 में हरियाणा के यमुनानगर जिले के दामला गांव में हुआ था. वह केवल दसवीं तक ही पढ़ाई कर पाए थे, जिसमें भी वह एक बार फेल हो गए थे. उनके पिता के पास जमीन कम थी. आर्थिक तंगी के कारण वो 80 के दशक में अपने परिवार के लिए पैसा कमाने के लिए दिल्ली चले गए. वहां पर उन्होंने जाकर रिक्शा चलाई. रिक्शा चला कर वह अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे.

yamunanagar-innovator-and-farmer-dharamvir-kamboj-success-story-machines-made-by-them-demand-abroad
संघर्ष से सफलता का सफरनामा (ETV Bharat)

हादसे के बाद जीवन में आया नया मोड़: हालांकि एक दिन धर्मवीर का एक्सीडेंट हो गया, जिसके बाद दिल्ली से उनको वापस अपने गांव आना पड़ा. गांव में उन्होंने अपने दो एकड़ पुश्तैनी जमीन में से एक एकड़ में एलोवेरा और एक एकड़ में तुलसी की खेती शुरू की. धर्मवीर ने दिल्ली में रिक्शा चलाने के दौरान औषधीय खेती के बारे में जानकारी हासिल की थी. वे कई बार मंडी में भी जाया करते थे. वहीं से उनको खेती करने का ये आईडिया आया. घर में खेती के बाद जब वे उसको बेचने के लिए गए तो उसको उसका सही दाम नहीं मिला, तो उन्होंने सोचा कि क्यों ना इसको प्रोसेस करके बेचा जाए.

INNOVATOR AND FARMER DHARAMVIR KAMBOJ
मल्टी पर्पस मशीन की कार्यशैली समझाते धर्मवीर (ETV Bharat)

मशीन ने बदली किस्मत: इसके बाद उन्होंने खुद एक मशीन बनाने की सोची. यहीं से उनकी किस्मत ने करवट ली. अब वे इनोवेटर के तौर पर पूरी दुनिया में जाने जाते हैं. मशीन बनाने के बाद धर्मवीर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वे लगातार इस पर काम करते गए, जिसमें वे अब तक 2000 से ज्यादा मशीन बनाकर बेच चुके हैं. वे कई प्रकार की मशीन बनाते हैं. मक्का निकालने की मशीन, औषधि का अर्क निकालने की मशीन, भाप देने वाली, मिश्रण करने वाली, पीसने वाली मशीन, प्रेशर कुकर, तेल निकालने वाली मशीन, जैल निकालने वाली मशीन जैसी कई मशीनें धर्मवीर बना चुके हैं.धर्मवीर के बनाए गए एक मशीन की कीमत 5 लाख रुपए तक होती है.

INNOVATOR AND FARMER DHARAMVIR KAMBOJ
धर्मवीर ने 20000 लोगों को रोजगार दिया है (ETV Bharat)

20,000 लोगों को दिया रोजगार: धर्मवीर कंबोज अब अपनी खुद की कंपनी बना कर उसको चला रहे हैं. वे मशीन बनाने के साथ-साथ ऑर्गेनिक फसलों और औषधि से करीब 100 से ज्यादा प्रकार के उत्पाद भी बना कर बेच रहे हैं. वे गुलाब जल, आंवले का मुरब्बा, अलग-अलग प्रकार की कैंडी, साबुन, जैल, जूस, औषधियों का अर्क, होली के लिए गुलाल सहित 100 से ज्यादा उत्पाद बना रहे हैं. उनकी बनाई मशीनें अफ्रीका सहित करीब 18 देशों में जा चुकी है. धर्मवीर अब तक 20,000 के करीब लोगों को अपने मशीनों के जरिए रोजगार दे चुके हैं. उनकी मशीन इटली, अमेरिका, केन्या, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, जिम्बाब्वे, युगांडा, नाइजीरिया, सहित करीब 18 देशों में जाती है.

INNOVATOR AND FARMER DHARAMVIR KAMBOJ
एक ही मशीन कई कार्य करती है (ETV Bharat)

राष्ट्रपति से हो चुके सम्मानित: अपने बनाए खास मशीनों के कारण वे तत्कालीन राष्ट्रपति से भी साल 2013 में सम्मानित हो चुके हैं. इस बारे में खुद धर्मवीर ने बताया कि, "मेरे पास राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 100 से ज्यादा अवॉर्ड है. जब मैंने पहली बार मशीन बनाई थी, तो लोग मजाक बनाते थे. लेकिन मैंने लोगों की परवाह नहीं की. लगातार अपने काम पर फोकस करता रहा. अब पूरी दुनिया में मुझे इनोवेटर के तौर पर जाना जाता है."

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लोगों के लिए बने मिसाल, खूब मिला सम्मान (Etv Bharat)

सालाना ढाई करोड़ का टर्नओवर: धर्मवीर ने आगे बताया, " मैं खुद तो पैसा कमा ही रहा हूं. साथ-साथ मेरे साथ जुड़े बाकी लोगों की भी अच्छी ख़ासी कमाई हो रही है. मैं ढाई करोड़ रुपए सालाना कमा रहा हूं. मेरी बनाई मशीन के जरिए लोग लाखों रुपए 1 साल में कमा रहे हैं."

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उनकी बनाई गई मशीनों को देखने आते हैं स्टूडेंट (ETV Bharat)

पैडमैन फिल्म में कर चुके हैं काम: धर्मवीर कंबोज ने कहा कि, " मैं एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आता हूं. जो मशीन मैंने बनाई है, वह भारत ही नहीं विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हो चुकी है. बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने जब पैडमैन फिल्म बनाई थी, उसमें मुझे भी रोल दिया गया था, क्योंकि उन्होंने देश के कई इनोवेटर को अपनी फिल्म में रोल दिया था, जिसमें मैं भी था. मैं एक छोटे से गांव का किसान हूं. बॉलीवुड स्टार के साथ फिल्म में काम करना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है. ये सब मेरी बनाई मशीनों के कारण ही संभव हो सका है."

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धर्मवीर के बारे में NCERT की किताबों में भी पढ़ाया जा रहा (ETV Bharat)

12वीं में पढ़ाई जा रही धर्मवीर की कहानी: धर्मवीर कंबोज ने जो संघर्ष किया, उसे साल 2022 से एनसीईआरटी की 12वीं की बुक में शामिल किया गया है. 12वीं में बिजनेस स्टडी के नाम से एक सब्जेक्ट है, जिसमें तीसरे चैप्टर में उनकी कहानी को दर्शाया गया है. धर्मवीर कहते हैं कि कभी उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनके संघर्ष की कहानी को 12वीं की किताबों में बच्चों को पढ़ाया जाएगा. उन्हें उम्मीद है कि उनकी स्टोरी से स्टूडेंट्स प्रेरणा लेकर अपने आप को और देश को समृद्ध बना सकेंगे और नए-नए इनोवेशन कर सकेंगे.

ट्रेनिंग देने जाते हैं देश विदेश: धर्मवीर खुद भी सरकारी संस्थानों ओर प्राइवेट संस्थानों के साथ-साथ देश-विदेशों में ट्रेनिंग देने के लिए जाते रहते हैं. वहीं पूरे देश से लोग उनके इनोवेशन को देखने के लिए उनके पास आते हैं. यमुनानगर में उनकी फैक्ट्री को देखने पहुंची कॉलेज लेक्चरर पूजा जैन ने कहा कि "हम यहां अपने कॉलेज के बच्चों को लेकर आए हैं, ताकि धर्मवीर कंबोज के तैयार किए गए मशीनों को और उत्पादों को बच्चे देख सकें. इससे बच्चों को प्रेरणा मिलती है. उनकी कहानी को बुक में भी शामिल किया हुआ है. इनकी कहानी से आज के बच्चे प्रेरित होंगे."

ये भी पढ़ें:चंडीगढ़ की दिव्यांग रहनुमा के साहस को सलाम, पैर से करती हैं सुंदर पेंटिंग

यमुनानगर: कहते हैं कि योग्यता को किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होती. इस बात को हरियाणा के एक दसवीं पास किसान ने सच कर दिखाया है. हरियाणा के यमुनानगर जिले के दामला गांव के किसान धर्मवीर कंबोज ने वो कर दिखाया है, जो शायद ही कोई कर पाता. धर्मंवीर एक किसान और इनोवेटर हैं. वो अपनी खुद की मल्टी पर्पस मशीन बनाकर विदेशों तक सप्लाई करते हैं. उनकी बनाई मशीनों की डिमांड विदेशों में भी है.

दिल को छू लेगी इनकी कहानी: ये सफलता धर्मवीर को यूं ही नहीं मिली. इनके संघर्ष की कहानी भी दिल छू लेने वाली है. एक हादसे ने इनके जीवन को ऐसा बदला कि ये वापस गांव लौटे और फिर शुरू हुआ इनके कामयाबी का सिलसिला. अब इनके किस्से 12वीं के स्टूडेंट्स को भी पढ़ाए जा रहे हैं. इतना ही नहीं इन्होंने अक्षय कुमार के पैडमेन फिल्म में भी काम किया है. आइए आपको हम बताते हैं इनके संघर्ष से लेकर सफलता की पूरी कहानी.

धर्मवीर की कहानी है दिलचस्प (ETV Bharat)

दिल्ली में कभी चलाते थे रिक्शा : धर्मवीर कंबोज का जन्म साल 1963 में हरियाणा के यमुनानगर जिले के दामला गांव में हुआ था. वह केवल दसवीं तक ही पढ़ाई कर पाए थे, जिसमें भी वह एक बार फेल हो गए थे. उनके पिता के पास जमीन कम थी. आर्थिक तंगी के कारण वो 80 के दशक में अपने परिवार के लिए पैसा कमाने के लिए दिल्ली चले गए. वहां पर उन्होंने जाकर रिक्शा चलाई. रिक्शा चला कर वह अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे.

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संघर्ष से सफलता का सफरनामा (ETV Bharat)

हादसे के बाद जीवन में आया नया मोड़: हालांकि एक दिन धर्मवीर का एक्सीडेंट हो गया, जिसके बाद दिल्ली से उनको वापस अपने गांव आना पड़ा. गांव में उन्होंने अपने दो एकड़ पुश्तैनी जमीन में से एक एकड़ में एलोवेरा और एक एकड़ में तुलसी की खेती शुरू की. धर्मवीर ने दिल्ली में रिक्शा चलाने के दौरान औषधीय खेती के बारे में जानकारी हासिल की थी. वे कई बार मंडी में भी जाया करते थे. वहीं से उनको खेती करने का ये आईडिया आया. घर में खेती के बाद जब वे उसको बेचने के लिए गए तो उसको उसका सही दाम नहीं मिला, तो उन्होंने सोचा कि क्यों ना इसको प्रोसेस करके बेचा जाए.

INNOVATOR AND FARMER DHARAMVIR KAMBOJ
मल्टी पर्पस मशीन की कार्यशैली समझाते धर्मवीर (ETV Bharat)

मशीन ने बदली किस्मत: इसके बाद उन्होंने खुद एक मशीन बनाने की सोची. यहीं से उनकी किस्मत ने करवट ली. अब वे इनोवेटर के तौर पर पूरी दुनिया में जाने जाते हैं. मशीन बनाने के बाद धर्मवीर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वे लगातार इस पर काम करते गए, जिसमें वे अब तक 2000 से ज्यादा मशीन बनाकर बेच चुके हैं. वे कई प्रकार की मशीन बनाते हैं. मक्का निकालने की मशीन, औषधि का अर्क निकालने की मशीन, भाप देने वाली, मिश्रण करने वाली, पीसने वाली मशीन, प्रेशर कुकर, तेल निकालने वाली मशीन, जैल निकालने वाली मशीन जैसी कई मशीनें धर्मवीर बना चुके हैं.धर्मवीर के बनाए गए एक मशीन की कीमत 5 लाख रुपए तक होती है.

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धर्मवीर ने 20000 लोगों को रोजगार दिया है (ETV Bharat)

20,000 लोगों को दिया रोजगार: धर्मवीर कंबोज अब अपनी खुद की कंपनी बना कर उसको चला रहे हैं. वे मशीन बनाने के साथ-साथ ऑर्गेनिक फसलों और औषधि से करीब 100 से ज्यादा प्रकार के उत्पाद भी बना कर बेच रहे हैं. वे गुलाब जल, आंवले का मुरब्बा, अलग-अलग प्रकार की कैंडी, साबुन, जैल, जूस, औषधियों का अर्क, होली के लिए गुलाल सहित 100 से ज्यादा उत्पाद बना रहे हैं. उनकी बनाई मशीनें अफ्रीका सहित करीब 18 देशों में जा चुकी है. धर्मवीर अब तक 20,000 के करीब लोगों को अपने मशीनों के जरिए रोजगार दे चुके हैं. उनकी मशीन इटली, अमेरिका, केन्या, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, जिम्बाब्वे, युगांडा, नाइजीरिया, सहित करीब 18 देशों में जाती है.

INNOVATOR AND FARMER DHARAMVIR KAMBOJ
एक ही मशीन कई कार्य करती है (ETV Bharat)

राष्ट्रपति से हो चुके सम्मानित: अपने बनाए खास मशीनों के कारण वे तत्कालीन राष्ट्रपति से भी साल 2013 में सम्मानित हो चुके हैं. इस बारे में खुद धर्मवीर ने बताया कि, "मेरे पास राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 100 से ज्यादा अवॉर्ड है. जब मैंने पहली बार मशीन बनाई थी, तो लोग मजाक बनाते थे. लेकिन मैंने लोगों की परवाह नहीं की. लगातार अपने काम पर फोकस करता रहा. अब पूरी दुनिया में मुझे इनोवेटर के तौर पर जाना जाता है."

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लोगों के लिए बने मिसाल, खूब मिला सम्मान (Etv Bharat)

सालाना ढाई करोड़ का टर्नओवर: धर्मवीर ने आगे बताया, " मैं खुद तो पैसा कमा ही रहा हूं. साथ-साथ मेरे साथ जुड़े बाकी लोगों की भी अच्छी ख़ासी कमाई हो रही है. मैं ढाई करोड़ रुपए सालाना कमा रहा हूं. मेरी बनाई मशीन के जरिए लोग लाखों रुपए 1 साल में कमा रहे हैं."

INNOVATOR AND FARMER DHARAMVIR KAMBOJ
उनकी बनाई गई मशीनों को देखने आते हैं स्टूडेंट (ETV Bharat)

पैडमैन फिल्म में कर चुके हैं काम: धर्मवीर कंबोज ने कहा कि, " मैं एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आता हूं. जो मशीन मैंने बनाई है, वह भारत ही नहीं विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हो चुकी है. बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने जब पैडमैन फिल्म बनाई थी, उसमें मुझे भी रोल दिया गया था, क्योंकि उन्होंने देश के कई इनोवेटर को अपनी फिल्म में रोल दिया था, जिसमें मैं भी था. मैं एक छोटे से गांव का किसान हूं. बॉलीवुड स्टार के साथ फिल्म में काम करना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है. ये सब मेरी बनाई मशीनों के कारण ही संभव हो सका है."

INNOVATOR AND FARMER DHARAMVIR KAMBOJ
धर्मवीर के बारे में NCERT की किताबों में भी पढ़ाया जा रहा (ETV Bharat)

12वीं में पढ़ाई जा रही धर्मवीर की कहानी: धर्मवीर कंबोज ने जो संघर्ष किया, उसे साल 2022 से एनसीईआरटी की 12वीं की बुक में शामिल किया गया है. 12वीं में बिजनेस स्टडी के नाम से एक सब्जेक्ट है, जिसमें तीसरे चैप्टर में उनकी कहानी को दर्शाया गया है. धर्मवीर कहते हैं कि कभी उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनके संघर्ष की कहानी को 12वीं की किताबों में बच्चों को पढ़ाया जाएगा. उन्हें उम्मीद है कि उनकी स्टोरी से स्टूडेंट्स प्रेरणा लेकर अपने आप को और देश को समृद्ध बना सकेंगे और नए-नए इनोवेशन कर सकेंगे.

ट्रेनिंग देने जाते हैं देश विदेश: धर्मवीर खुद भी सरकारी संस्थानों ओर प्राइवेट संस्थानों के साथ-साथ देश-विदेशों में ट्रेनिंग देने के लिए जाते रहते हैं. वहीं पूरे देश से लोग उनके इनोवेशन को देखने के लिए उनके पास आते हैं. यमुनानगर में उनकी फैक्ट्री को देखने पहुंची कॉलेज लेक्चरर पूजा जैन ने कहा कि "हम यहां अपने कॉलेज के बच्चों को लेकर आए हैं, ताकि धर्मवीर कंबोज के तैयार किए गए मशीनों को और उत्पादों को बच्चे देख सकें. इससे बच्चों को प्रेरणा मिलती है. उनकी कहानी को बुक में भी शामिल किया हुआ है. इनकी कहानी से आज के बच्चे प्रेरित होंगे."

ये भी पढ़ें:चंडीगढ़ की दिव्यांग रहनुमा के साहस को सलाम, पैर से करती हैं सुंदर पेंटिंग

Last Updated : March 13, 2025 at 4:24 PM IST
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