बाड़मेर: मधुमक्खी का शहद जितना मीठा होता है, उसका डंक उतना ही तीखा होता है, यही कारण है कि लोग अक्सर मधुमक्खियों के पास जाने से डरते हैं. कई बार लोगों के घरों और दुकानों में मधुमक्खी के बड़े छत्ते लग जाते हैं. ऐसे समय में मुकेश माली मददगार बनकर आते हैं. मुकेश का यह कार्य प्रकृति के प्रति उनके प्रेम और समर्पण का प्रतीक है. वे न केवल मधुमक्खियों के संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं, बल्कि लोगों को मधुमक्खियों के महत्व के बारे में जागरूक कर रहे हैं. मुकेश माली पिछले छह साल में 1500 से अधिक मधुमक्खी छत्ते रेस्क्यू कर चुके हैं.
मुकेश माली ने बताया कि वो पिछले छह साल में 1500 से अधिक मधुमक्खी के छत्तों को रेस्क्यू कर लोगों को राहत दे चुके हैं. इससे इंसान जहां खुद को सुरक्षित समझता है, वहीं मधुमक्खियों का जीवन भी बचता है. मुकेश मधुमक्खियों को बिना नुकसान पहुंचाए सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करते हैं. माली ने बताया कि वो मधुमक्खियों को छत्तों को रेस्क्यू कर वन क्षेत्र में सुरक्षित छोड़ देते हैं. अक्सर घर, दुकान, ऑफिस बिल्डिंग में मधुमक्खियों के बड़े छत्ते लगने पर लोग आग जलाकर धुंए से भगाते हैं. इसमें मधुमक्खियों की जान पर बन आती है. घबराहट में मधुमक्खियां लोगों पर हमला कर देती है. इंसान व मधुमक्खी दोनों को नुकसान होता है. इसे देखते हुए मुकेश ने छत्तों को रेस्क्यू कर वन क्षेत्र में छोड़ना शुरू किया.
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पूरे जिले में चलाते हैं रेस्क्यू : मुकेश बाड़मेर जिले में कहीं भी बुलाने पर जाते हैं. केवल आने-जाने का किराया लेते हैं. वे मधुमक्खी के छत्ते से निकलने वाला शहद जरूरतमंदों को मुफ्त में देते हैं. अन्य लोगों से मामूली पैसे लेते हैं, जिससे गर्मी में पक्षियों को दाना-पानी की व्यवस्था करते हैं. मुकेश ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान सुरक्षा किट पहनते हैं. मुकेश कहते हैं कि छत्ते को हटाना उनके लिए दुखद होता है, क्योंकि लगता है कि मधुमक्खियों का घर तोड़ रहे हैं. कभी-कभी लोगों के घरों में इतने बड़े छत्ते बन जाते हैं कि डर से लोग घर में नहीं जा पाते. ऐसे में लोग रेस्क्यू के लिए बुलाते हैं. उनका नंबर ऑनलाइन उपलब्ध है. वे बाड़मेर के अलावा ब्यावर और अजमेर जैसे शहरों में भी इस काम के लिए जा चुके हैं. मुकेश माली का कहना है कि मधुमक्खियां सिर्फ पंखुड़ियों के बीच घूमने और शहद बनाकर भिनभिनाने वाला जीव नहीं है, बल्कि चुपचाप हमारे पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करती है. ज्यादातर लोगों की समझ से कहीं ज्यादा बड़ी भूमिका निभाती हैं.
