ETV Bharat / state

सरकारी अस्पताल में बच्चा जन्म देते ही प्रसूता ने तोड़ा दम, परिजनों ने कहा - बंद करें हॉस्पिटल जहां जा रही है गरीब की जान - Pregnant woman died

गिरिडीह के एक सरकारी अस्पताल में एक प्रसूता की जान चली गई. घटना के बाद से परिजनों का रो - रोकर बुरा हाल है. वहीं सिविल सर्जन ने जांच की बात कही है.

author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 14, 2024, 10:52 PM IST

woman died in Giridih
लेबर रूम (ईटीवी भारत)

गिरिडीह: प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती की गई एक आदिवासी महिला की जान चली गई. महिला की जान शनिवार को बच्चा जन्म देने के बाद गई है. यह घटना चैताडीह स्थित मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई की है. मृतका मुफस्सिल थाना इलाके के पूरनानगर निवासी भीम कोल्ह की पत्नी प्रियंका कुमारी थी. घटना के बाद से चिकित्सक नदारद हैं जबकि परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

बच्चा जन्म देते ही प्रसूता ने तोड़ा दम (ईटीवी भारत)

क्या कहते हैं मृतका के परिजन

मृतका की मां प्रमिला देवी का कहना है कि प्रियंका को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. शनिवार को उसे प्रसव के लिए ले जाया गया. बच्चा हुआ भी इसके बाद प्रियंका की तबीयत बिगड़ती गई और वह छटपटाने लगी. जब उसकी तबीयत पूरी तरह से बिगड़ गई तो चिकित्सक पहुंची लेकिन तब तक देरी हो चुकी थी और प्रियंका ने दम तोड़ दिया.

यहां छोटी जाति की पूछ नहीं, बंद कर दें अस्पताल

घटना से मृतका के नाना धोकल कोल्ह खासे नाराज हैं. इनकी नाराजगी पूरी व्यवस्था के लिए है. इनका कहना है कि प्रसव ठीक से हुआ और उसके बाद प्रियंका की तबीयत बिगड़ने लगी. तबीयत ज्यादा खराब हो गई लेकिन कोई डॉक्टर था ही नहीं जो बताता कि प्रियंका को बाहर ले जाएं. यदि बता दिया रहता तो बकरा - बकरी बेच कर इलाज करवाते. धोकल का कहना है कि यह अस्पताल नहीं है आलू का गोदाम है. यह अस्पताल गरीब - दलित - आदिवासी की सुविधा के लिए बनाया गया लेकिन छोटी जाति वालों की कोई पूछ नहीं है. यहां तो पहले भी प्रसूता की जान जाती रही है. इस अस्पताल को बंद कर देना चाहिए.

ठीक से हुआ था प्रसव, बाद में बिगड़ी तबीयत : नर्स

महिला के प्रसव के वक्त मौजूद नर्स सावित्री ने बताया कि शनिवार को डॉ मेधा ड्यूटी पर थीं. प्रसव ठीक से हुआ और प्रियंका सभी से बात कर रही थी, फिर उसकी तबीयत बिगड़ गयी. वह खुद भी प्रियंका को देखने पहुंची, तब तक तबीयत ज्यादा खराब हो चुकी थी. डॉक्टर को खबर दी गई, जिसके बाद वह आयीं परन्तु मरीज ने समय नहीं दिया और उसे बचाया नहीं जा सका.

कुछ भी बोलने से बचती रहीं डॉक्टर

इधर घटना की जानकारी पर पचम्बा थाना से सहायक अवर निरीक्षक जितेंद्र सिंह पहुंचें. जितेंद्र सिंह ने घटना की जानकारी ली. फिर परिजन शव को लेकर घर चले गए. देर शाम को डॉ मेधा फिर से अस्पताल पहुंचीं लेकिन उन्होंने मीडिया से बात करने से इंकार कर दिया.

पूरी मामले की होगी जांच : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ एसपी मिश्रा ने कहा कि प्रसव के बाद एक महिला की मौत चैताडीह अस्पताल में हुआ है. मौत कैसे हुई पूरी जानकारी ली जा रही है. पूरे मामले की जांच होगी और अग्रतर कार्रवाई होगी.

यह भी पढ़ें:

पलामू में प्रसव के बाद महिला की मौत, परिजनों ने किया हंगामा - Woman died in hospital

लगाती रही अस्पतालों के चक्कर, हो गई गर्भवती महिला की मौत - Pregnant Woman Died

देवघर सदर अस्पताल में ऑपरेशन के बाद महिला की मौत, परिजनों ने डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप - Deoghar Sadar Hospital

गिरिडीह: प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती की गई एक आदिवासी महिला की जान चली गई. महिला की जान शनिवार को बच्चा जन्म देने के बाद गई है. यह घटना चैताडीह स्थित मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई की है. मृतका मुफस्सिल थाना इलाके के पूरनानगर निवासी भीम कोल्ह की पत्नी प्रियंका कुमारी थी. घटना के बाद से चिकित्सक नदारद हैं जबकि परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

बच्चा जन्म देते ही प्रसूता ने तोड़ा दम (ईटीवी भारत)

क्या कहते हैं मृतका के परिजन

मृतका की मां प्रमिला देवी का कहना है कि प्रियंका को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. शनिवार को उसे प्रसव के लिए ले जाया गया. बच्चा हुआ भी इसके बाद प्रियंका की तबीयत बिगड़ती गई और वह छटपटाने लगी. जब उसकी तबीयत पूरी तरह से बिगड़ गई तो चिकित्सक पहुंची लेकिन तब तक देरी हो चुकी थी और प्रियंका ने दम तोड़ दिया.

यहां छोटी जाति की पूछ नहीं, बंद कर दें अस्पताल

घटना से मृतका के नाना धोकल कोल्ह खासे नाराज हैं. इनकी नाराजगी पूरी व्यवस्था के लिए है. इनका कहना है कि प्रसव ठीक से हुआ और उसके बाद प्रियंका की तबीयत बिगड़ने लगी. तबीयत ज्यादा खराब हो गई लेकिन कोई डॉक्टर था ही नहीं जो बताता कि प्रियंका को बाहर ले जाएं. यदि बता दिया रहता तो बकरा - बकरी बेच कर इलाज करवाते. धोकल का कहना है कि यह अस्पताल नहीं है आलू का गोदाम है. यह अस्पताल गरीब - दलित - आदिवासी की सुविधा के लिए बनाया गया लेकिन छोटी जाति वालों की कोई पूछ नहीं है. यहां तो पहले भी प्रसूता की जान जाती रही है. इस अस्पताल को बंद कर देना चाहिए.

ठीक से हुआ था प्रसव, बाद में बिगड़ी तबीयत : नर्स

महिला के प्रसव के वक्त मौजूद नर्स सावित्री ने बताया कि शनिवार को डॉ मेधा ड्यूटी पर थीं. प्रसव ठीक से हुआ और प्रियंका सभी से बात कर रही थी, फिर उसकी तबीयत बिगड़ गयी. वह खुद भी प्रियंका को देखने पहुंची, तब तक तबीयत ज्यादा खराब हो चुकी थी. डॉक्टर को खबर दी गई, जिसके बाद वह आयीं परन्तु मरीज ने समय नहीं दिया और उसे बचाया नहीं जा सका.

कुछ भी बोलने से बचती रहीं डॉक्टर

इधर घटना की जानकारी पर पचम्बा थाना से सहायक अवर निरीक्षक जितेंद्र सिंह पहुंचें. जितेंद्र सिंह ने घटना की जानकारी ली. फिर परिजन शव को लेकर घर चले गए. देर शाम को डॉ मेधा फिर से अस्पताल पहुंचीं लेकिन उन्होंने मीडिया से बात करने से इंकार कर दिया.

पूरी मामले की होगी जांच : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ एसपी मिश्रा ने कहा कि प्रसव के बाद एक महिला की मौत चैताडीह अस्पताल में हुआ है. मौत कैसे हुई पूरी जानकारी ली जा रही है. पूरे मामले की जांच होगी और अग्रतर कार्रवाई होगी.

यह भी पढ़ें:

पलामू में प्रसव के बाद महिला की मौत, परिजनों ने किया हंगामा - Woman died in hospital

लगाती रही अस्पतालों के चक्कर, हो गई गर्भवती महिला की मौत - Pregnant Woman Died

देवघर सदर अस्पताल में ऑपरेशन के बाद महिला की मौत, परिजनों ने डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप - Deoghar Sadar Hospital

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.