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बाघों की संख्या बढ़ने से सरिस्का को मिली नई पहचान, बड़ी संख्या में पहुंचे पर्यटक, आय में रिकॉर्ड वृद्धि - TOURIST IN SARISKA TIGER RESERVE

सरिस्का में बाघों की संख्या बढ़ने से पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड स्तर की तेजी आई है.

TOURIST IN SARISKA TIGER RESERVE
अलवर का सरिस्का टाइगर रिजर्व (ETV Bharat Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : March 3, 2025 at 4:55 PM IST

3 Min Read

अलवर: बाघ न केवल अलवर की ख्याति देश-विदेश में बढ़ा रहे हैं, बल्कि सरिस्का का खजाना भी भर रहे हैं. वर्ष 2024 में सरिस्का में बाघों की संख्या सबसे अधिक पहुंची, और पर्यटकों की संख्या भी रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ी. यहां बाघों की संख्या बढ़कर 43 तक पहुंच गई, जबकि भ्रमण करने वाले पर्यटकों की संख्या भी बीते साल 82 हजार को पार कर गई.

2005 में बाघविहीन घोषित होने के बाद सरिस्का टाइगर रिजर्व की छवि धूमिल हो गई थी, लेकिन लगभग दो दशकों बाद सरिस्का के दिन फिर से लौट आए हैं. यह मुख्य रूप से सरिस्का में बाघों की बढ़ती संख्या का परिणाम है. वर्तमान में सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 42 है, जबकि 2024 में एक समय बाघों की संख्या 43 तक पहुंच गई थी. बाघ एसटी-2403 को रामगढ़ विषधारी में शिफ्ट करने के बाद सरिस्का में बाघों की संख्या 42 रह गई. रामगढ़ विषधारी में भेजे गए बाघ की हाल ही में मृत्यु हो गई.

TOURIST IN SARISKA TIGER RESERVE
बाघों की संख्या बढ़ने से सरिस्का को मिली नई पहचान. (ETV Bharat gfx)

इसे भी पढ़ें- सरिस्का टाइगर रिजर्व से अब तक केवल 5 गांव हो सके विस्थापित, वन मंत्री बोले- जल्द मिलेंगे सकारात्मक परिणाम

पर्यटकों की संख्या में वृद्धि: सीसीएफ संग्राम सिंह के अनुसार बाघों की संख्या में वृद्धि के कारण सरिस्का में पर्यटकों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है. पिछले वर्ष सरिस्का में भ्रमण करने वालों की संख्या 82 हजार को पार कर गई. पर्यटकों की संख्या में यह वृद्धि मुख्य रूप से बाघों की साइटिंग के कारण हुई है. उन्होंने बताया कि सरिस्का में बाघों की सहज साइटिंग होने के कारण पर्यटकों का आकर्षण और बढ़ा है और पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है.

सरिस्का की आय में वृद्धि: संग्राम सिंह का कहना है सरिस्का में बाघों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी के कारण वहां की आय भी बढ़ी है. वर्ष 2017-18 में पर्यटकों से सरिस्का को 1.40 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था, जबकि वर्ष 2024 में यह बढ़कर 2.66 करोड़ रुपए तक पहुंच गया. वर्ष 2017-18 में 50,265 पर्यटक सरिस्का पहुंचे थे, जबकि 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 82,889 तक पहुंच गया, यानी सात वर्षों में सरिस्का में पर्यटकों की संख्या और उससे मिलने वाला राजस्व दोनों ही तेजी से बढ़े हैं.

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बाघों की संख्या बढ़ने से सरिस्का को मिली नई पहचान. (ETV Bharat gfx)

इसे भी पढ़ें- सरिस्का में बाघों के नस्ल सुधार की आस, ब्रीड बदलने के लिए पहली बार बाहरी राज्य से लाई जा सकती है बाघिन

स्थानीय विकास और रोजगार के अवसर: सरिस्का से अलवर जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं. वन्यजीव प्रेमी एवं सरिस्का टाइगर फाउंडेशन के निदेशक दिनेश दुर्रानी का कहना है कि सरिस्का में पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि होना सुखद है. यह विकास अलवरवासियों के लिए खुशी की बात है और सरिस्का का बाघों से आबाद होना यहां के पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाई पर ले जा रहा है. वहीं, अगर रणथंभौर टाइगर रिजर्व की बता करें तो साल 2024 में वहां पर 6 लाख 30 हजार 820 पर्यटक पहुंचे, जिससे इस रिजर्व को 62.72 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ.

अलवर: बाघ न केवल अलवर की ख्याति देश-विदेश में बढ़ा रहे हैं, बल्कि सरिस्का का खजाना भी भर रहे हैं. वर्ष 2024 में सरिस्का में बाघों की संख्या सबसे अधिक पहुंची, और पर्यटकों की संख्या भी रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ी. यहां बाघों की संख्या बढ़कर 43 तक पहुंच गई, जबकि भ्रमण करने वाले पर्यटकों की संख्या भी बीते साल 82 हजार को पार कर गई.

2005 में बाघविहीन घोषित होने के बाद सरिस्का टाइगर रिजर्व की छवि धूमिल हो गई थी, लेकिन लगभग दो दशकों बाद सरिस्का के दिन फिर से लौट आए हैं. यह मुख्य रूप से सरिस्का में बाघों की बढ़ती संख्या का परिणाम है. वर्तमान में सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 42 है, जबकि 2024 में एक समय बाघों की संख्या 43 तक पहुंच गई थी. बाघ एसटी-2403 को रामगढ़ विषधारी में शिफ्ट करने के बाद सरिस्का में बाघों की संख्या 42 रह गई. रामगढ़ विषधारी में भेजे गए बाघ की हाल ही में मृत्यु हो गई.

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बाघों की संख्या बढ़ने से सरिस्का को मिली नई पहचान. (ETV Bharat gfx)

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पर्यटकों की संख्या में वृद्धि: सीसीएफ संग्राम सिंह के अनुसार बाघों की संख्या में वृद्धि के कारण सरिस्का में पर्यटकों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है. पिछले वर्ष सरिस्का में भ्रमण करने वालों की संख्या 82 हजार को पार कर गई. पर्यटकों की संख्या में यह वृद्धि मुख्य रूप से बाघों की साइटिंग के कारण हुई है. उन्होंने बताया कि सरिस्का में बाघों की सहज साइटिंग होने के कारण पर्यटकों का आकर्षण और बढ़ा है और पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है.

सरिस्का की आय में वृद्धि: संग्राम सिंह का कहना है सरिस्का में बाघों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी के कारण वहां की आय भी बढ़ी है. वर्ष 2017-18 में पर्यटकों से सरिस्का को 1.40 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था, जबकि वर्ष 2024 में यह बढ़कर 2.66 करोड़ रुपए तक पहुंच गया. वर्ष 2017-18 में 50,265 पर्यटक सरिस्का पहुंचे थे, जबकि 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 82,889 तक पहुंच गया, यानी सात वर्षों में सरिस्का में पर्यटकों की संख्या और उससे मिलने वाला राजस्व दोनों ही तेजी से बढ़े हैं.

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बाघों की संख्या बढ़ने से सरिस्का को मिली नई पहचान. (ETV Bharat gfx)

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स्थानीय विकास और रोजगार के अवसर: सरिस्का से अलवर जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं. वन्यजीव प्रेमी एवं सरिस्का टाइगर फाउंडेशन के निदेशक दिनेश दुर्रानी का कहना है कि सरिस्का में पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि होना सुखद है. यह विकास अलवरवासियों के लिए खुशी की बात है और सरिस्का का बाघों से आबाद होना यहां के पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाई पर ले जा रहा है. वहीं, अगर रणथंभौर टाइगर रिजर्व की बता करें तो साल 2024 में वहां पर 6 लाख 30 हजार 820 पर्यटक पहुंचे, जिससे इस रिजर्व को 62.72 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ.

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