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प्रदेश बीजेपी की नई टीम का इंतजार, इस बार भी टूटेगा 'एक व्यक्ति एक पद' का सिद्धांत? - ONE PERSON ONE POST

राजस्थान भाजपा के संगठन और सरकार में नियुक्तियां होनी हैं. अब सवाल यह है क्या सरकार एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर काम करेगी?

भाजपा के संगठन और सरकार में नियुक्तियां
भाजपा के संगठन और सरकार में नियुक्तियां (ETV Bharat (SYmbolic))
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 9, 2025 at 12:29 PM IST

4 Min Read

जयपुर : राजस्थान बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद शुरू हुई प्रदेश कार्यकारिणी में बदलाव की तैयारी हो रही है. हालांकि, ये बदलाव राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही होगा. कहा जा रहा है कि प्रदेश कार्यकारिणी में नए और पुराने के साथ अनुभवी नेता शामिल किए जाएंगे. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि 'एक पार्टी, एक व्यक्ति और एक पद' के सिद्धांत का दावा करने वाली भाजपा अपने इस सिद्धांत को लागू कर पाएगी? भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ भी इस सवाल का संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं दे पा रहे हैं.

एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत : बीजेपी प्रदेश टीम में इस बाद ऊर्जावान और अनुभव दोनों का मिश्रण होगा. यानी वर्तमान टीम के सदस्यों को भी नई टीम में जगह मिल सकती है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ इसका संकेत दे चुके हैं. राठौड़ ने कहा कि सत्ता और संगठन दोनों का अपना काम है. सत्ता में भागीदारी मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है, लेकिन जहां तक संगठन की बात है उसमें हम पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन कई बार कुछ अलग परिस्थितियां होती हैं. राठौड़ ने कहा कि वर्तमान टीम में मौजूद चेहरों को वापस टीम में रखा जाएगा. एक व्यक्ति और एक पद का सिद्धांत पालना मुश्किल है, लेकिन जितना संभव हो हम उस फार्मूले पर काम करेंगे. नई कार्यकारिणी गठन में वर्ग और क्षेत्र विशेष के साथ ही महिलाओं के प्रतिनिधित्व का भी ध्यान रखा जाएगा.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (ETV Bharat Jaipur)

इसे भी पढे़ं. राजस्थान में ठहर सकती है भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश, ये नाम हैं रेस में

क्या है एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत : भारतीय जनता पार्टी हमेशा से 'एक पार्टी, एक व्यक्ति, एक पद' के सिद्धांत की बात करती रही है. इसका तात्पर्य होता है कि पार्टी के हर एक व्यक्ति को अलग-अलग तरह की जिम्मेदारी दी जाए. किसी को जनप्रतिनिधि के रूप में तो किसी को पार्टी में एक नेता और कार्यकर्ता के रूप में काम की जिम्मेदारी दी जाती है. हालांकि, ये अलग बात है कि कई बार इस नियम की पालना नहीं हो पाती है.

राजस्थान की बात करें तो प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ खुद राज्यसभा सांसद हैं और इसके बावजूद उन्हें प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया. इससे पहले भी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को सांसद रहते हुए अध्यक्ष बनाया गया था तो वहीं सतीश पूनिया को विधायक रहते हुए अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई थी. अब संगठन की जब बात हो रही है तो इसमें भी माना जा रहा है कि जिन विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है, उन्हें संगठन में किसी पद से नवाजा जा सकता है. इसके साथ ही कुछ विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियों के जरिए जिम्मेदारी दी जा सकती है.

पढे़ं. कांग्रेस के नए जिलों में जल्द जिलाध्यक्षों की नियुक्ति, निष्क्रिय जिलाध्यक्षों पर गिरेगी गाज

हर कार्यकर्ता को मिलेगा काम : भाजपा ने जुलाई 2024 में राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को पार्टी के प्रदेश मुखिया की कमान सौंपी. इसके बाद पार्टी में शुरू हुए संगठनात्मक चुनाव में राठौड़ को सात महीने के बाद 22 फरवरी 2025 को विधिवत रूप से अध्यक्ष चुन लिया गया. पार्टी में नया अध्यक्ष आते ही अपनी नई कार्यकारिणी बनाता है, ताकि आसानी से कामकाज कर सके. राठौड़ की नई टीम को लेकर भी चर्चाएं हैं कि टीम के गठन को लेकर काफी कुछ खाका तैयार कर लिया गया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ पहले ही कह चुके हैं कि इस बार जो टीम बनेगी उसमें नए पुराने चेहरे शामिल किए जाएंगे. हर एक व्यक्ति को काम देने की कोशिश होगी, लेकिन यह सब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद होगा. उनकी अनुशंसा के बाद ही प्रदेश टीम की घोषणा होगी.

जयपुर : राजस्थान बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद शुरू हुई प्रदेश कार्यकारिणी में बदलाव की तैयारी हो रही है. हालांकि, ये बदलाव राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही होगा. कहा जा रहा है कि प्रदेश कार्यकारिणी में नए और पुराने के साथ अनुभवी नेता शामिल किए जाएंगे. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि 'एक पार्टी, एक व्यक्ति और एक पद' के सिद्धांत का दावा करने वाली भाजपा अपने इस सिद्धांत को लागू कर पाएगी? भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ भी इस सवाल का संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं दे पा रहे हैं.

एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत : बीजेपी प्रदेश टीम में इस बाद ऊर्जावान और अनुभव दोनों का मिश्रण होगा. यानी वर्तमान टीम के सदस्यों को भी नई टीम में जगह मिल सकती है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ इसका संकेत दे चुके हैं. राठौड़ ने कहा कि सत्ता और संगठन दोनों का अपना काम है. सत्ता में भागीदारी मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है, लेकिन जहां तक संगठन की बात है उसमें हम पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन कई बार कुछ अलग परिस्थितियां होती हैं. राठौड़ ने कहा कि वर्तमान टीम में मौजूद चेहरों को वापस टीम में रखा जाएगा. एक व्यक्ति और एक पद का सिद्धांत पालना मुश्किल है, लेकिन जितना संभव हो हम उस फार्मूले पर काम करेंगे. नई कार्यकारिणी गठन में वर्ग और क्षेत्र विशेष के साथ ही महिलाओं के प्रतिनिधित्व का भी ध्यान रखा जाएगा.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (ETV Bharat Jaipur)

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क्या है एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत : भारतीय जनता पार्टी हमेशा से 'एक पार्टी, एक व्यक्ति, एक पद' के सिद्धांत की बात करती रही है. इसका तात्पर्य होता है कि पार्टी के हर एक व्यक्ति को अलग-अलग तरह की जिम्मेदारी दी जाए. किसी को जनप्रतिनिधि के रूप में तो किसी को पार्टी में एक नेता और कार्यकर्ता के रूप में काम की जिम्मेदारी दी जाती है. हालांकि, ये अलग बात है कि कई बार इस नियम की पालना नहीं हो पाती है.

राजस्थान की बात करें तो प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ खुद राज्यसभा सांसद हैं और इसके बावजूद उन्हें प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया. इससे पहले भी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को सांसद रहते हुए अध्यक्ष बनाया गया था तो वहीं सतीश पूनिया को विधायक रहते हुए अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई थी. अब संगठन की जब बात हो रही है तो इसमें भी माना जा रहा है कि जिन विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है, उन्हें संगठन में किसी पद से नवाजा जा सकता है. इसके साथ ही कुछ विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियों के जरिए जिम्मेदारी दी जा सकती है.

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हर कार्यकर्ता को मिलेगा काम : भाजपा ने जुलाई 2024 में राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को पार्टी के प्रदेश मुखिया की कमान सौंपी. इसके बाद पार्टी में शुरू हुए संगठनात्मक चुनाव में राठौड़ को सात महीने के बाद 22 फरवरी 2025 को विधिवत रूप से अध्यक्ष चुन लिया गया. पार्टी में नया अध्यक्ष आते ही अपनी नई कार्यकारिणी बनाता है, ताकि आसानी से कामकाज कर सके. राठौड़ की नई टीम को लेकर भी चर्चाएं हैं कि टीम के गठन को लेकर काफी कुछ खाका तैयार कर लिया गया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ पहले ही कह चुके हैं कि इस बार जो टीम बनेगी उसमें नए पुराने चेहरे शामिल किए जाएंगे. हर एक व्यक्ति को काम देने की कोशिश होगी, लेकिन यह सब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद होगा. उनकी अनुशंसा के बाद ही प्रदेश टीम की घोषणा होगी.

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