रायपुर: गर्मी के दिनों में आग लगने की घटनाओं में तेजी से इजाफा हो जाता है. ज्यादातर आग लगने की घटनाएं स्पार्किंग और शॉर्ट सर्किट की वजह से होती है. बड़े बड़े दुकान और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी इस इसकी चपेट में आ जाते हैं. गांव में तो गन्ने और गेहूं की फसल भी इसकी चपेट में आकर बर्बाद हो जाती है. इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए फायर फाइटर की टीम अक्सर लोगों को हिदायतें देती रहती है. इन सबके बावजूद आग लगने की घटनाओं में लगातार इजाफा होता जा रहा है.
आग लगने की घटनाओं में इजाफा: गर्मियों के सीजन में खासतौर पर अप्रैल और मई के महीने में इस तरह की घटनाएं ज्यादा देखने को मिलती है. एक अनुमान के मुताबिक रायपुर जिले में आगजनी की छोटी और बड़ी घटना को मिलाकर संबंधित विभाग के पास लगभग 400 फायर कॉल्स आये थे. आग के प्रकार भी अलग-अलग होते हैं. कई आग छोटी होती है और कई आग काफी बड़ी होती है जिस पर काबू पाने में समय लगता है.
एसडीआरएफ और होमगार्ड: एसडीआरएफ और होमगार्ड की संभागीय सेनानी अनिमा एस कुजूर ने बताया कि गर्मी के दिनों में घर या फिर कंपलेक्स के साथ ही खेत खलिहान में लगने वाले आग स्पार्किंग और ओवरलोडिंग के साथ ही खुले तार होने की वजह से आगजनी की घटना होती है. घर के बाहर की बात की जाए तो गन्ने के खेत या फिर कोई भी खड़ी फसल के साथ ही पैरावट में भी गर्मी के दिनों में आग लगने की घटना बढ़ जाती है. गर्मी के दिनों में ओवरलोडिंग होने की वजह से बिजली की खपत भी बढ़ जाती है जिसकी वजह से स्पापार्किंग और शॉर्ट सर्किट होने की वजह से आगजनी की घटना देखने को मिलती है.
कई बार यह भी देखने में आता है कि कॉम्प्लेक्स या फिर बड़ी बिल्डिंगों में साल में जो इलेक्ट्रिसिटी की मेंटेनेंस होनी चाहिए वह नहीं हो पाती जिसके कारण भी आगजनी की घटना होती है. इसका सबसे प्रमुख कारण ओवरलोडिंग है. ऐसे में आम लोगों को खुद जागरूक रहने की जरूरत है. घरों में जितने पंखे लाइट या फिर एसी की जरूरत है उसका इस्तेमाल सोच समझ कर करना चाहिए. कई बार लोग जरूरत से अधिक बिजली का इस्तेमाल करते हैं और लोड पड़ने की वजह से स्पार्किंग और शॉर्ट सर्किट होने की वजह से आगजनी की घटना सामने आती है: अनिमा एस कुजूर, संभागीय सेनानी, होमगार्ड और एसडीआरएफ
क्या है हादसों की बड़ी वजह: निमा एस कुजूर कहती है कि बचाव ही सुरक्षा है. घर के बाहर खेत या फिर खलिहान में आगजनी की घटना को लेकर लोगों को जागरूक होने की जरूरत है. ग्रामीणों के द्वारा कई बार पैरावट में आग लगाई जाती है और यही आग खड़ी फसल को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं. ऐसे में सतर्क और सावधान रहना चाहिए. ऐसे समय में छोटी आग है तो लोगों को खुद से होकर आग बुझाने के लिए आगे आना चाहिए. फायर ब्रिगेड का इंतजार ना करें.
फायर कॉल्स: एक अनुमान के मुताबिक रायपुर जिले में गर्मी के दिनों में विभाग के पास लगभग 400 फायर कॉल्स आते हैं. रायपुर जिले में छोटे और बड़े वाहन मिलाकर लगभग 26 गाड़ियां हैं जो आज आगजनी के समय आग बुझाने में मदद करते हैं. आगजनी की घटना से लोगों को जागरूक करने के लिए सोसायटी स्कूल कॉलेज में जाकर आगजनी से संबंधित जानकारी दी जाती है. इसके साथ ही फायरमैन लोगों को प्रशिक्षण भी देते हैं. घटना होने पर आपको कैसे निपटना है या फिर कैसे बचा जाए. इस बात की भी जानकारी उन्हें दी जाती है. इसके साथ ही हम पहले से क्या तैयारी करके रखें अलग-अलग जगह पर आग लगने के प्रकार भी अलग होते हैं.
आग लगने पर क्या करें क्या ना करें: आग लगने पर शांत रहना चाहिए. इस दौरान घबराना नहीं है. इसके साथ ही 101 पर कॉल करके आग लगने की सूचना देनी चाहिए. फायर अलार्म अगर सक्रिय है तो उसे बजाय. आग लगने पर लिफ्ट के बजाय सीढ़ीयो का उपयोग करें. धुएं में अगर आप फ़सते हैं तो अपनी नाक और मुंह को गीले कपड़े से ढक ले. कमरे से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तो खिड़की दरवाजों को बंद कर गले तो तौलिए चादर से दरवाजे के बीच की जगह को बंद कर दें ताकि धुआं कमरे के अंदर प्रवेश न कर पाए. अगर आप धुएं में गिर जाते हैं तो जमीन पर लेट जाएं. इससे धुंए का असर कम होगा. आग वाले क्षेत्र पर नजर रखने के साथ ही आग बुझाने तक वहीं पर रहे. आग बुझाने के लिए पानी बालू या मिट्टी का प्रयोग करें. घायलों को प्राथमिक उपचार करने के साथ ही उन्हें अस्पताल तक पहुंचाए.
फरवरी और मार्च 2025 में आग लगने की घटनाएं
- गरियाबंद में फरवरी महीने में आग लगने की 4 घटनाएं हुई जबकि मार्च में 5 घटनाएं घटी.
- धमतरी में फरवरी के महीने में 6 घटनाएं हुई जबकि मार्च के महीने में 13 घटनाएं हुई.
- कोरबा में फरवरी के महीने में 19 घटनाएं हुई, मार्च के महीने में 32 घटनाएं घटी.
- रायपुर में फरवरी के महीने में 1 घटना हुई और मार्च के महीने में भी 1 आगजनी की घटना हुई.
- बलरामपुर में फरवरी के महीने में 2 आग लगने की घटना हुई है मार्च के महीने में कोई भी घटना नहीं हुई.
- महासमुंद जिले में फरवरी के महीने में आग लगने की 8 घटना हुई है जबकि मार्च के महीने में आग लगने की कोई भी घटना नहीं हुई.
- बालोद जिले में फरवरी के महीने में 15 आग लगने की घटना हुई है जबकि मार्च के महीने में कोई घटना नहीं हुई.
- रायगढ़ में फरवरी के महीने में आग लगने की 4 घटना हुई है जबकि मार्च के महीने में कोई भी घटना नहीं हुई.
- कांकेर जिले में फरवरी के महीने में आग लगने की 8 घटना हुई जबकि मार्च के महीने में कोई घटना नहीं हुई.
- दंतेवाड़ा जिले में फरवरी और मार्च के महीने में कोई भी आग लगने की घटना नहीं हुई.
- जांजगीर चांपा जिले में फरवरी महीने में आग लगने की 54 घटना हुई जबकि मार्च के महीने में कोई घटना नहीं हुई.
- राजनादगांव जिले में फरवरी के महीने में 79 घटना हुई है जबकि मार्च के महीने में कोई भी घटना नहीं हुई है.
- सरगुजा जिले में फरवरी के महीने में 18 घटनाएं हुई जबकि मार्च के महीने में कोई घटना नहीं घटी.
- दुर्ग जिले में फरवरी के महीने में 25 घटनाएं घटी जबकि मार्च के महीने में कोई भी घटना नहीं हुई.
- बलौदा बाजार जिले में फरवरी के महीने में 17 घटनाएं घटी जबकि मार्च के महीने में कोई भी घटना नहीं हुई.
- रायपुर के माना कैंप में फरवरी के महीने में 76 घटनाएं घटी जबकि मार्च के महीने में कोई भी घटना नहीं घटी.