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कौन हैं रामपाल कश्यप? जिनको पीएम मोदी ने पहनाए जूते, ईटीवी भारत से शेयर किया अनुभव - WHO IS RAMPAL KASHYAP

Who is Rampal Kashyap: प्रधानमंत्री मोदी ने यमुनानगर में रामपाल कश्यप को जूते पहनाकर उनका 14 साल पुराना संकल्प पूरा किया. कौन हैं रामपाल कश्यप?

Who is Rampal Kashyap
Who is Rampal Kashyap (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : April 15, 2025 at 7:57 AM IST

Updated : April 15, 2025 at 8:52 AM IST

4 Min Read

कैथल: हरियाणा के यमुनानगर में सोमवार को आंबेडकर जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने न केवल क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, बल्कि एक अनोखे और भावनात्मक पल को भी साझा किया. पीएम मोदी ने कैथल के रामपाल कश्यप नामक व्यक्ति से मुलाकात की और उनके 14 साल पुराने संकल्प को पूरा करते हुए उन्हें अपने हाथों से जूते पहनाए.

रामपाल कश्यप का अनोखा संकल्प: रामपाल कश्यप हरियाणा के कैथल जिले के निवासी हैं. उन्होंने 14 वर्ष पहले एक असामान्य संकल्प लिया था. उन्होंने प्रण किया था कि जब तक नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन जाते और वह उनसे व्यक्तिगत रूप से नहीं मिल लेते, तब तक वह जूते नहीं पहनेंगे. इस संकल्प के तहत रामपाल पिछले 14 सालों से नंगे पैर रहे. उनकी यह निष्ठा और समर्पण उस समय सामने आया जब यमुनानगर में उनकी मुलाकात पीएम मोदी से हुई.

पीएम से मुलाकात के बाद रामपाल कश्यप ने ईटीवी भारत से शेयर किया अपना अनुभव (Etv Bharat)

रामपाल ने ईटीवी भारत के साथ साझा किया अनुभव: पीएम मोदी से मुलाकात में रामपाल ने अपनी कहानी उनके साथ साझा की, जिसे सुनकर प्रधानमंत्री भावुक हो गए. पीएम से मुलाकात के बाद रामपाल कश्यप ने ईटीवी भारत के साथ अपना अनुभव साझा किया उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने जूते ना पहनने का प्रण लिया और कैसे उनकी पीएम मोदी से मुलाकात हुई.

मजदूर हैं रामपाल कश्यप: 55 साल के रामपाल ने कहा "मैं कैथल के गांव खेड़ी गुलाम अली का रहने वाला हूं. 5वीं पास हूं और गांव में ही मजदूरी करता हूं. परिवार में पत्नी और 3 बच्चे हैं, जिनमें 2 लड़के और एक लड़की है. एक लड़के की शादी 3-4 महीने पहले हुई थी. बड़ा बेटा भी मजदूरी करता है. मैं BJP से 40 सालों से जुड़ा हुआ हूं. भाजपा मजदूरों की आवाज उठाती है, इसलिए मैं इस पार्टी से जुड़ा हूं. जब मैं छोटा था तो इनेलो के नेता डॉक्टर इंद्र ने मुझे इनेलो में शामिल होने के लिए कहा था. तब मैंने उन्हें कहा कि मैं भाजपा का ही झंडा उठाऊंगा और किसी पार्टी का नहीं."

जानें क्यों लगाई थी शर्त: रामपाल के दोस्त रिंकू शर्मा ने बताया कि गांव के ही व्यक्ति ने रामपाल को ताना मारा था कि ना भारत में भाजपा की सरकार आएगी और ना हरियाणा में. यहां तक उनके विधानसभा क्षेत्र गुहला में भी भाजपा नहीं आएगी. इस पर रामपाल ने प्रण लिया कि जब तक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं बन जाते और BJP की सरकार नहीं बन जाती तब तक वह जूते नहीं पहनेंगे. उन्होंने कहा कि 14 साल का वनवास श्रीराम का और 14 साल का ही वनवास रामपाल का रहा.

प्रधानमंत्री का भावनात्मक संदेश: इससे पहले पीएम मोदी सोमवार को रामपाल से मिले और उन्हें जूते पहनाए. पीएम ने कहा "आज हम तुम्हें जूते पहना रहे हैं, लेकिन भविष्य में ऐसा प्रण दोबारा मत लेना. हमें देश और समाज के लिए काम करना चाहिए." उन्होंने रामपाल के सामने जूते रखे और उनकी मदद की. इस दौरान पीएम ने उनकी पीठ थपथपाकर उन्हें शुभकामनाएं दीं. रामपाल ने हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया. पीएम मोदी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में भी रामपाल की भावनाओं की सराहना की, लेकिन साथ ही जनता से आग्रह किया कि इस तरह के व्यक्तिगत प्रण लेने के बजाय सामाजिक और राष्ट्रीय हित में कार्य करने का संकल्प लें.

ये भी पढ़ें- 14 साल पुरानी प्रतिज्ञा पूरी : कौन है हरियाणा के रामपाल कश्यप जिन्हें पीएम मोदी ने खुद बुलाकर पहनाएं जूते, 14 साल तक रहे नंगे पांव - PM MODI AND RAMPAL KASHYAP

ये भी पढ़ें- हिसार में पीएम मोदी का कांग्रेस पर करारा वार, कहा - मुस्लिमों की इतनी है चिंता तो पार्टी का अध्यक्ष क्यों नहीं बनाते - PM MODI ON WAQF ACT

कैथल: हरियाणा के यमुनानगर में सोमवार को आंबेडकर जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने न केवल क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, बल्कि एक अनोखे और भावनात्मक पल को भी साझा किया. पीएम मोदी ने कैथल के रामपाल कश्यप नामक व्यक्ति से मुलाकात की और उनके 14 साल पुराने संकल्प को पूरा करते हुए उन्हें अपने हाथों से जूते पहनाए.

रामपाल कश्यप का अनोखा संकल्प: रामपाल कश्यप हरियाणा के कैथल जिले के निवासी हैं. उन्होंने 14 वर्ष पहले एक असामान्य संकल्प लिया था. उन्होंने प्रण किया था कि जब तक नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन जाते और वह उनसे व्यक्तिगत रूप से नहीं मिल लेते, तब तक वह जूते नहीं पहनेंगे. इस संकल्प के तहत रामपाल पिछले 14 सालों से नंगे पैर रहे. उनकी यह निष्ठा और समर्पण उस समय सामने आया जब यमुनानगर में उनकी मुलाकात पीएम मोदी से हुई.

पीएम से मुलाकात के बाद रामपाल कश्यप ने ईटीवी भारत से शेयर किया अपना अनुभव (Etv Bharat)

रामपाल ने ईटीवी भारत के साथ साझा किया अनुभव: पीएम मोदी से मुलाकात में रामपाल ने अपनी कहानी उनके साथ साझा की, जिसे सुनकर प्रधानमंत्री भावुक हो गए. पीएम से मुलाकात के बाद रामपाल कश्यप ने ईटीवी भारत के साथ अपना अनुभव साझा किया उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने जूते ना पहनने का प्रण लिया और कैसे उनकी पीएम मोदी से मुलाकात हुई.

मजदूर हैं रामपाल कश्यप: 55 साल के रामपाल ने कहा "मैं कैथल के गांव खेड़ी गुलाम अली का रहने वाला हूं. 5वीं पास हूं और गांव में ही मजदूरी करता हूं. परिवार में पत्नी और 3 बच्चे हैं, जिनमें 2 लड़के और एक लड़की है. एक लड़के की शादी 3-4 महीने पहले हुई थी. बड़ा बेटा भी मजदूरी करता है. मैं BJP से 40 सालों से जुड़ा हुआ हूं. भाजपा मजदूरों की आवाज उठाती है, इसलिए मैं इस पार्टी से जुड़ा हूं. जब मैं छोटा था तो इनेलो के नेता डॉक्टर इंद्र ने मुझे इनेलो में शामिल होने के लिए कहा था. तब मैंने उन्हें कहा कि मैं भाजपा का ही झंडा उठाऊंगा और किसी पार्टी का नहीं."

जानें क्यों लगाई थी शर्त: रामपाल के दोस्त रिंकू शर्मा ने बताया कि गांव के ही व्यक्ति ने रामपाल को ताना मारा था कि ना भारत में भाजपा की सरकार आएगी और ना हरियाणा में. यहां तक उनके विधानसभा क्षेत्र गुहला में भी भाजपा नहीं आएगी. इस पर रामपाल ने प्रण लिया कि जब तक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं बन जाते और BJP की सरकार नहीं बन जाती तब तक वह जूते नहीं पहनेंगे. उन्होंने कहा कि 14 साल का वनवास श्रीराम का और 14 साल का ही वनवास रामपाल का रहा.

प्रधानमंत्री का भावनात्मक संदेश: इससे पहले पीएम मोदी सोमवार को रामपाल से मिले और उन्हें जूते पहनाए. पीएम ने कहा "आज हम तुम्हें जूते पहना रहे हैं, लेकिन भविष्य में ऐसा प्रण दोबारा मत लेना. हमें देश और समाज के लिए काम करना चाहिए." उन्होंने रामपाल के सामने जूते रखे और उनकी मदद की. इस दौरान पीएम ने उनकी पीठ थपथपाकर उन्हें शुभकामनाएं दीं. रामपाल ने हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया. पीएम मोदी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में भी रामपाल की भावनाओं की सराहना की, लेकिन साथ ही जनता से आग्रह किया कि इस तरह के व्यक्तिगत प्रण लेने के बजाय सामाजिक और राष्ट्रीय हित में कार्य करने का संकल्प लें.

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Last Updated : April 15, 2025 at 8:52 AM IST
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