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कब से शुरू होगा त्रिकुट पर्वत रोपवे, हादसे को बीते हो गए तीन साल, सरकार के आश्वासन भी फेल - TIRKUT PARVAT

तीन साल पहले त्रिकुट रोपवे हादसे के बाद से यह बंद पड़ हुआ है. सैलानियों की संख्या भी काफी कम हो गई है.

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त्रिकुट पर्वत रोपवे (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : April 3, 2025 at 2:10 PM IST

4 Min Read

देवघर: जिले में बाबा बैद्यनाथ धाम के बाद त्रिकुट पर्वत सबसे महत्वपूर्ण दार्शनिक स्थल के रूप में जाना जाता है. यहां जो भी श्रद्धालु बाबा धाम में पूजा करने पहुंचते हैं, वह एक बार त्रिकुट पहाड़ जरूर घूमने जाते हैं. लेकिन इन दिनों त्रिकुट पहाड़ पर सैलानियों की संख्या कम हो रही है, क्योंकि वर्ष 2022 में त्रिकुट पहाड़ पर रोपवे हादसे के बाद लोगों का यहां आना काफी कम हो गया है.

रोपवे बंद होने से कमाई पर पड़ रहा असर

स्थानीय लोगों ने बताया कि जब से रोपवे हादसा हुआ है, तब से सैलानियों की संख्या में काफी कमी आई है. लोगों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द रोपवे को दुरुस्त किया जाए ताकि पहले की तरह यहां की रौनक वापस लौट आए. त्रिकुट पहाड़ पर काम करने वाले फोटोग्राफर ने भी कहा कि जब रोपवे हुआ करता था, उस समय उनकी आमदनी प्रतिदिन पांच सौ से हजार रुपये हुआ करती थी, लेकिन वर्ष 2022 से त्रिकुट पहाड़ पर काम करने वाले सभी फोटोग्राफर और दुकानदारों की आमदनी ना के बराबर हो गई है.

संवाददाता हितेश चौधरी की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

मंत्री के आश्वासन के बाद भी नहीं चालू हुआ रोपवे

कुछ दिन पहले ही झामुमो सांसद नलिन सोरेन ने भी राज्य के पर्यटन मंत्री से आग्रह किया था कि जल्द से जल्द रोपवे को दुरुस्त किया जाए, ताकि फिर से देवघर में सैलानियों की संख्या में बढ़ोतरी हो सके. महाशिवरात्रि के मौके पर जब राज्य के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू देवघर पहुंचे थे तो उन्होंने भी देवघर वासियों को यह आश्वासन दिया था कि जल्द से जल्द त्रिकुट रोपवे को फिर से संचालित कर दिया जाएगा.

When will constructed Trikut ropeway Parvat in deoghar
त्रिकुट पर्वत जाने का रास्ता (ETV BHARAT)

त्रिकुट पहाड़ पर घूमने पहुंचे त्रिपुरा निवासी रूपेण देव वर्मा ने बताया कि उन्होंने त्रिकुट पहाड़ के बारे में टीवी और धार्मिक किताबों में पढ़ा था, लेकिन उन्हें आज पहली बार यहां घूमने का मौका मिला है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर रोपवे होता तो आज वह भी त्रिकुट के इतिहास को अच्छे से समझ पाते.

When will constructed Trikut ropeway Parvat in deoghar
त्रिकुट पर्वत की तस्वीर (ETV BHARAT)

सैलानियों की संख्या में आई कमी

सैलानियों से कमाने वाले स्थानीय लोगों ने बताया कि जब रोपवे हादसा नहीं हुआ था तो उस वक्त सैलानियों की संख्या हजारों में होती थी. लेकिन इस हादसे के बाद से सैलानियों की संख्या सैकड़ों में हो गई है. लोगों ने कहा कि त्रिकुट पहाड़ पर सैलानियों के लिए सिर्फ रोपवे ही आकर्षण का केंद्र नहीं है, बल्कि यहां पर बने कई प्राचीन मंदिर भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. लेकिन जिला प्रशासन और राज्य सरकार की उदासीन रवैया के कारण यहां पर बने प्राचीन मंदिरों की भी देखरेख सही तरीके से नहीं हो पा रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द से जल्द रोपवे को दुरुस्त नहीं किया जाता है तो निश्चित रूप से राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान तो होगा ही साथ ही लोगों के कमाई पर भी इसका असर पड़ेगा.

वहीं, रोपवे दुरुस्त को लेकर हमने जब राज्य के पर्यटन सचिव एवं वरिष्ठ आईएएस मनोज कुमार से बात की, तो उन्होंने कहा कि इसको लेकर विभिन्न विभागों और पथ निर्माण विभाग से समन्वय बनाया जा रहा है. रोपवे के निर्माण में कई ऐसे समान हैं जो विदेशों से लाए जाते हैं. इसलिए अगले एक से दो साल में नया रोपवे का निर्माण कर दिया जाएगा. जहां पर पुराना रोपवे बनाया गया है उसे हटाकर नए रोपवे बनाने की तैयारी शुरू की जा रही है.

ये भी पढ़ें: त्रिकुट पहाड़ रोपवे बंद होने से इंसान ही नहीं बंदर भी परेशान, भूख प्यास से हो रहे बेहाल

देवघर में त्रिकूट हिल्स रोपवे हादसाः वायु सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जान गंवाने वालों के लिए जताया दुख, जानें और क्या कहा

त्रिकूट रोपवे हादसे से ठीक पहले का वीडियो सामने आया

त्रिकुट रोपवे हादसा: जिला प्रशासन का रवैया असंवेदनशील, मां को खोने वाले बेटे ने खोली पोल

देवघर: जिले में बाबा बैद्यनाथ धाम के बाद त्रिकुट पर्वत सबसे महत्वपूर्ण दार्शनिक स्थल के रूप में जाना जाता है. यहां जो भी श्रद्धालु बाबा धाम में पूजा करने पहुंचते हैं, वह एक बार त्रिकुट पहाड़ जरूर घूमने जाते हैं. लेकिन इन दिनों त्रिकुट पहाड़ पर सैलानियों की संख्या कम हो रही है, क्योंकि वर्ष 2022 में त्रिकुट पहाड़ पर रोपवे हादसे के बाद लोगों का यहां आना काफी कम हो गया है.

रोपवे बंद होने से कमाई पर पड़ रहा असर

स्थानीय लोगों ने बताया कि जब से रोपवे हादसा हुआ है, तब से सैलानियों की संख्या में काफी कमी आई है. लोगों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द रोपवे को दुरुस्त किया जाए ताकि पहले की तरह यहां की रौनक वापस लौट आए. त्रिकुट पहाड़ पर काम करने वाले फोटोग्राफर ने भी कहा कि जब रोपवे हुआ करता था, उस समय उनकी आमदनी प्रतिदिन पांच सौ से हजार रुपये हुआ करती थी, लेकिन वर्ष 2022 से त्रिकुट पहाड़ पर काम करने वाले सभी फोटोग्राफर और दुकानदारों की आमदनी ना के बराबर हो गई है.

संवाददाता हितेश चौधरी की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

मंत्री के आश्वासन के बाद भी नहीं चालू हुआ रोपवे

कुछ दिन पहले ही झामुमो सांसद नलिन सोरेन ने भी राज्य के पर्यटन मंत्री से आग्रह किया था कि जल्द से जल्द रोपवे को दुरुस्त किया जाए, ताकि फिर से देवघर में सैलानियों की संख्या में बढ़ोतरी हो सके. महाशिवरात्रि के मौके पर जब राज्य के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू देवघर पहुंचे थे तो उन्होंने भी देवघर वासियों को यह आश्वासन दिया था कि जल्द से जल्द त्रिकुट रोपवे को फिर से संचालित कर दिया जाएगा.

When will constructed Trikut ropeway Parvat in deoghar
त्रिकुट पर्वत जाने का रास्ता (ETV BHARAT)

त्रिकुट पहाड़ पर घूमने पहुंचे त्रिपुरा निवासी रूपेण देव वर्मा ने बताया कि उन्होंने त्रिकुट पहाड़ के बारे में टीवी और धार्मिक किताबों में पढ़ा था, लेकिन उन्हें आज पहली बार यहां घूमने का मौका मिला है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर रोपवे होता तो आज वह भी त्रिकुट के इतिहास को अच्छे से समझ पाते.

When will constructed Trikut ropeway Parvat in deoghar
त्रिकुट पर्वत की तस्वीर (ETV BHARAT)

सैलानियों की संख्या में आई कमी

सैलानियों से कमाने वाले स्थानीय लोगों ने बताया कि जब रोपवे हादसा नहीं हुआ था तो उस वक्त सैलानियों की संख्या हजारों में होती थी. लेकिन इस हादसे के बाद से सैलानियों की संख्या सैकड़ों में हो गई है. लोगों ने कहा कि त्रिकुट पहाड़ पर सैलानियों के लिए सिर्फ रोपवे ही आकर्षण का केंद्र नहीं है, बल्कि यहां पर बने कई प्राचीन मंदिर भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. लेकिन जिला प्रशासन और राज्य सरकार की उदासीन रवैया के कारण यहां पर बने प्राचीन मंदिरों की भी देखरेख सही तरीके से नहीं हो पा रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द से जल्द रोपवे को दुरुस्त नहीं किया जाता है तो निश्चित रूप से राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान तो होगा ही साथ ही लोगों के कमाई पर भी इसका असर पड़ेगा.

वहीं, रोपवे दुरुस्त को लेकर हमने जब राज्य के पर्यटन सचिव एवं वरिष्ठ आईएएस मनोज कुमार से बात की, तो उन्होंने कहा कि इसको लेकर विभिन्न विभागों और पथ निर्माण विभाग से समन्वय बनाया जा रहा है. रोपवे के निर्माण में कई ऐसे समान हैं जो विदेशों से लाए जाते हैं. इसलिए अगले एक से दो साल में नया रोपवे का निर्माण कर दिया जाएगा. जहां पर पुराना रोपवे बनाया गया है उसे हटाकर नए रोपवे बनाने की तैयारी शुरू की जा रही है.

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