MP Weather Alert : मध्य प्रदेश में मानसून से पहले ही थंडरस्टॉर्म तबाही मचा सकती है. दरअसल, मौसम विभाग ने आज पश्चिमी मध्य प्रदेश में तूफान, मेघ गर्जन के साथ बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है. आईएमडी के मौसम वैज्ञानिक डॉ. सुप्रीत कुमार के मुताबिक देश के पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा लेकिन कल से उसकी तीव्रता में कमी आएगी. वहीं मध्य प्रदेश में तूफानी हवाओं के साथ बिजली गिरने का अलर्ट है. पश्चिमी मध्य प्रदेश में थंडर स्टॉर्म का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
एमपी में तबाही ला सकती है थंडरस्टॉर्म
आईएमडी के मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बुधवार से गुरुवार के बीच पश्चिमी मध्य प्रदेश के इंदौर, रतलाम, उज्जैन समेत पूरे मालवा, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, चंबल, दतिया, बुरहानपुर, खंडवा, बैतूल, सीहोर, सुजालपुर, अलीराजपुर, बड़वानी, धार, झाबुआ, नीमच, मंदसौर और भोपाल के कुछ हिस्सों समेत प्रदेश के कई जिलों में 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान चल सकता है. इससे इन इलाकों में हवाएं खतरनाक हो सकती है. इसके साथ ही इन जिलों में भारी गर्जना के साथ बिजली गिरने की चेतावनी है.

आधे एमपी में सताएगी गर्मी, आधे में तूफान
आईएमडी के वेदर बुलेटिन में पश्चिमी मध्य प्रदेश के लिए जहां थंडरस्टॉर्म का आरेंज अलर्ट है, तो वहीं पूर्वी मध्य प्रदेश में इसका असर कम रहेगा. पूर्वी मध्य प्रदेश के जिलों में तेज गर्मी परेशान कर सकती है.
2 दिन प्री मानसून बारिश के आसार
मौसम विभाग भोपाल के वैज्ञानिक डॉ. अभय शर्मा के मुताबिक, ''दो मौसमी सिस्टम के सक्रिय होने से हल्की बारिश की भी संभावनाएं बन रही हैं. दक्षिण-पश्चिम मानसून महाराष्ट्र से आगे नहीं आया है. वहीं एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस पंजाब के ऊपर और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन हरियाणा व उप्र के ऊपर बना हुआ है. इसी वजह से हल्की बारिश के साथ मौसम लगातार बदल रहा है. 4 से 5 जून तक को इंदौर-भोपाल सहित संभाग के जिलों में हल्की प्री मानसून बारिश हो सकती है.

मध्य प्रदेश में कब आएगा मॉनसून?
यूं तो साउथ वेस्ट मानसून समय से 7 दिन पहले यानी 24 मई को केरल पहुंच गया था लेकिन इसके मध्य प्रदेश पहुंचने में कुछ दिन का समय और लग सकता है. दरअसल, केरल पहुंचने के बाद मानसून, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, उड़ीशा तक बढ़ा पर इसकी रफ्तार फिलहाल धीमी पड़ गई है. आईएमडी के डायरेक्टर डॉ. मृत्युंजय महापात्रा के मुताबिक, '' 7 जून तक मानसून की आगे बढ़ने की रफ्तार धीमी रह सकती है. हालांकि, अगर आप मानसून का डाटा देखें तो इसके धीमे पड़ने के बावजूद ये नॉर्मल डेट से काफी आगे है.''
पूरे देश के लिए बेहद जरूरी है दक्षिण पश्चिमी मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक केवल मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए दक्षिण पश्चिमी मानसून एक खास भूमिका निभाता है. देश में होने वाली कुल बारिश का 70 फीसदी हिस्सा दक्षिण पश्चिम यानी साउथ वेस्ट मानसून से ही आता है. देश में कुल बुवाई का 45 फीसदी हिस्सा सिंचाई के लिए इसी मानसून पर निर्भर करता है. ऐसे में भारत की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देने वाले कृषि क्षेत्र के लिए दक्षिण पश्चिमी मानसून बेहद जरूरी हो जाता है.
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