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यूपी के इस गांव में पहुंचा पानी; महिलाएं बोलीं- सोने से कम नहीं इसका मोल, पहले एक-एक बूंद के लिए करना पड़ता था संघर्ष - CHITRAKOOT NEWS

जल जीवन मिशन के तहत पानी पहुंचने से गोपीपुर गांव की तस्वीर बदल गई है. अब लड़कों की शादियां होने लगी हैं.

घर-घर पहुंचा नल.
घर-घर पहुंचा नल. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 26, 2025 at 8:40 PM IST

3 Min Read

चित्रकूट : बुंदेलखंड के चित्रकूट का पाठा हमेशा से पानी की समस्याओं से जूझता रहा है. पाठा में लगभग तीन हजार की जनसंख्या वाला गांव गोपीपुर में सुबह की पहली किरण निकलते ही ग्रामीण पैदल, साइकिल या बैलगाड़ी से पानी लेने के लिए निकल जाते थे और देर शाम तक घर लौटते थे.

गोपीपुर में पानी की इतनी समस्या थी कि कोई भी अपनी बहन-बेटी की शादी गांव में नहीं करता था. धीरे-धीरे वक्त बदला, सरकारें बदली और अब इस गांव की तस्वीर भी बदल गई है. 2024 तक ग्रामीण पानी की एक एक बूंद के लिए तरसते थे, पर अब जलजीवन मिशन के तहत दरवाजे तक पानी पहुंच रहा है. गोपीपुर गांव में लगभग 80 प्रतिशत यादव समाज के लोग हैं.

जल जीवन मिशन से गांव की तस्वीर बदली. (Video Credit; ETV Bharat)

पूरा जीवन पानी भरने में निकल गया : गांव की महिलाओं ने बताया कि हम लोग पहले पानी की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित होते थे. शादी के बाद हम लोगों का पूरा जीवन पानी भरने में निकल गया. गर्मी में हम लोगों को घंटों लाइन में लगकर झगड़ कर पानी लेना पड़ता था. यहां तक कि कई किलोमीटर दूर चलकर बैलगाड़ी में हम लोग पानी लाते थे. अब गांव में घर-घर पानी आने से हमारी जिंदगी आसान हो गई है.

रोशनी ने बताया कि तीन दिनों पहले उसके घर में विवाह कार्यक्रम था, जिसमें जल जीवन मिशन के तहत लगाए गए नल ने उनका काफी साथ दिया. पहले पानी की समस्याओं से जूझना पड़ता था. पानी खरीदने में ही बहुत पैसे चले जाते थे.

घर तक पानी पहुंचने से महिलाएं काफी खुश हैं.
घर तक पानी पहुंचने से महिलाएं काफी खुश हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

पुराने दिन याद करके काफी दर्द होता है : सुशीला ने बताया, 30 साल पहले विवाह कर आई थी. पुराने दिन याद आ जाते हैं तो काफी पीड़ा होती है. घरों में नल लगने के पहले वह अपने सिर पर बड़े-बड़े बर्तन रखकर पानी भरा करती थी, जिसका दर्द आज भी उन्हें महसूस होता है. पानी का मोल अच्छे से जानती हूं. पानी भरने के बाद वह नल को बंद कर देती हैं और एक भी बूंद पानी बर्बाद नहीं होने देतीं.

उन्होंने बताया कि हर घर नल योजना ने जैसे उनका जीवन ही बदल दिया है. उनका जीवन हरा भरा हो गया है. उन्होंने मौजूदा सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह सरकार दोबारा फिर आए, यह सरकार हमारे घरों में पानी के रूप में सोना दे रही है. जिन्होंने इस योजना को चालू किया है वह युग युग जिए.

अब लोगों को पानी लेने दूर नहीं जाना पड़ता है.
अब लोगों को पानी लेने दूर नहीं जाना पड़ता है. (Photo Credit; ETV Bharat)

24 घंटे में दो बार दी जा रही सप्लाई : सहायक अभियंता जल निगम बिस्मिल्लाह खान ने बताया कि पाठा क्षेत्र के लगभग हर गांव में पाइपलाइन को बिछाकर ग्रामीणों के घर-घर तक नल का कनेक्शन कर दिया गया है. कुछ एक गांव ऐसे हैं जहां ऊंचाई होने के चलते पानी नहीं पहुंच पा रहा है. उप जिलाअधिकारी के निर्देश के अनुसार हम लोग जल्द ही इन गांवों तक भी पानी पहुंचा देंगे. 24 घंटे में दो बार दो-दो घंटे पानी की सप्लाई दी जा रही है.

यह भी पढ़ें: हमीरपुर-झांसी-बांदा में दूर होंगी 'हर घर नल से जल' योजना की खामियां; मुख्यालय ने तलब की रिपोर्ट

चित्रकूट : बुंदेलखंड के चित्रकूट का पाठा हमेशा से पानी की समस्याओं से जूझता रहा है. पाठा में लगभग तीन हजार की जनसंख्या वाला गांव गोपीपुर में सुबह की पहली किरण निकलते ही ग्रामीण पैदल, साइकिल या बैलगाड़ी से पानी लेने के लिए निकल जाते थे और देर शाम तक घर लौटते थे.

गोपीपुर में पानी की इतनी समस्या थी कि कोई भी अपनी बहन-बेटी की शादी गांव में नहीं करता था. धीरे-धीरे वक्त बदला, सरकारें बदली और अब इस गांव की तस्वीर भी बदल गई है. 2024 तक ग्रामीण पानी की एक एक बूंद के लिए तरसते थे, पर अब जलजीवन मिशन के तहत दरवाजे तक पानी पहुंच रहा है. गोपीपुर गांव में लगभग 80 प्रतिशत यादव समाज के लोग हैं.

जल जीवन मिशन से गांव की तस्वीर बदली. (Video Credit; ETV Bharat)

पूरा जीवन पानी भरने में निकल गया : गांव की महिलाओं ने बताया कि हम लोग पहले पानी की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित होते थे. शादी के बाद हम लोगों का पूरा जीवन पानी भरने में निकल गया. गर्मी में हम लोगों को घंटों लाइन में लगकर झगड़ कर पानी लेना पड़ता था. यहां तक कि कई किलोमीटर दूर चलकर बैलगाड़ी में हम लोग पानी लाते थे. अब गांव में घर-घर पानी आने से हमारी जिंदगी आसान हो गई है.

रोशनी ने बताया कि तीन दिनों पहले उसके घर में विवाह कार्यक्रम था, जिसमें जल जीवन मिशन के तहत लगाए गए नल ने उनका काफी साथ दिया. पहले पानी की समस्याओं से जूझना पड़ता था. पानी खरीदने में ही बहुत पैसे चले जाते थे.

घर तक पानी पहुंचने से महिलाएं काफी खुश हैं.
घर तक पानी पहुंचने से महिलाएं काफी खुश हैं. (Photo Credit; ETV Bharat)

पुराने दिन याद करके काफी दर्द होता है : सुशीला ने बताया, 30 साल पहले विवाह कर आई थी. पुराने दिन याद आ जाते हैं तो काफी पीड़ा होती है. घरों में नल लगने के पहले वह अपने सिर पर बड़े-बड़े बर्तन रखकर पानी भरा करती थी, जिसका दर्द आज भी उन्हें महसूस होता है. पानी का मोल अच्छे से जानती हूं. पानी भरने के बाद वह नल को बंद कर देती हैं और एक भी बूंद पानी बर्बाद नहीं होने देतीं.

उन्होंने बताया कि हर घर नल योजना ने जैसे उनका जीवन ही बदल दिया है. उनका जीवन हरा भरा हो गया है. उन्होंने मौजूदा सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह सरकार दोबारा फिर आए, यह सरकार हमारे घरों में पानी के रूप में सोना दे रही है. जिन्होंने इस योजना को चालू किया है वह युग युग जिए.

अब लोगों को पानी लेने दूर नहीं जाना पड़ता है.
अब लोगों को पानी लेने दूर नहीं जाना पड़ता है. (Photo Credit; ETV Bharat)

24 घंटे में दो बार दी जा रही सप्लाई : सहायक अभियंता जल निगम बिस्मिल्लाह खान ने बताया कि पाठा क्षेत्र के लगभग हर गांव में पाइपलाइन को बिछाकर ग्रामीणों के घर-घर तक नल का कनेक्शन कर दिया गया है. कुछ एक गांव ऐसे हैं जहां ऊंचाई होने के चलते पानी नहीं पहुंच पा रहा है. उप जिलाअधिकारी के निर्देश के अनुसार हम लोग जल्द ही इन गांवों तक भी पानी पहुंचा देंगे. 24 घंटे में दो बार दो-दो घंटे पानी की सप्लाई दी जा रही है.

यह भी पढ़ें: हमीरपुर-झांसी-बांदा में दूर होंगी 'हर घर नल से जल' योजना की खामियां; मुख्यालय ने तलब की रिपोर्ट

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