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लोहरदगा में पानी के लिए हाहाकार! जलापूर्ति योजना ने तोड़ा दम, वैकल्पिक व्यवस्था में जुटा प्रशासन - WATER CRISIS IN LOHARDAGA

लोहरदगा में गर्मी शुरू होने से पहले ही जल शंकट शुरू हो गया है. कोयल और शंख नदी में पानी खत्म हो गया है.

WATER CRISIS IN LOHARDAGA
जलापूर्ति का जायजा लेते विभागीय पदाधिकारी (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : March 19, 2025 at 3:26 PM IST

3 Min Read

लोहरदगा: जिले में मार्च महीने में ही जल संकट शुरू हो गया है. नगर परिषद के आंकड़े बताते हैं कि लोहरदगा शहर में 12900 परिवार निवास करते हैं. लगभग 6000 परिवारों के पास वैध और अवैध जलापूर्ति कनेक्शन है. लोहरदगा शहर में रहने वाले लोगों के लिए पेयजल की व्यवस्था शहरी जलापूर्ति योजना के माध्यम से होती है. गर्मी अभी शुरू भी नहीं हुई कि शहरी जलापूर्ति योजना दम तोड़ चुकी है और जलापूर्ति ठप हो गई है. पानी के लिए हाहाकार मच गया है.

कोयल और शंख नदी का पानी सूखा

लोहरदगा शहरी क्षेत्र का इंटेक वेल कोयल और शंख नदी में बना हुआ है. ज्यादातर जलापूर्ति कोयल भक्सो स्थित इंटक वेल के माध्यम से होता है. 17 मार्च 2025 तक कोयल नदी के लगभग 15 फीट नीचे से पाइप से पानी खींचकर जलापूर्ति की जा रही थी. लेकिन अचानक से जलस्तर और तीन मीटर नीचे चला गया. जिसकी वजह से जलापूर्ति बंद पड़ गई है. नगर परिषद के प्रशासक मुक्ति किंडो ने भक्सो कोयल स्थित इंटक वेल में पहुंचकर मामले की जांच भी की. स्थिति बेहद चिंता जनक है.

संवाददाता विक्रम चौहान की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)

नगर परिषद यह कोशिश कर रही है कि जलापूर्ति के लिए इंटक वेल को और प्रभावी बनाया जाए. जिसमें कुछ समय लग सकता है. तब तक जलापूर्ति आंशिक रूप से ही संभव है. लेकिन उसके लिए भी नदी में पानी का होना जरूरी है. नगर परिषद समस्या को लेकर काफी चिंतित हैं. नगर परिषद के प्रशासक मुक्ति किंडो कहते हैं कि शहर में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर पानी की आवश्यकता है. फिलहाल तीन वॉटर टावर के माध्यम से जलापूर्ति हो रही है. नगर परिषद के पास 14 वॉटर टैंकर हैं. इसके अलावा 64 सोलर आधारित जल मीनार योजना भी हैं.

मुक्ति किंडो ने कहा कि वैकल्पिक माध्यमों से ही लोगों को पानी पहुंचाने की कोशिश की जाएगी. समस्या का हल करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार समय से पहले नदी सूख चुकी है. फिर भी नगर परिषद हर संभव प्रयास कर रही है कि वह लोगों को पानी उपलब्ध कराई जाए. शहरी जलापूर्ति योजना के संवेदक कुमार संदीप का कहना है कि पूर्ण रूप से जलापूर्ति कुछ दिनों तक बंद रह सकती है. हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द समस्या का समाधान हो सकें.

ये भी पढ़ें- खूंटी शहर के लोगों को गर्मी में हो सकती है पानी की किल्लत, वैकल्पिक व्यवस्था में जुटी नगर पंचायत

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लोहरदगा: जिले में मार्च महीने में ही जल संकट शुरू हो गया है. नगर परिषद के आंकड़े बताते हैं कि लोहरदगा शहर में 12900 परिवार निवास करते हैं. लगभग 6000 परिवारों के पास वैध और अवैध जलापूर्ति कनेक्शन है. लोहरदगा शहर में रहने वाले लोगों के लिए पेयजल की व्यवस्था शहरी जलापूर्ति योजना के माध्यम से होती है. गर्मी अभी शुरू भी नहीं हुई कि शहरी जलापूर्ति योजना दम तोड़ चुकी है और जलापूर्ति ठप हो गई है. पानी के लिए हाहाकार मच गया है.

कोयल और शंख नदी का पानी सूखा

लोहरदगा शहरी क्षेत्र का इंटेक वेल कोयल और शंख नदी में बना हुआ है. ज्यादातर जलापूर्ति कोयल भक्सो स्थित इंटक वेल के माध्यम से होता है. 17 मार्च 2025 तक कोयल नदी के लगभग 15 फीट नीचे से पाइप से पानी खींचकर जलापूर्ति की जा रही थी. लेकिन अचानक से जलस्तर और तीन मीटर नीचे चला गया. जिसकी वजह से जलापूर्ति बंद पड़ गई है. नगर परिषद के प्रशासक मुक्ति किंडो ने भक्सो कोयल स्थित इंटक वेल में पहुंचकर मामले की जांच भी की. स्थिति बेहद चिंता जनक है.

संवाददाता विक्रम चौहान की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)

नगर परिषद यह कोशिश कर रही है कि जलापूर्ति के लिए इंटक वेल को और प्रभावी बनाया जाए. जिसमें कुछ समय लग सकता है. तब तक जलापूर्ति आंशिक रूप से ही संभव है. लेकिन उसके लिए भी नदी में पानी का होना जरूरी है. नगर परिषद समस्या को लेकर काफी चिंतित हैं. नगर परिषद के प्रशासक मुक्ति किंडो कहते हैं कि शहर में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर पानी की आवश्यकता है. फिलहाल तीन वॉटर टावर के माध्यम से जलापूर्ति हो रही है. नगर परिषद के पास 14 वॉटर टैंकर हैं. इसके अलावा 64 सोलर आधारित जल मीनार योजना भी हैं.

मुक्ति किंडो ने कहा कि वैकल्पिक माध्यमों से ही लोगों को पानी पहुंचाने की कोशिश की जाएगी. समस्या का हल करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार समय से पहले नदी सूख चुकी है. फिर भी नगर परिषद हर संभव प्रयास कर रही है कि वह लोगों को पानी उपलब्ध कराई जाए. शहरी जलापूर्ति योजना के संवेदक कुमार संदीप का कहना है कि पूर्ण रूप से जलापूर्ति कुछ दिनों तक बंद रह सकती है. हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द समस्या का समाधान हो सकें.

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