बलौदा बाजार: अर्जुनी वन परिक्षेत्र में 28 हाथियों का झुंड पिछले कई दिनों से टिका था. मानसून के आने से पहले हाथियों का ये झुंड अब वापस गिरौधपुरी धाम की ओर लौटने लगा है. मेहमान हाथियों के झुंड में कई छोटे हाथी भी शामिल हैं जो जंगल से सटे इलाकों में जमकर भाग दौड़ कर रहे हैं. झुंड में शामिल बड़े हाथी इन छोटे हाथियों को संभालते और आगे की ओर बढ़ाते देखे जा रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग इन हाथियों के झुंड को अपने मोबाइल कैमरों में कैद कर रहे हैं.
हाथियों के झुंड की वन विभाग कर रहा मॉनिटरिंग: वन विभाग ने ताकीद की है कि लोग इन हाथियों के झुंड के पास नहीं जाएं. हाथियों के झुंड में जब बच्चे होते हैं तो हाथी काफी आक्रामक अंदाज में होते हैं. हाथी अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए इंसानों को खतरा समझ हमलावर भी हो सकते हैं. 28 हाथियों के इस झुंड में कुल 14 हाथी के बच्चे हैं. करीब एक साल का वक्त बिताकर हाथियों का ये झुंड वापस गिरौधपुरी लौटा है. लौटने के दौरान हाथियों ने घने जंगलों में डेरा भी डाला है.
हाथियों ने पहुंचाया फसलों को नुकसान: गांव वालों का कहना है कि हाथियों ने खेतों में खड़ी फसलों को रौंद दिया है. फसलों के बर्बाद होने से किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है. इससे पहले अर्जुनी वन परिक्षेत्र में एक हाथी के हमले में एक किसान की जान भी जा चुकी है. एक महिला की भी मौत हाथी की चपेट में आने से हो चुकी है.
शावकों की उपस्थिति के कारण झुंड की हरकतें अत्यधिक सतर्क और आक्रामक हैं. ऐसे में ग्रामीणों से अपील है कि जंगल या आसपास के क्षेत्रों में जाने से बचें, विशेषकर रात के समय: अनिल वर्मा, एसडीओ, कसडोल वनमंडल
हाथी मित्र और जीपीएस के जरिए ट्रैकिंग जारी: हाथियों के मूवमेंट को देखते हुए हाथी मित्रों को सक्रिय कर दिया गया है. जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए हाथियों के झुंड की निगरानी की जा रही है. वाइल्ड लाइफ के जानकारों का मानना है कि जंगलों में लगातार घटते जलस्रोत और खाने की कमी के चलते हाथी लगातार रिहायशी इलाकों की ओर रुख करने को मजबूर हो रहे हैं.