ETV Bharat / state

जिस विवेका पहलवान ने अनंत सिंह को दी थी खुली चुनौती, मारी थी गोली, 70 साल में निधन - VIVEKA PAHALWAN

कभी मोकामा का टाल इलाका विवेका पहलवान और अनंत सिंह की दुश्मनी को लेकर चर्चा में रहता था. उस विवेका पहलवान का निधन हो गया.

ANANT SINGH VIVEKA PAHALWAN
अनंत सिंह-विवेका पहलवान (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : April 3, 2025 at 2:52 PM IST

4 Min Read

पटना : कभी अनंत सिंह से अदावत के चलते हमेशा सुर्खियों में रहने वाले विवेका पहलवान का निधन हो गया है. बुधवार देर रात उन्होंने पटना के निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली. विवेकानंद सिंह उर्फ विवेका पहलवान 70 साल के थे.

हार्ट अटैक के बाद अस्पताल में कराया गया भर्ती : बिहार केसरी के नाम से प्रसिद्ध विवेकानंद सिंह को 27 मार्च की शाम हार्ट अटैक आया था. जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. निधन के बाद पूरे परिवार में शोक की लहर है. वहीं उनके चाहने वाले भी काफी दुखी है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX (Etv Bharat)

बिहार केसरी की उपाधि : पेशे से खिलाड़ी रहे विवेका पहलवान को बिहार केसरी की उपाधि मिली थी. उन्होंने अपने पहलवानी के करियर में कई कुश्तियां लड़ी और जीते भी. इस खेल में उन्होंने बिहार का नाम काफी रोशन किया. खेल जगत विवेका पहलवान के निधन को अपूरणीय क्षति मानता है.

''मैं बहुत ही मर्माहत हूं कि उनका निधन हो गया. वह दिल के बहुत ही अच्छे इंसान थे. वसूलों के पक्के इंसान थे. जिस बात को वह कहते थे वह बात करते थे. हाल ही में महाराष्ट्र में जब घोड़ा दौड़ हुआ था तो उनका घोड़ा सेकंड आया था. मैंने उनको बधाई दिया था. उनका निधन मेरे लिए निजी तौर पर क्षति है.''- ददन यादव उर्फ ददन पहलवान, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और बिहार प्रदेश कुश्ती संघ के प्रदेश अध्यक्ष

निकाली गयी शव यात्रा : आज यानी गुरुवार की सुबह विवेका पहलवान का पार्थिव शरीर लदमा गांव पहुंचा. जहां अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए. शव यात्रा में राजद के एमएलसी कार्तिकेय सिंह भी मौजूद रहे. इधर विवेका पहलवान के निधन पर पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह ने शोक व्यक्त किया है.

''बहुत ही दुखद समाचार है. बिहार केसरी विवेका पहलवान का देर रात्रि निधन हो गया. काफी समय से इलाजरत थे. उनके निधन से बिहार ने एक महान पहलवान और प्रेरणादायक व्यक्तित्व को खो दिया. उनका जीवन संघर्ष, परिश्रम और समर्पण की मिसाल था. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और इस कठिन समय में हम पारिजनों समेत हर एक सदस्यों को संबल प्रदान करें. उनके योगदान और विरासत को हमेशा याद किया जाएगा.''- अनंत सिंह, पूर्व विधायक

खिलाड़ी से बाहुबली की कहानी : विवेका पहलवान की प्रसिद्धि कुश्ती से तो थी ही, साथ ही उन्हें बाहुबली भी माना जाता था. मोकामा और बाढ़ क्षेत्र में विवेका पहलवान की तूती बोलती थी. पूर्व विधायक अनंत सिंह के रिश्ते में विवेका पहलवान चाचा लगते थे. लेकिन, दोनों में पारिवारिक विवाद काफी था. बाहुबली अनंत सिंह और और विवेका पहलवान में अपने क्षेत्र में वर्चस्व की लड़ाई चलती थी. 1986 से विवेका पहलवान और पूर्व विधायक बाहुबली अनंत सिंह के बीच यह लड़ाई शुरू हुई थी. यह लड़ाई अनंत सिंह के बड़े भाई बिरंचि सिंह की हत्या से शुरू हुई थी. उसके बाद लगातार दोनों पक्षों में कई बार गैंगवार हुए.

अनंत सिंह पर चलायी थी गोली : एक समय था जब 80-90 के दशक में विवेका पहलवान और अनंत सिंह की दुश्मनी से टाल इलाका थर्राया करता था. गोलियों की गूंज सुनाई पड़ती थी. इस दुश्मनी में दोनों ने अपने-अपने कई रिश्तेदारों को खोया. विवेका पहलवान ने अनंद सिंह को खुली चुनौती दी थी और उन पर कई बार जानलेवा हमला भी किया था. 2004 में अनंत सिंह पर जानलेवा हमला हुआ था जिसमें विवेकानंद को आरोपी बनाया गया था, जिसमें उन्हें 10 साल की सजा हुई थी.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX (Etv Bharat)

दोस्ती में बदली दुश्मनी : हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव के समय से विवेका पहलवान और अनंत सिंह की दुश्मनी दोस्ती में बदल गई थी. चुनाव के समय अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को विवेका पहलवान ने काफी सहयोग किया था. कहा जाता है कि इसमें केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी.

''2020 में मुंगेर के सांसद ललन सिंह दोनों पक्षों की बातचीत कराई और दुश्मनी को विराम देते हुए दोस्ती की शुरुआत की. इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि ललन सिंह को विवेका पहलवान और अनन्त सिंह दोनों के सपोर्ट की जरूरत थी. जिसका फायदा उन्हें चुनाव में मिला.''- कुमार राघवेंद्र, वरिष्ठ पत्रकार

ये भी पढ़ें :-

अनंत सिंह-विवेका पहलवान की दुश्मनी: याद आया वो दौर जब घंटों चलती थीं गोलियां, अब चेले ने दी चुनौती

पटना: अनंत सिंह और विवेका पहलवान ने एक-दूसरे पर कराया FIR

पटना : कभी अनंत सिंह से अदावत के चलते हमेशा सुर्खियों में रहने वाले विवेका पहलवान का निधन हो गया है. बुधवार देर रात उन्होंने पटना के निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली. विवेकानंद सिंह उर्फ विवेका पहलवान 70 साल के थे.

हार्ट अटैक के बाद अस्पताल में कराया गया भर्ती : बिहार केसरी के नाम से प्रसिद्ध विवेकानंद सिंह को 27 मार्च की शाम हार्ट अटैक आया था. जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. निधन के बाद पूरे परिवार में शोक की लहर है. वहीं उनके चाहने वाले भी काफी दुखी है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX (Etv Bharat)

बिहार केसरी की उपाधि : पेशे से खिलाड़ी रहे विवेका पहलवान को बिहार केसरी की उपाधि मिली थी. उन्होंने अपने पहलवानी के करियर में कई कुश्तियां लड़ी और जीते भी. इस खेल में उन्होंने बिहार का नाम काफी रोशन किया. खेल जगत विवेका पहलवान के निधन को अपूरणीय क्षति मानता है.

''मैं बहुत ही मर्माहत हूं कि उनका निधन हो गया. वह दिल के बहुत ही अच्छे इंसान थे. वसूलों के पक्के इंसान थे. जिस बात को वह कहते थे वह बात करते थे. हाल ही में महाराष्ट्र में जब घोड़ा दौड़ हुआ था तो उनका घोड़ा सेकंड आया था. मैंने उनको बधाई दिया था. उनका निधन मेरे लिए निजी तौर पर क्षति है.''- ददन यादव उर्फ ददन पहलवान, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और बिहार प्रदेश कुश्ती संघ के प्रदेश अध्यक्ष

निकाली गयी शव यात्रा : आज यानी गुरुवार की सुबह विवेका पहलवान का पार्थिव शरीर लदमा गांव पहुंचा. जहां अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए. शव यात्रा में राजद के एमएलसी कार्तिकेय सिंह भी मौजूद रहे. इधर विवेका पहलवान के निधन पर पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह ने शोक व्यक्त किया है.

''बहुत ही दुखद समाचार है. बिहार केसरी विवेका पहलवान का देर रात्रि निधन हो गया. काफी समय से इलाजरत थे. उनके निधन से बिहार ने एक महान पहलवान और प्रेरणादायक व्यक्तित्व को खो दिया. उनका जीवन संघर्ष, परिश्रम और समर्पण की मिसाल था. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और इस कठिन समय में हम पारिजनों समेत हर एक सदस्यों को संबल प्रदान करें. उनके योगदान और विरासत को हमेशा याद किया जाएगा.''- अनंत सिंह, पूर्व विधायक

खिलाड़ी से बाहुबली की कहानी : विवेका पहलवान की प्रसिद्धि कुश्ती से तो थी ही, साथ ही उन्हें बाहुबली भी माना जाता था. मोकामा और बाढ़ क्षेत्र में विवेका पहलवान की तूती बोलती थी. पूर्व विधायक अनंत सिंह के रिश्ते में विवेका पहलवान चाचा लगते थे. लेकिन, दोनों में पारिवारिक विवाद काफी था. बाहुबली अनंत सिंह और और विवेका पहलवान में अपने क्षेत्र में वर्चस्व की लड़ाई चलती थी. 1986 से विवेका पहलवान और पूर्व विधायक बाहुबली अनंत सिंह के बीच यह लड़ाई शुरू हुई थी. यह लड़ाई अनंत सिंह के बड़े भाई बिरंचि सिंह की हत्या से शुरू हुई थी. उसके बाद लगातार दोनों पक्षों में कई बार गैंगवार हुए.

अनंत सिंह पर चलायी थी गोली : एक समय था जब 80-90 के दशक में विवेका पहलवान और अनंत सिंह की दुश्मनी से टाल इलाका थर्राया करता था. गोलियों की गूंज सुनाई पड़ती थी. इस दुश्मनी में दोनों ने अपने-अपने कई रिश्तेदारों को खोया. विवेका पहलवान ने अनंद सिंह को खुली चुनौती दी थी और उन पर कई बार जानलेवा हमला भी किया था. 2004 में अनंत सिंह पर जानलेवा हमला हुआ था जिसमें विवेकानंद को आरोपी बनाया गया था, जिसमें उन्हें 10 साल की सजा हुई थी.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX (Etv Bharat)

दोस्ती में बदली दुश्मनी : हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव के समय से विवेका पहलवान और अनंत सिंह की दुश्मनी दोस्ती में बदल गई थी. चुनाव के समय अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को विवेका पहलवान ने काफी सहयोग किया था. कहा जाता है कि इसमें केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी.

''2020 में मुंगेर के सांसद ललन सिंह दोनों पक्षों की बातचीत कराई और दुश्मनी को विराम देते हुए दोस्ती की शुरुआत की. इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि ललन सिंह को विवेका पहलवान और अनन्त सिंह दोनों के सपोर्ट की जरूरत थी. जिसका फायदा उन्हें चुनाव में मिला.''- कुमार राघवेंद्र, वरिष्ठ पत्रकार

ये भी पढ़ें :-

अनंत सिंह-विवेका पहलवान की दुश्मनी: याद आया वो दौर जब घंटों चलती थीं गोलियां, अब चेले ने दी चुनौती

पटना: अनंत सिंह और विवेका पहलवान ने एक-दूसरे पर कराया FIR

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.