कोरबा : ऊर्जाधानी कोरबा शहर में देवशिल्पी विश्वकर्मा जयंती पर भव्य उत्सव आयोजित की गई. शुभ योग के बीच भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा और इंडस्ट्रियल टूल्स व मशीनों की विधिवत पूजा-अर्चना की गई. इस दौरान श्रद्धालुओं को भोग प्रसाद का वितरण किया गया. पंडालों में आकर्षक विद्युत साज सज्जा की गई थी.
सेंट्रल वर्कशॉप में मशीनों को देखने जुटे लोग : मुड़ापार स्थित एसईसीएल के सेंट्रल वर्कशॉप को विश्वकर्मा जयंती के दिन आम लोगों के लिए खोल दिया जाता है. सामान्य तौर पर यहां आम नागरिकों का प्रवेश प्रतिबंधित रहता है. लेकिन विश्वकर्मा जयंती के दिन लोगों को खदानों के उत्खनन में प्रयोग किए जाने वाले टूल्स और मशीनों के अवलोकन करने का अवसर मिलता है.
"हम सभी भगवान विश्वकर्मा की जयंती को बेहद धूमधाम से मनाते हैं. एक दिन पहले ही हमने नि:स्वार्थ भाव से तैयारी शुरू कर देते हैं. हमें बेहद खुशी होती है कि लोग दूर-दराज से सेंट्रल वर्कशॉप में आते हैं, जिनका हम स्वागत करते हैं. इससे हमें भी खुशी मिलती है. भोग और प्रसाद के रूप में हम लोगों को खुशियां बांटते हैं. विसर्जन होने तक कार्यक्रम चलता रहता है." - भोजराम एसईसीएल कर्मी
भगवान विश्वकर्मा के विषय में है मान्यता : अश्विन माह की कन्या संक्रांति के दिन सृष्टि के पहले हस्तशिल्पकार और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है. विश्वकर्मा जयंती पर लोग अपने संस्थान, कल कारखानों में औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं. कोरबा शहर में इस दिन को विशेष रूप से उत्सव के रूप में मनाते हैं. मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के अस्त्र (त्रिशूल, सुदर्शन चक्र आदि) भवन, स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान का निर्माण किया था. बुनकर, शिल्पकार, औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोग विशेष तौर पर इस दिन विश्वकर्मा की पूजा धूमधाम से करते हैं.
कोरबा के बाजार में भी रही जबरदस्त रौनक : विश्वकर्मा जयंती को लेकर सोमवार को कोरबा के बाजार में भी जबरदस्त रौनक रही. दुकानों में पूजन सामग्री व प्रतिमा खरीदने लोगों की भीड़ देखने को मिली. इसके साथ ही औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोग दिन भर विश्वकर्मा जी की पूजा की तैयारियों में जुटे रहे. शाम होते ही कई औद्यौगिक संस्थानों और कारीगरों ने देवशिल्पी विश्वकर्मा का प्रतिमा का स्थापना कर विधिवत पूजा अर्चना की. शहर में लोगों ने धूमधाम के साथ विश्वकर्मा जयंती मनाया.