शिमला: हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले पर राजनीति भी गरमाने लगी है. विपक्षी दल बीजेपी द्वारा इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रहे हैं, साथ ही विपक्ष ने अधिकारियों को बचाने के आरोप लगाए हैं. वहीं, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इसको लेकर पलटवार किया है. उन्होंने भाजपा को इस मामले में राजनीति न करने की नसीहत दी है.
कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "विपक्ष इस मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहा हैं. इस मामले को सीबीआई को सौंपना उचित नहीं है. क्योंकि हिमाचल पुलिस मामले को सुलझाने में सक्षम है. विमल नेगी के परिजनों को विश्वास दिलाया गया है कि प्रदेश पुलिस द्वारा मामले की गहनता से जांच की जाएगी. जांच के लिए पुलिस अधिकारियों की एसआईटी गठित की जाएगी और दोषियों को सजा जरूर मिलेगी".
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह एक संवेदनशील विषय है. ऐसी घटना प्रदेश में होना गंभीरता का विषय है. सरकार को जो कार्रवाई करनी थी वो की जा चुकी है. मौत के कारणों का पता लगाना एक जांच का विषय है, लेकिन प्राथमिक आधार पर FIR दर्ज की जा चुकी है. विभागीय जांच भी बिठा दी गई है और वरिष्ठ अधिकारी जांच कर रहा है". जो भी इस मामले में दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च को अचानक लापता हो गए. वहीं, 18 मार्च को विमल नेगी का शव बिलासपुर के गोविंद सागर में मिला. परिजनों ने एचपीपीसीएल के एमडी और निदेशक को विमल नेगी को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. वहीं, विमल नेगी की मौत का मामला हिमाचल विधानसभा में विपक्ष ने उठाया और सरकार पर निशाना साधा.
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