शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को राज्य में निर्माणाधीन फोरलेन का मामला खूब गूंजा. लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां मनमानी कर रही हैं. ऐसे में उनका ये रवैया राज्य के हित में ठीक नहीं है.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "हिमाचल में जो भी केंद्रीय एजेंसियां काम कर रही हैं, उन्हें सरकार का सहयोग करना होगा. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य सरकार हर स्तर पर केंद्रीय एजेंसी की मदद कर रही है. प्रदेश में भूमि अधिग्रहण में हम एनएचएआई का सहयोग करते हैं. लेकिन हिमाचल के हकों की रक्षा करना हमारी जिम्मेवारी है. इसलिए एनएचएआई को हिमाचल सरकार के साथ मिलकर काम करना होगा. वह इस मामले को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी उठा चुके हैं".
आठ पैकेज में किया जा रहा काम
इससे पहले विधायक डॉ. जनक राज के मूल सवाल के जवाब में पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा कि मटौर-शालाघाट-शिमला राष्ट्रीय उच्च मार्ग का निर्माण एनएचएआई द्वारा किया जा रहा है. इस कार्य को आठ पैकेज में किया जा रहा है और इसकी कुल लंबाई 223.700 किमी है. फोरलेन बनने के बाद यह 166.99 किमी रह जाएगी.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पैकेज-एक शिमला-शालाघाट-कोलवा गांव तक है. इसकी डीपीआर बनाई जा रही है. पैकेज दो में दरियोटा से कोलका तक डीपीआर बनाई जा रही है. पैकेज दो-बी में कलरबाला से दरियोटा तक के टेंडर आमंत्रित कर दिए हैं. पैकेज दो-सी कलरबाला से नौणी चौक तक का टेंडर कर दिया है. इसे 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा. पैकैज-तीन भगेड़ से हमीरपुर तक की डीपीआर बनाने का कार्य चल रहा है. पैकेज-चार और पांच में काम चला है.
इससे पूर्व, विधायक राकेश कालिया ने अनुपूरक सवाल में कहा कि जब तक इस मार्ग का कार्य पूरा नहीं होता, तब तक रखरखाव राज्य सरकार अपने हाथ में रखे. वहीं, विधायक संजय अवस्थी ने पूछा कि फोरलेन में उनके हलके की पंचायतें भी आ रही हैं और कई प्रभावित परिवारों को मुआवजा नहीं मिला है. यह मुआवजा लोगों को कब तक मिलेगा.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मामले को एनएचएआई के क्षेत्रीय कार्यालय से उठाया है और मुआवजा समय पर मिलेगा. यदि पैसा एनएचएआई से आ गया होगा तो तय समय अवधि में इसे बांटा जाएगा. विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने मामला उठाया कि कुल्लू से मनाली का रोड फोरलेन नहीं है और डोहलुनाला में टोल लगा है. उन्होंने कहा कि भारी बरसात के कारण सड़क क्षतिग्रस्त होने के बाद इस टोल को बंद किया था, लेकिन अब फिर से टोल लगाने का कार्य किया जा रहा है. जब तक मार्ग पूरी तरह से तैयार न हो, तो वहां पर टोल न वसूला जाए. जिस पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मामले को केंद्र से उठाया जाएगा.
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