विदिशा: मध्य प्रदेश में 19 साल बाद निकाली गई शारीरिक शिक्षक भर्ती का विरोध शुरू हो रहा है. विदिशा में बुधवार को शारीरिक शिक्षा के अभ्यार्थियों ने बीपीएड संघ के बैनर तले प्रदर्शन किया. अभ्यार्थियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री मोहन यादव के नाम डिप्टी कलेक्टर संतोष बिटोलिया को ज्ञापन सौंपकर शारिरीक शिक्षक के पद बढ़ाने की मांग की है. बीपीएड (बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन) संघ मध्य प्रदेश के प्रदेश संगठन मंत्री ने एक लाख पदों पर खेल शिक्षक की भर्ती के दावे को जुमला बताया है.
19 साल बाद खेल शिक्षक की निकली भर्ती
संघ के प्रदेश संगठन मंत्री पंकज भार्गव ने कहा, "साल 2006 में खेल शिक्षक के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी. 19 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद 25 अप्रैल 2025 को खेल शिक्षक भर्ती निकाली गई है, लेकिन जिस संख्या में पदों की स्वीकृति दी गई है. उससे बहुत कम पदों पर विज्ञापन जारी किया गया है. इससे कई अभ्यर्थियों के लिए यह अंतिम अवसर साबित हो सकता है. नई शिक्षा नीति में शारीरिक शिक्षा विषय को अनिवार्य विषय माना है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार शारीरिक शिक्षा पर कोई खास ध्यान नहीं दे रही है."
'एक लाख भर्ती बस एक जुमला'
डिप्टी कलेक्टर संतोष बिटोलिया को ज्ञापन सौंपने के बाद बीपीएड संघ के प्रदेश संगठन मंत्री पंकज भार्गव ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खेल शिक्षकों के लिए घोषित किये गये एक लाख पदों पर भर्ती का दावा जुमला बन कर रह गया है." उनका आरोप है, "मध्य प्रदेश सरकार शारीरिक शिक्षा को लेकर सजग नहीं है. खेल शिक्षकों की भर्ती को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. जबकि केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति 2020 में शारिरीक शिक्षा को अनिवार्य किया है."


- डिंडोरी में कॉलेज की महिला गेस्ट टीचर ने बैठे बैठाए लिया पंगा, FIR दर्ज
- स्कूल में कलेक्टर बने टीचर, ढाई घंटे चली क्लास, बच्चों ने पूछ डाले सारे सवाल
राजपत्र में स्वीकृत पदों की कमी पर उठे सवाल
पंकज भार्गव ने सवाल उठाया है कि जब राजपत्र में माध्यमिक खेल शिक्षक के 507 और प्राथमिक खेल शिक्षक के 1087 पद स्वीकृत हैं, फिर भी जनजातीय कार्य विभाग में इन पदों को शामिल नहीं किया गया है. अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे. हाई कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं.