विदिशा: पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ग्राम चकहिनोदा में पाराशरी नदी के उद्गम स्थल पर पूजा-अर्चना कर पौधरोपण का महत्व बताया. उन्होंने कहा, "नदियों के सतत प्रवाह के लिए उनके उद्गम स्थलों पर वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यक है." कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों ने मंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए पाराशरी नदी को बेतवा नदी से लिंक किए जाने की मांग की है. इसके साथ ही पंचतत्व समिति द्वारा नदी के सौंदर्यीकरण व गहरीकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की.
जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत श्रमदान
बासौदा में पाराशरी नदी के घाटों पर जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत श्रमदान किया गया. मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने स्वयं श्रमदान का नेतृत्व किया और सभी को संगठित रूप में काम करने के लिए प्रेरित किया. इस मौके पर विधायक हरिसिंह रघुवंशी, नगरपालिका अध्यक्ष शशि अनिल यादव समेत कई जनप्रतिनिधि और स्वयंसेवी संगठन मौजूद रहे और श्रमदान किया.
नदियों और वृक्षों से मिलती है जीवन ऊर्जा
सामूहिक श्रमदान के पश्चात आयोजित 'जल चौपाल' कार्यक्रम में मंत्री पटेल ने कहा, "प्रदेश की नदियां ग्लेशियरों से नहीं बल्कि, पौधों और पेड़ों से जुड़ी जलधारा से प्रवाहित होती हैं. नदी, वृक्ष और मानव इन सभी का संगम जीवन को ऊर्जा प्रदान करता है. पौधरोपण के लिए सरकार ने 3 स्तरों पर कार्य योजना बनाई है. जिसमें पहले गड्ढों की खुदाई, फिर पौधरोपण और उसके संरक्षण के लिए ड्रिप सिस्टम तथा तार फेंसिंग की व्यवस्था शामिल है."

सामुदायिक भवन के लिए 25 लाख की घोषणा
बासौदा जनपद पंचायत परिसर में आयोजित पंच-सरपंच सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री पटेल ने कहा कि "पंचायत भवनों से ही ग्राम विकास की राह खुलती है. प्रदेश में 1153 पंचायतों को अटल ग्राम सेवा सदन के निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की गई है." इसके साथ ही उन्होंने लाल पठार में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 25 लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की. कार्यक्रम में 11 करोड़ 8 लाख की लागत से विभिन्न निर्माण कार्यों का शिलान्यास भी किया गया, जिनमें 11 पहुंच मार्ग और 8 सामुदायिक भवन शामिल हैं.


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'जल स्रोतों का संरक्षण जरूरी'
मंत्री पटेल ने जल संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि "हम जल का दोहन तो करते हैं, लेकिन संचय पर पर्याप्त ध्यान नहीं देते. इसके लिए राज्य स्तर पर राशि भी उपलब्ध कराई जा रही है." इसके साथ ही उन्होंने पौधरोपण और जल संकट से निपटने का प्रमुख उपाय भी बताए.