विदिशा: शहर के इंदिरा कॉम्प्लेक्स में स्थित ऐतिहासिक कुआं गर्मी के मौसम में जल संकट झेल रही जनता के लिए एक मात्र सहारा बना हुआ है. यह आज भी हजारों लोगों की प्यास बुझा रहा है. साथ ही उन इलाकों के लिए भी जीवनदायिनी साबित हो रहा है जहां बेतवा नदी आधारित नल-जल योजना नहीं पहुंच सकी है. नगर पालिका अधिकारी ने बताया कि कुएं से प्रतिदिन 50 से 60 टैंकर पानी भरकर शहर के विभिन्न इलाकों में भेजा जाता है. वहीं नगर निगम की फायर ब्रिगेड भी अपना टैंकर यहीं से भरती है.
कई इलाकों की बुझा रहा प्यास
लगभग 40 वर्ष पुराने इस कुएं की गहराई 200 फीट के करीब है. इस परिसर में नगर पालिका का एक कार्यालय बनाया गया है. जहां से प्रतिदिन टैंकर भरने का रिकॉर्ड इकट्ठा किया जाता है. ये ऐतिहासिक कुआं जल संकट झेल रही जनता के लिए एक मात्र सहारा है. हालांकि, अब इसकी हालत जर्जर हो गई है. अगर समय रहते हुए इसकी मरम्मत नहीं की गई तो उन हिस्सों में भी पानी की समस्या और गहरा सकती है जहां यह पानी का एकमात्र स्रोत है.
दिन-रात कर रहा शहर की सेवा
बीते 15 वर्षों से नगर पालिका में कार्यरत कर्मचारी दीपेश रजक ने कहा, "इंदिरा कॉम्प्लेक्स क्षेत्र में यह कुआं पेयजल के लिए मात्र एक साधन है. इसकी मरम्मत करना बहुत जरूरी है. क्योंकि दिन-रात शहर की सेवा में लगा है."

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वहीं, विदिशा नगर पालिका के प्रमुख अधिकारी दुर्गेश सिंह ने कहा, "यह कुआं करीब 40 साल पुराना है. एक समय यह कुआं नगर पेयजल का प्रमुख हिस्सा रहा है. आज भी उपयोगी है. यहां से टैंकर और पाइपलाइन के माध्यम से पानी सप्लाई किया जाता है. इसके पानी की गुणवत्ता समय-समय पर जांच की जाती है. अगर कुएं की जर्जर स्थिति सामने आती है तो हम तुरंत संज्ञान लेकर कार्रवाई करेंगे."