विदिशा: जिले के लटेरी वन परिक्षेत्र में वन विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में 255 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया. इस दौरान प्रशासन ने खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाकर वन माफियाओं के कब्जे को ध्वस्त कर दिया. बताया जा रहा है कि यह क्षेत्र लंबे समय से वन माफियाओं और लकड़ी तस्करों का अड्डा बना हुआ था. यहां से सागौन की अवैध कटाई कर फर्नीचर और लकड़ी कारोबार संचालित किया जा रहा था.
अतिक्रमण विरोधी अभियान जारी
वन विभाग द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत 4 मार्च को शहर खेड़ा के पास 150 हेक्टेयर और 5 मार्च को ग्राम सगड़ा के समीप कक्ष क्रमांक 362 में 105 हेक्टेयर वन भूमि से अवैध कब्जा हटाया गया. इस तरह 2 दिनों में कुल 255 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया.
कलेक्टर, एसपी की मॉनिटरिंग में कार्रवाई
इस अभियान की मॉनिटरिंग जिला कलेक्टर रोशन कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी द्वारा की गई. संभागीय प्रबंधक तरुण कुमार कौरव के नेतृत्व में परिक्षेत्र अधिकारी नवीन भारद्वाज, केके यादव और वन विकास निगम के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने इस अभियान को सफल बनाया. स्थानीय राजस्व और पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा, ताकि किसी भी प्रकार का विरोध न हो सके.

रेंजर की सख्ती से बदले हालात
लटेरी वन परिक्षेत्र में रेंजर नवीन भारद्वाज की पदस्थापना के बाद से लगातार माफियाओं पर कार्रवाई तेज हुई है. वन विभाग अब तक सैकड़ों हेक्टेयर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त करा चुका है. संभागीय प्रबंधक तरुण कुमार कौरव ने कहा "वन माफियाओं पर लगातार कार्रवाई जारी है. लटेरी वन परिक्षेत्र से अवैध कब्जे हटाए जा रहे हैं, ताकि वन संपदा की रक्षा की जा सके."
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वन संरक्षण के लिए आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि अतिक्रमण हटाने के बाद वन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है. प्रशासन आने वाले दिनों में सीमांकन और वृक्षारोपण जैसे उपाय भी लागू कर सकता है.