शिमला: हिमाचल प्रदेश में BPL सूची में केवल पात्र परिवारों को शामिल किया जा सके, इसके लिए सुक्खू सरकार ने नए मापदंड तय किए हैं. इसके मुताबिक अब प्रदेश भर में BPL परिवारों की सूची तैयार की जाएगी, ताकि पिछले कई सालों से BPL परिवारों को दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ उठा रहे अपात्र लोगों को सूची से बाहर किया जा सके. अब केवल ऐसे परिवारों को BPL में स्थान मिलेगा, जो वास्तव में जरूरतमंद हो और सरकार की ओर से तय नियमों को पूरा करता हो. इसके लिए सरकार ने नियमों की सख्ती के साथ अनुपालना किए जाने के आदेश जारी किए हैं. प्रदेश में BPL सूची में शामिल होने के लिए आवेदन जमा करने की प्रकिया पूरी हो चुकी है, जिसके लिए अब आवेदनों की वेरिफिकेशन का कार्य शुरू हो चुका है.
प्रदेश भर में BPL सूची में शामिल होने के लिए पंचायतों में प्राप्त हुए आवेदनों की वेरिफिकेशन शुरू हो गई है, जिसके लिए SDM ने तीन सदस्यीय वेरिफिकेशन कमेटी का गठन किया है. कमेटी में पंचायत सचिव, पटवारी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है. ये वेरिफिकेशन कमेटी 25 जून तक सूची को सार्वजनिक जांच के लिए पंचायत भवन के नोटिस बोर्ड पर प्रकाशित करेगी. इसके बाद सूची को जुलाई में आयोजित होने वाली ग्रामसभा की बैठक में चर्चा के लिए रखा जाएगा. वहीं, 15 अक्टूबर तक BPL परिवारों को चयन प्रक्रिया को पूरा किया जाना है. बता दें कि ग्रामसभा की बैठक में केवल उन्हीं नामों पर ही चर्चा होगी, जिन परिवारों के नामों पर वेरिफिकेशन कमेटी की मुहर लगी होगी. सरकार की और से जारी गाइडलाइन पर खरा न उतरने वाले आवेदनों को वेरिफिकेशन कमेटी पहले ही रिजेक्ट कर देगी.
ग्रामसभा की पूरी कार्यवाही की होगी वीडियोग्राफी
वहीं, BPL परिवारों के चयन के लिए होने वाली ग्रामसभा की पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी होगी और इसकी व्यवस्था संबंधित पंचायत सचिव की तरफ से पंचायत समिति में उपलब्ध धन के तहत करनी होगी, जिसका रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाएगा. इसके लिए BDO को ग्रामसभा की बैठक आयोजित होने से पहले इस व्यवस्था को लागू करना होगा. इसी तरह से ग्रामसभा में कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका को देखते हुए संबंधित SDM सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की सहायता भी प्रदान करेंगे.
ग्रामसभा में लगेगी BPL सूची को मुहर
प्रदेशभर की पंचायतों में घर-घर जाकर छानबीन करके वेरिफिकेशन कमेटी की ओर से जो सूची तैयार की जाएगी और कमेटी की इन सिफारिशों को ग्रामसभा की बैठकों में रखा जाएगा, जहां पर BPL सूची पर अंतिम मुहर लगेगी. इसी तरह से वर्तमान में BPL परिवारों की सूची जो समावेशन मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं या किसी एक्सक्लूजन के मानदंडों के कारण अयोग्य हैं, ऐसे परिवारों को भी BPL सूची से हटाने की सिफारिश को वेरिफिकेशन कमेटी ग्रामसभा में निर्णय के लिए रखेगी.
ग्राम सभा की सिफारिशें होंगी स्वीकार्य
BPL परिवारों की सूची में इंक्लूजन का निर्णय ग्रामसभा में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत से लिया जाएगा. ग्रामसभा की संतुति पर SDM की अध्यक्षता में खंड स्तरीय कमेटी (BDO, पंचायत इंस्पेक्टर/सब पंचायत इंस्पेक्टर शामिल होंगे) 15 दिनों के भीतर दस्तावेजों की उचित जांच कर इसको मंजूरी देगी. खंड स्तरीय समिति अपनी जांच का लिखित रिकॉर्ड बनाकर रखेगी. वहीं, खंड स्तरीय समिति ने लिखित रूप में सिफारिशों के खिलाफ साक्ष्य दर्ज नहीं होने तक BPL सूची में इंक्लूजन और एक्सक्लूजन को लेकर ग्राम सभा की सिफारिशें स्वीकार्य होंगी.
केंद्र ने तय किया है इतना कोटा
केंद्र ने हिमाचल के लिए BPL सूची में शामिल करने के लिए कोटा तय किया है, जिसके तहत प्रदेश में 2,82,370 परिवारों को ही बीपीएल सूची में शामिल किया जा सकता है. वहीं, वर्तमान में 2 लाख 66 हजार 304 परिवार गरीबी रेखा से नीचे हैं. ऐसे में केंद्र के कोटे के मुताबिक 16 हजार 66 नए परिवारों को भी अभी BPL सूची में और जोड़ा जा सकता है. बता दें कि केंद्र से निर्धारित कोटे की उपलब्धता के हिसाब से ही अन्य नए परिवारों को भी सूची में स्थान दिया जाएगा.