जयपुर: राजस्थान सरकार ने प्रदेश में वैदिक संस्कार एवं शिक्षा बोर्ड के गठन को मंजूरी दे दी है. प्रोफेसर गणेशी लाल सुथार को इस बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है. इस संबंध में संस्कृत शिक्षा के संयुक्त शासन सचिव कैलाश चंद यादव ने आदेश जारी किए. ये बोर्ड राज्य सरकार की ओर से संभाग स्तर पर स्थापित किए जा रहे आदर्श वेद विद्यालय और तीन वैदिक गुरुकुल सहित राज्य में संचालित सभी वेद विद्यालयों और वेद पाठशालाओं का संचालन करेगा. साथ ही उनके पाठ्यक्रम और परीक्षा प्रणाली का काम भी बोर्ड ही देखेगा.
राजस्थान सरकार ने प्रदेश में वैदिक शिक्षा को बढ़ावा और संरक्षण देने के उद्देश्य से वैदिक संस्कार एवं शिक्षा बोर्ड का गठन किया है. प्रोफेसर गणेशी लाल सुथार को इस बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इसके अलावा बोर्ड में प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद मिश्रा, डॉ कैलाश चतुर्वेदी, प्रोफेसर नरपत सिंह राठौड़, नरेश चंद शर्मा, भवानी शंकर शर्मा और प्रोफेसर हरेश्वर छीपा को सदस्य के रूप में नामित किया गया है. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर इस बोर्ड को अंतिम रूप दिया गया.
पढ़ें: तकनीकी शिक्षा में किए कई नवाचार, जल्द बनेगा वैदिक संस्कार और शिक्षा बोर्ड : गर्ग
इसे लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस नए बोर्ड के गठन से राज्य में वैदिक परंपरा को नई दिशा मिलेगी और गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को प्रोत्साहन मिलेगा. ये बोर्ड राज्य सरकार की ओर से संभाग स्तर पर बनाए जा रहे आदर्श वेद विद्यालयों और तीन वैदिक गुरुकुलों के साथ-साथ प्रदेश में संचालित सभी वेद विद्यालयों, वेद पाठशालाओं के प्रशासन, पाठ्यक्रम निर्माण और परीक्षा प्रणाली के संचालन की जिम्मेदारी संभालेगा.
पढ़ें: प्रदेश में वैदिक संस्कार और शिक्षा बोर्ड की होगी स्थापना - जयपुर
उन्होंने कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य भारतीय वैदिक परंपरा, संस्कारों और ज्ञान को संरक्षित कर नई पीढ़ी तक पहुंचाना है. बोर्ड वैदिक ग्रंथों, शास्त्रों और संस्कारों पर आधारित शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देगा. इससे छात्रों में शास्त्रीय ज्ञान के साथ-साथ नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों की भी समझ विकसित होगी.