कोटा: पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे हाड़ौती के पांच दिवसीय दौरे पर हैं. जिसमें वह बारां-झालावाड़ लोकसभा सीट की 6 विधानसभा सीटों पर दौरा करने वाली हैं. झालावाड़ के रायपुर में कार्यकर्ताओं से चर्चा के दौरान पानी की समस्या सामने आई, इस पर उन्होंने राजस्थान की भजनलाल सरकार के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को घेरा और खरी-खोटी भी सुना दी.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हजारों करोड़ रुपये राजस्थान को दिए हैं, जिसमें झालावाड़ जिले में भी काम होना था, लेकिन इसका कोई हिसाब किताब नहीं है. इसके बावजूद लोगों में पानी के लिए त्राहिमाम मची है.
झालावाड़ में जल संकट को लेकर @VasundharaBJP जी द्वारा उठाई गई चिंता को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने गंभीरता से संज्ञान में लिया है। राजस्थान सरकार से इस संबंध में तात्कालिक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है।#JalJeevanMission
— C R Paatil (@CRPaatil) April 9, 2025
इसके बाद केंद्र सरकार का जल शक्ति मंत्रालय भी हरकत में आ गया और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने भी ट्वीट किया, जिसमें बताया है कि जल संकट को लेकर वसुंधरा राजे सिंधिया ने चिंता जताई है. जिसको भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने गंभीरता से संज्ञान में लिया है. राजस्थान सरकार से इस संबंध में तात्कालिक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है.
आपको बता दें कि वसुंधरा राजे ने कहा था कि जनता रो रही है और अधिकारी मस्त हो रहे हैं. ऐसा नहीं होने दिया जाएगा. इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी उनके एक्स हैंडल से किए गए ट्वीट को रिट्वीट कर सरकार पर हमला बोला है.
क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ़ आप अफ़सरों को ही लगती है। गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त है।अफ़सर तृप्त है। पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुँचे। अफ़सर सो रहें है, लोग रो रहें हैं।
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) April 8, 2025
मैं ऐसा नहीं होने दूँगी।
रायपुर क़स्बे के ग्रामीणों की पेयजल संकट की… pic.twitter.com/QPn9pmhLuk
अभी यह हालत तो जून-जुलाई में क्या होगा ? : वसुंधरा राजे ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 42 हजार करोड़ जल जीवन मिशन में दिए हैं. इसमें राजस्थान के हिस्से में कितनी राशि आई और क्या काम हुआ? पाई-पाई का हिसाब मांगा? उन्होंने कहा कि पेयजल संकट निवारण के लिए हमारी सरकार तो पैसा दे रही है, लेकिन अफसर योजनाओं की सही क्रियान्विति नहीं कर रहे.
इसलिए राजस्थान के लोग प्यास से व्याकुल हैं. यह तो अप्रैल का हाल है. जून-जुलाई में क्या होगा? साथ कहा कि मौके पर मौजूद अधीक्षण अभियंता सहित उपस्थित कोई भी अधिकारी मुझे संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए. लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए. झालावाड़ में ऐसा हरगिज नहीं चलेगा.