वाराणसी : शहर को स्वच्छ बनाने और कूड़ा कचरा निस्तारण की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए वाराणसी नगर निगम सचेत हो गया है. स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 को देखते हुए वाराणसी नगर निगम ने 100 किलो से ज्यादा प्रतिदिन वेस्ट निकालने वाले वेस्ट जेनरेटर्स को चिह्नित करना शुरू कर दिया है. इनमें बड़ी रेजिडेंशियल सोसायटी, होटल, अस्पताल और स्कूल शामिल हैं. इन संस्थानों के कूड़ा को निस्तारण के लिए विशेष वर्कशॉप का आयोजन किया गया है. जिसमें प्रतिदिन 100 किलो से ज्यादा कचरा निकालने वाले लोगों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पढ़ें विस्तृत रिपोर्ट...
म्युनिसिपल कमिश्नर अक्षत वर्मा ने बताया कि वाराणसी में 493 ऐसे होटल लॉज हॉस्पिटल स्कूल और रेजिडेंशियल सोसाइटीज को चिन्हित किया गया है. जहां से प्रतिदिन 100 किलो से ज्यादा कचरा निकलता है. यह कचरा गीला और सुख दोनों फॉर्मेट में होता है. मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक या स्पष्ट है कि अब गिल और कचरा कूड़े का प्रबंध स्वयं से करना है. इसमें कचरे की अलग-अलग कैटेगरी डिसाइड की गई है. जिसमें गीला सूखा और हजार्ड कचरा शामिल किया गया है. इस बारे में वाराणसी नगर निगम की ओर से दो दिवसीय स्पेशल वर्कशॉप का आयोजन किया है.
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के मुताबिक विशेष ट्रेनिंग में एक्सपर्ट कचरे को अलग करके इससे कंपोस्ट खाद तैयार करके रीयूज के बारे में जानकारी दे रहे हैं. यह मैंडेटरी है और हर बड़ी समिति से लेकर स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, होटल को अपने यहां निकलने वाले बल्क कचरे का निस्तारण स्वयं से करना है. इसे सूखे और गीले कचरे के रूप में अलग करके ही नगर निगम को देना है. यदि वह इस कचरे के जरिए कंपोस्ट खाद या बायोगैस बनाना चाहते हैं तो उसकी व्यवस्था भी इस ट्रेनिंग के जरिए दी जा रही है. यह अनिवार्य है और इसका पालन हर हाल में करना ही करना है जो लोग नहीं करेंगे उसे पर कार्रवाई भी शुरू होगी.
नगर आयुक्त के मुताबिक इसके लिए संस्थानों को अपनी ही भूमि पर इस कार्य को पूर्ण करने का काम करना होगा. यदि उनके पास जगह नहीं है तो फिर किसी से अनुबंध करके संस्था के जरिए इस काम को करवाना होगा, लेकिन यह किए बिना अब किसी भी बुक कचरा जनरेटर के यहां से कचरा का कलेक्शन नहीं हो पाएगा. यही वजह है कि स्वच्छता सर्वेक्षण से पहले काशी को और भी अच्छे नंबर दिलवाने के लिए इस तरह के आयोजन किया जा रहे हैं, ताकि जो 493 चिन्हित संस्थान और सोसाइटीज हैं. उन पर एक्शन भी हो और उन्हें ट्रेंड किया जा सके. महापौर अशोक तिवारी का कहना है कि इस तरह के आयोजन समय-समय पर नगर निगम को भी बोल देते हैं और लोगों को भी जागरूक करते हैं.