वाराणसीः वाराणसी में युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना का मामला अभी थमा ही नहीं था कि लालपुर पांडेयपुर थाना क्षेत्र में एक मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया है. घटना को अंजाम देने वाला कोई और नहीं पिता का दोस्त बताया जा रहा है. यह मामला क्रिश्चियन समुदाय से जुड़ा हुआ है और क्रिश्चियन कब्रिस्तान में वारदात अंजाम दी गई. परिजनों ने इस संबंध में पुलिस को तहरीर दी है. पुलिस ने मासूम बच्ची को मेडिकल कराने के हॉस्पिटल भेजा.
बहाने से ले गया कब्रिस्तान: वाराणसी के लालपुर पांडेयपुर थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले में रहने वाले शख्स के दोस्त ने 4 साल की बेटी से रेप किया. पीड़िता के पिता ने पुलिस को बताया कि शनिवार को बेटी घर पर अकेली थी. आरोप है कि इसी बीच BLW क्षेत्र का निवासी 40 वर्षीय दोस्त घर पहुंचा. वह बेटी को बहाने से मकबूल आलम रोड स्थित कब्रिस्तान ले गया, जहां उसके साथ रेप किया. बेटी ने घर पहुंचकर इस बारे में जानकारी दी. इसके बाद पुलिस को इसकी सूचना दी. आरोपी मौके से फरार हो गया है. घटना के बाद मासूम को दीनदयाल हॉस्पिटल में मेडिकल कराने के लिए भेज दिया है. मासूम के पिता क्रिश्चियन कम्युनिटी के लिए काम करते हैं.
परिवार से घुला-मिला है आरोपीः एसीपी विदुष सक्सेना ने बताया कि घटना शनिवार की है. पीड़िता के पिता ने लालपुर पांडेयपुर थाना पहुंचकर आरोपी के आरोपी के खिलाफ तहरीर दी है. आरोपी की तलाश की जा रही है. आरोपी पीड़िता के पिता का दोस्त होने के चलते बेटी से भी घुला मिला था. शनिवार को घर आने पर उसने किसी को नहीं पाया तो बच्ची को देखकर नीयत खराब हो गई. पुलिस ने पीड़िता को मेडिकल के लिए भेज दिया है. आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है.
वाराणसी में गैंगरेप की घटना के विरोध में उपवास: वाराणसी में युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले सामने आने के बाद फिर से दुष्कर्म की घटनाओं पर रोक लगाने की मांग उठने लगी है. इसको लेकर वाराणसी में विभिन्न संस्थाओं द्वारा आवाज उठाए जा रहा है. इसी के तहत दखल संस्था द्वारा महिलाओं के लिए बराबरी,समानता एवं सुरक्षा के लिए उपवास किया गया है. उपवास करने वाले लोगों ने बताया कि भारत में एनसीआरबी के आंकड़े के अनुसार 86 रेप की घटनाएं प्रतिदिन हो रही है जबकि यह आंकड़े लिखित तौर पर दर्ज हुए हैं अन्यथा यह आंकड़े और भी बढ़ सकता है. दखल संस्था की नीति ने बताया कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में 23 लोगों द्वारा एक उन्नीस साल की लड़की के साथ गैंगरेप की ख़बर ने शोषण, महिला हिंसा, पितृसत्ता और गैरबराबरी टाइप शब्दों की जरूरत और समझदारी पर सोचने पर मजबूर कर दिया है.
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