बाड़मेर : राजस्थान के बाड़मेर में वीणा गायन लोक संगीत परंपरा को संरक्षित करने के लिए ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान और रूमा देवी फाउंडेशन एक अनूठा 'वाणी उत्सव' का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में राजस्थान सहित देशभर से सैकड़ों लोक कलाकार शामिल होंगे. शनिवार को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम को लेकर शुक्रवार को फाउंडेशन की ओर से तैयारी को अंतिम रूप दिया गया.
फाउंडेशन की निदेशक एवं सामाजिक कार्यकर्ता रूमा देवी ने शुक्रवार को इस आयोजन को लेकर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार और रविवार को होने वाले 'वाणी उत्सव' में लोक कलाकारों के साथ हरजस (घर मे महिलाओं के द्वारा वार त्योहार पर गाए जाने वाले गीत) गाने वाली महिलाओं को एक मंच प्रदान किया जाएगा. जहां वे अपनी कला का प्रदर्शन कर सकेंगे.
रूमा देवी ने बताया कि मारवाड़ की वीणा भजन गायन परंपरा सदियों पुरानी है, लेकिन बदलते समय और आधुनिकता के प्रभाव के चलते यह लुप्त होने के कगार पर है. उन्होंने बताया कि विलुप्त होती वीणा गायन की परंपरा को संरक्षित करने के लिए ऐसे लोक कलाकारों को मंच प्रदान करना है. उन्होंने बताया कि लोक कलाकारों को दानजी स्मृति मारवाड़ भजनी पुरस्कार के तहत नकद पुरस्कार और वाद्य यंत्र भेंट किए जाएंगे. यह पुरस्कार राजस्थानी लोक संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा.
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रूमा देवी फाउंडेशन के सचिव विक्रम सिंह ने बताया कि सैकड़ों की संख्या में वीणा गायन से जुड़े कलाकारों ने आवेदन किए हैं. राजस्थान के अलावा हरियाणा, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र व सबसे अधिक ऑवेदन राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश से हुए हैं. उन्होंने बताया कि शनिवार को बाड़मेर के हवेली रिसॉर्ट में आयोजित होगा, जिसमें सेकड़ों की संख्या में लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे.
वीणा गायन के साथ इस बार हरजस गायन को भी मिलेगा मंच : वीणा गायन जैसी अनूठी परंपरा के सरंक्षण के लिए रूमा देवी फाउंडेशन स्वर्गीय दान सिंह जी की स्मृति में यह आयोजन पिछले 4 वर्षों से करवा रहा हैं, लेकिन इस बार वीणा गायन के साथ-साथ माताओं बहनों के लिए हरजस गायन को भी मंच प्रदान किया जाएगा, जो इस पारंपरिक महोत्सव को और अधिक यादगार बनाएगा.