ETV Bharat / state

कल देहरादून में गरजेंगे उत्तराखंडी लोक कलाकार, पारंपरिक वेशभूषा में करेंगे विरोध प्रदर्शन - UTTARAKHANDI FOLK ARTIST PROTEST

लोक कलाकारों ने आनन फ़ानन में जिलों को दिए गए निर्देशों को निरस्त किए जाने की मांग उठाई है.

UTTARAKHANDI FOLK ARTIST PROTEST
उत्तराखंड लोक कलाकार प्रदर्शन (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : June 1, 2025 at 1:13 PM IST

Updated : June 1, 2025 at 4:12 PM IST

2 Min Read

देहरादून: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सांस्कृतिक दलों से जुड़े लोक कलाकार 2 जून को देहरादून में संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे हैं. इस दिन लोक कलाकार पारंपरिक वेशभूषा में राजधानी देहरादून पहुचेंगे. लोक कलाकार नाचते गाते लैंसडाउन चौक से सतपाल महाराज के कैंप कार्यालय तक जाएंगे.

जौनसार बावर के लोक गायक सुरेंद्र राणा ने बताया कि संस्कृति विभाग के वर्तमान महानिदेशक ने गढ़वाल और कुमाऊं को दो मंडलों में बांट दिया है. प्रत्येक जिले के कलाकारों को केवल अपने ही जिलों में कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा एक जिले के कलाकार दूसरे जिले में कार्यक्रम नहीं कर पाएंगे. जिससे उत्तराखंड की संस्कृति अपने ही जिलों में सिमट कर रह जाएगी. उन्होंने कहा कि जब से राज्य बना है तब से उत्तराखंड में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आवंटन और बिलों का भुगतान संस्कृति निदेशालय से ही होता चला आ रहा है.

लोक कलाकारों ने आनन फ़ानन में जिलों को दिए गए निर्देशों को निरस्त किए जाने की मांग उठाई है. जिससे उत्तराखंड के लोक कलाकारों की लोक कलाओं और संस्कृति का आदान प्रदान हो सके. सभी लोक कलाकारों ने सरकार से संस्कृति विभाग के सांस्कृतिक दलों का कार्यक्रम आवंटन और भुगतान पूर्ण की भांति संस्कृति निदेशालय से किए जाने की की मांग की है.

लोक कलाकारों की अन्य प्रमुख मांगे: सांस्कृतिक दलों का भुगतान समय पर किए जाये, कलाकारों के साथ किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर तत्काल संस्कृति विभाग कल्याण कोष से आर्थिक सहायता प्रदान की जाए. इसके अलावा कार्यक्रमों का आवंटन जिलाधिकारी की ओर से नियुक्त किए गए नोडल अधिकारियों से नहीं कराया जाए. ना ही बिलों को अल्मोड़ा और पौड़ी में जमा करवाया जाए. पूर्व की तरह संस्कृति विभाग में ही बिलों को जमा किया जाए. वहीं से कलाकारों का भी भुगतान किया जाए.

देहरादून: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सांस्कृतिक दलों से जुड़े लोक कलाकार 2 जून को देहरादून में संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे हैं. इस दिन लोक कलाकार पारंपरिक वेशभूषा में राजधानी देहरादून पहुचेंगे. लोक कलाकार नाचते गाते लैंसडाउन चौक से सतपाल महाराज के कैंप कार्यालय तक जाएंगे.

जौनसार बावर के लोक गायक सुरेंद्र राणा ने बताया कि संस्कृति विभाग के वर्तमान महानिदेशक ने गढ़वाल और कुमाऊं को दो मंडलों में बांट दिया है. प्रत्येक जिले के कलाकारों को केवल अपने ही जिलों में कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा एक जिले के कलाकार दूसरे जिले में कार्यक्रम नहीं कर पाएंगे. जिससे उत्तराखंड की संस्कृति अपने ही जिलों में सिमट कर रह जाएगी. उन्होंने कहा कि जब से राज्य बना है तब से उत्तराखंड में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आवंटन और बिलों का भुगतान संस्कृति निदेशालय से ही होता चला आ रहा है.

लोक कलाकारों ने आनन फ़ानन में जिलों को दिए गए निर्देशों को निरस्त किए जाने की मांग उठाई है. जिससे उत्तराखंड के लोक कलाकारों की लोक कलाओं और संस्कृति का आदान प्रदान हो सके. सभी लोक कलाकारों ने सरकार से संस्कृति विभाग के सांस्कृतिक दलों का कार्यक्रम आवंटन और भुगतान पूर्ण की भांति संस्कृति निदेशालय से किए जाने की की मांग की है.

लोक कलाकारों की अन्य प्रमुख मांगे: सांस्कृतिक दलों का भुगतान समय पर किए जाये, कलाकारों के साथ किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर तत्काल संस्कृति विभाग कल्याण कोष से आर्थिक सहायता प्रदान की जाए. इसके अलावा कार्यक्रमों का आवंटन जिलाधिकारी की ओर से नियुक्त किए गए नोडल अधिकारियों से नहीं कराया जाए. ना ही बिलों को अल्मोड़ा और पौड़ी में जमा करवाया जाए. पूर्व की तरह संस्कृति विभाग में ही बिलों को जमा किया जाए. वहीं से कलाकारों का भी भुगतान किया जाए.

पढ़ें- उत्तराखंड में धमाल मचा रहे श्वेता मेहरा के म्यूजिक वीडियो, भोजपुरी फिल्म और वीडियो से की करियर की शुरूआत

पढ़ें- कुमाऊंनी लोक संस्कृति से रूबरू होंगे पीएम मोदी, छोलिया दल कर रहे खास तैयारी

पढ़ें- Folk Artist Ramlal: संगीत नाटक अकादमी विजेता लोक कलाकार रामलाल की किडनी फेल, मदद की दरकार

Last Updated : June 1, 2025 at 4:12 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.