देहरादून (धीरज सजवाण): देहरादून में अतिक्रमण पर सरकार की कार्रवाई जारी है. इसी के चलते देहरादून के चूना भट्ठा क्रॉसिंग पर मौजूद मुस्लिम कॉलोनी पर वक्फ की जमीन को कब्जा करने का आरोप लगाते हुए 50 नोटिस भेजे गए हैं. नोटिस मिलने के बाद लोगों में हड़कंप मचा हुआ है.
देहरादून के इस मोहल्ले में अवैध कब्जों पर 50 नोटिस: उत्तराखंड में इन दिनों सरकार अतिक्रमण पर लगातार सख्त रुख अपनाती नजर आ रही है. विशेष तौर से राजधानी देहरादून में इन दिनों एक तरफ रिस्पना और बिंदाल नदी के ऊपर बना रहे एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट की जद में आने वाले मोहल्लों में अफरा तफरी का माहौल है. वहीं अब उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने देहरादून के चूना-भट्ठा क्रॉसिंग पर मौजूद मुस्लिम कब्रिस्तान के आसपास तकरीबन 100 बीघा भूमि को वक्फ भूमि करार देते हुए पहले चरण में 50 नोटिस भेजे हैं. इन लोगों पर वक्फ बोर्ड की जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप है. नोटिस आने के बाद मोहल्ले के लोगों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
लोगों ने लगाया कोर्ट की अवमानना का आरोप: ईटीवी भारत ने इस मामले पर ग्राउंड रिपोर्ट की और जिन लोगों को उत्तराखंड वक्फ बोर्ड द्वारा अतिक्रमण का नोटिस भेजा गया है, उन लोगों से बातचीत की. उनसे उनका पक्ष जानने की कोशिश की. लोगों ने उत्तराखंड वक्फ बोर्ड द्वारा की जा रही इस कार्रवाई को उनके साथ हो रही नाइंसाफी बताया. वक्फ बोर्ड का नोटिस प्राप्त करने वाले ताहिर खान ने बताया कि-
हमारे मोहल्ले में बोर्ड द्वारा कुछ नोटिस डाक द्वारा भेजे गए हैं. इनकी संख्या अभी फिलहाल एक दर्जन के करीब है. लेकिन जिस तरह से मीडिया में बताया जा रहा है तकरीबन 50 नोटिस इस पूरे मोहल्ले में भेजे गए हैं.
-ताहिर खान, स्थानीय निवासी-
उन्होंने इस कार्रवाई को सरासर गलत बताते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड संशोधन को लेकर मामला अभी कोर्ट में चल रहा है. उससे पहले ही इस तरह की कार्रवाई करना कहीं ना कहीं जिला प्रशासन द्वारा कोर्ट की अवमानना का विषय भी बनता है. उन्होंने कहा कि उन्हें जो नोटिस आए हैं, उनका वह कानूनी रूप से जवाब देंगे.

लोग बोले सरकार ने ही बसाया, बिजली-पानी-सड़क सब दिए: इसी तरह से एक और बुजुर्ग मुजम्मिल ने बताया कि-
हम सन् 1974 से इस मोहल्ले में रह रहे हैं. हमसे आज तक ना तो किसी ने अवैध कब्जे की बात कही, ना ही किसी के द्वारा कोई नोटिस या कोई जानकारी साझा की गई. सरकार के लोगों द्वारा ही हमें इस जगह पर स्थापित होने की अनुमति दी गई. सरकार के लोगों द्वारा ही बिजली पानी और सड़क की व्यवस्था हमारे मोहल्ले में की गई. अब अचानक से कहा जा रहा है कि यह पूरा मोहल्ला अवैध कब्जा है. ये ठीक बात नहीं है.
-मुजम्मिल, स्थानीय निवासी-
उन्होंने कहा कि इस मोहल्ले में लोग लंबे समय से रह रहे हैं. आज जो भी काम इस तरह से एक राजनीतिक एजेंडा के तहत हो रहा है, वह सही नहीं है. इसको लेकर वह सब लोगों के साथ मिलकर बातचीत करेंगे और एक मजबूत रणनीति तैयार करेंगे.
देहरादून में और भी ऐसे 6 मोहल्ले, भेदभाव वाली कारवाई का आरोप: वहीं मोहल्ले के एक और बुजुर्ग ने बताया कि सरकार द्वारा यह कार्रवाई एक विशेष समुदाय के साथ भेदभाव दिखती है. उन्होंने बताया कि देहरादून में ही ऐसे तकरीबन 6 मोहल्ले हैं जो कि इस तरह के मुस्लिम कब्रिस्तान की जमीन पर बसे हुए हैं. उन्हें लेकर सरकार कभी कुछ नहीं रहती है. उनका कहना है कि यह अवैध कब्जे गैर मुसलमानों द्वारा किए गए हैं, उनको लेकर सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. बल्कि ऐसे मोहल्ले जो कि पूरी तरह से व्यवस्थित और सारी सरकारी सुविधाओं से लैस हैं और लंबे समय से लोग यहां पर रह रहे हैं, उनके खिलाफ यह कार्रवाई की जा रही है, जिससे साफ पता चलता है कि यह पक्षपात भरी कार्रवाई है.

वक्फ संख्या- 8 (चूना-भट्टा, क्रॉसिंग) पर दिए गए 50 नोटिस: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा नया वक्फ बोर्ड संशोधन एक्ट "उम्मीद" आ चुका है. हालांकि कुछ विषयों को लेकर मामला अभी कोर्ट में है, लेकिन फिलहाल वक्फ बोर्ड द्वारा अपनी कार्य प्रणाली में लगातार सुधार किया जा रहा है. शादाब शम्स ने कहा कि-
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड अपने कर्मचारियों और मुतवल्लियों को लगातार कार्यशैली में सुधार करने पर जोर दे रहा है. उनकी जवाबदेही तय की जा रही. इसी कड़ी में देहरादून में चूना भट्ठा क्रॉसिंग पर मौजूद मुस्लिम कब्रिस्तान के साथ लगी जमीन जो कि वक्फ संख्या- 8 हैं वहां पर हुए अवैध कब्जों के खिलाफ तकरीबन 50 नोटिस पहले चरण में भेजे गए हैं. अवैध कब्जे वालों को हटाया जाएगा और जो गरीब पसमांदा मुसलमान हैं, उन्हें आवास दिए जाएंगे.
-शादाब शम्स, अध्यक्ष, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड-
तीन कब्रिस्तान की तकरीबन 100 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बताया कि जो 50 नोटिस भेजे गए हैं, वह वक्फ दस्तावेजों में वक्फ संख्या 8 के नाम से दर्ज हैं. इसका वक्फ नामा, रजिस्ट्री वक्फ बोर्ड के पास मौजूद है. उन्होंने बताया कि यह एक बहुत बड़ा कब्रिस्तान हुआ करता था. पुराने दस्तावेजों के अनुसार कई अलग-अलग रजिस्ट्री में यह तकरीबन 100 बीघा के आसपास जमीन है. शादाब शम्स ने कहा कि-
वक्फ बोर्ड अपने दस्तावेजों को खंगालते हुए वह यह चेक कर रहा है कि 100 बीघा की जमीन पर कैसे समय के साथ-साथ कब्जे हो गये. कैसे पूरा मोहल्ला यहां पर स्थापित हो गया. यह कार्रवाई का पहला चरण है, जिसमें कब्जाधारियों को शो कॉज नोटिस यानी कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. इसमें पूछा जाएगा कि कब्जा करने वाला व्यक्ति किस हैसियत से या फिर किस अधिकार से वहां पर बैठा है. यदि वो बताने में असमर्थ रहता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी उसे वहां से हटाया जाएगा.
-शादाब शम्स, अध्यक्ष, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड-
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