देहरादून: उत्तराखंड को देवभूमि के साथ ही पर्यटन प्रदेश बनाए जाने को लेकर राज्य सरकार तमाम कोशिश कर रही है. इसी क्रम में मौजूद तमाम पर्यटन स्थलों को विकसित करने पर जोर दे रही है, जिसके तहत पर्यटन स्थलों के आसपास अधिक से अधिक सुविधाओं को डेवलप किया जाए, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके. इसके लिए पर्यटन विभाग ने कवायद में जुटा है.
दरअसल, पर्यटन विभाग पर्यटक स्थलों के आसपास सुविधाओं को डेवलप करने के लिए वेसाइड एमेनिटी नीति (Wayside Amenity Policy) तैयार कर रही है. वेसाइड एमेनिटी नीति की खासियत यह होगी कि इस नीति के जरिए पर्यटक स्थलों के आसपास सुनियोजित विकास पर जोर दिया जाएगा, ताकि आने वाले समय में उत्तराखंड राज्य में न सिर्फ पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा सकेंगी.
उत्तराखंड में हर साल दर्शन पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है. इन पर्यटकों में सामान्य पर्यटक के साथ ही धार्मिक पर्यटक भी शामिल है. यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार प्रदेश में मौजूद प्रमुख पर्यटक स्थलों के आसपास सुविधाओं को विकसित करने पर जोर दे रही है.
वहीं, ज्यादा जानकारी देते हुए पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि चारधाम यात्रा मार्गों पर सड़कों के किनारे सुविधाओं को डेवलप किया गया है. इसी क्रम में प्रदेश के कुमाऊं क्षेत्र में भी तमाम ऐसे पर्यटक स्थल हैं, जो काफी प्रसिद्ध है और वहा बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. इसीलिए कुमाऊं क्षेत्र में मौजूद तमाम पर्यटक स्थलों के आसपास सुविधाओं को डेवलप करने का निर्णय लिया गया है.
पर्यटक स्थलों के आसपास बेहतर ढंग से सुविधाओं को डेवलप किया जा सके, इसके लिए पर्यटन विभाग, वेसाइड एमेनिटी नीति तैयार कर रही है. इस नीति में ये प्रावधान किया जाएगा कि उत्तराखंड का स्थानीय निवासी, जिसके पास जमीन उपलब्ध होगी, वो भी पब्लिक पार्टनरशिप के रूप में सुविधाओं को विकसित कर सकेगा.
साथ ही बताया कि पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए वेसाइड अमेनिटी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. क्योंकि जब पर्यटक आता है तो वो एक पर्यटक स्थलों से दूसरे पर्यटक स्थल नहीं जाता, बल्कि वो रुक रुक कर यात्रा करता है. ऐसे में पर्यटन स्थलों के आसपास बेहतर सुविधाएं पर्यटकों को उपलब्ध कराई जा सके, इस दिशा में राज्य सरकार जोर दे रही है.
साथ ही बताया कि पर्यटक स्थलों के आसपास सुविधाओं को विकसित करने से न सिर्फ पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी बल्कि स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा. प्रस्तावित इस नीति में मानकों का निर्धारण भी किया जाएगा, ताकि जो सुविधाएं विकसित की जाएगी, वो मनको के अनुरूप ही की जाए. ताकि पर्यटक स्थलों के आसपास अत्यधिक भीड़ की स्थिति उत्पन्न ना हो.
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