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उत्तराखंड की नई मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2025 को मिली मंजूरी, जानिए क्या है खासियत? - MEGA INDUSTRIAL POLICY 2025

उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल नीति 2025 में राज्य को चार क्षेत्रों में बांटकर उद्योगों के लिए विशेष सुविधाएं दी जाएंगी. नीति पांच साल तक प्रभावी रहेगी

MEGA INDUSTRIAL POLICY 2025
नई औद्योगिक नीति 2025 (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 29, 2025 at 11:22 AM IST

Updated : May 29, 2025 at 2:08 PM IST

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देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने को लेकर तमाम बड़ी पहल कर रही है. इसी क्रम में राज्य सरकार ने उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति-2025 (मेगा पॉलिसी-2025) तैयार की है. इस नीति में उद्योगों को निवेश के आधार पर चार श्रेणियां में बांटा गया है. साथ ही निवेश के लिए प्रदेश को दो हिस्सों में बांटा गया है, जिसके आधार पर निवेशकों को सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा. यही नहीं, इस नीति में उद्योगों के श्रेणी अनुसार, स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने का भी प्रावधान किया गया है.

उत्तराखंड की नई मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी को मंजूरी: गृह सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि, राज्य में बड़े उद्यमों (large enterprises) के लिए वर्तमान में लागू मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति-2021 में अलग-अलग उत्पादों के लिए बार-बार आवेदन की व्यवस्था साथ ही ये नीति 30 जून 2025 को समाप्त हो रही थी. इसके अलावा, केन्द्र सरकार ने राज्य के लिये लागू औद्योगिक विकास योजना- 2017 के साल 2022 में समाप्त होने के चलते बड़े उद्यमों के लिए पूंजीगत उपादान की उपलब्धता न होने के चलते पुरानी नीति में प्रावधान किए गए सभी तरह के उत्पादों को शामिल करते हुए पूंजीगत उपादान (capital factor) का प्रावधान करते हुए उत्तराखंड मेगा इण्डस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति-2025 (मेगा पॉलिसी-2025) को प्रस्तावित किया है.

उत्तराखंड की नई मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी (Video- ETV Bharat)

ये है मेगा पॉलिसी का उद्देश्य: उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति-2025 (मेगा पॉलिसी-2025) का मुख्य उद्देश्य है कि उत्तराखंड को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पूंजी निवेश के लिए प्रतिस्पर्धी गंतव्य (Competitive Destination) के रूप में स्थापित किया जाए. इसके साथ ही वृहद श्रेणी के विनिर्माणक उद्यम (Manufacturing Enterprise) में पूंजी निवेश के लिये अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करते हुये राज्य का आर्थिक विकास के साथ ही रोजगार पैदा करना है. राज्य में इस नीति के लागू होने के बाद अगले पांच सालों तक ये नीति लागू रहेगी.

मेगा पॉलिसी में 4 श्रेणियां: मेगा पॉलिसी के तहत इकाइयों को, उद्यम निवेश श्रेणी के अनुसार वित्तीय प्रोत्साहन का लाभ दिया जाएगा. इस नीति के तहत स्थायी पूंजी निवेश (भूमि को छोड़कर) के आधार पर वृहद उद्यमों को 04 श्रेणी में बांटा गया है. इसके तहत-

  1. पहली श्रेणी में 50 से 200 करोड़ रुपए तक निवेश वाले उद्यम को लार्ज उद्यम
  2. 200 से 500 करोड़ रुपए तक निवेश वाले उद्यम को अल्ट्रा लार्ज उद्यम
  3. 500 से 1000 करोड़ रुपए तक निवेश वाले उद्यम को मेगा उद्यम
  4. 1000 करोड़ रुपए से अधिक निवेश वाले उद्यम को अल्ट्रा मेगा उद्यम की श्रेणी में बांटा गया है

स्थानीय लोगों को देना होगा रोजगार: इसके साथ ही नीति में प्रावधान किया गया है कि-

  • लार्ज उद्यम में 50
  • अल्ट्रा लार्ज उद्यम में 150
  • मेगा उद्यम में 300
  • अल्ट्रा मेगा उद्यम में 500 स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना होगा

कैफ आवेदन की समय सीमा तय: इसके साथ ही निवेश के लिये कैफ आवेदन (Centralized Authorization File) की तिथि से 03 से 07 साल की समय-सीमा तय की गयी है. इस नीति के तहत स्थापित होने वाले उद्यमों के भूमि खरीद लीज डीड के निष्पादन (Execution) पर दी जाने वाली स्टांप ड्यूटी में 50 फीसदी या फिर अधिकतम 50 लाख रुपए की प्रतिपूर्ति (Reimbursement) का प्रावधान किया गया है.

पूंजी निवेश के लिए ये प्रावधान: इस नीति के तहत लार्ज, अल्ट्रा लार्ज, मेगा, अल्ट्रा मेगा निवेश श्रेणी के बड़े उद्यमों को स्थायी पूंजी निवेश के क्रम में 10 फीसदी, 12 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी के पूंजीगत उपादान (capital factor) का प्रावधान किया गया है. इसे 08, 10, 12 और 15 सालों में उद्यमों को वाणिज्यिक उत्पादन (Commercial production) में आने के बाद सालाना किश्तों में देना होगा. इसके अलावा, पर्वतीय क्षेत्रों में बड़े उद्यमों को बढ़ावा देने लिए प्रोत्साहन का भी प्रावधान किया गया है. इस नीति के तहत श्रेणी-ए और बी के जिलों में 02 और 01 फीसदी का अतिरिक्त पूंजीगत उपादान का प्रावधान किया गया है.

राज्य की आर्थिकी को बढ़ाने का प्रयास: वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि-

राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति 2025 को मंजूरी दी गई है. इससे राज्य के मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना के लिये और अधिक आधार तैयार होंगे. इससे राज्य की आर्थिकी को भी बढ़ावा मिल सकेगा.
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड-

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देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने को लेकर तमाम बड़ी पहल कर रही है. इसी क्रम में राज्य सरकार ने उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति-2025 (मेगा पॉलिसी-2025) तैयार की है. इस नीति में उद्योगों को निवेश के आधार पर चार श्रेणियां में बांटा गया है. साथ ही निवेश के लिए प्रदेश को दो हिस्सों में बांटा गया है, जिसके आधार पर निवेशकों को सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा. यही नहीं, इस नीति में उद्योगों के श्रेणी अनुसार, स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने का भी प्रावधान किया गया है.

उत्तराखंड की नई मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी को मंजूरी: गृह सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि, राज्य में बड़े उद्यमों (large enterprises) के लिए वर्तमान में लागू मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति-2021 में अलग-अलग उत्पादों के लिए बार-बार आवेदन की व्यवस्था साथ ही ये नीति 30 जून 2025 को समाप्त हो रही थी. इसके अलावा, केन्द्र सरकार ने राज्य के लिये लागू औद्योगिक विकास योजना- 2017 के साल 2022 में समाप्त होने के चलते बड़े उद्यमों के लिए पूंजीगत उपादान की उपलब्धता न होने के चलते पुरानी नीति में प्रावधान किए गए सभी तरह के उत्पादों को शामिल करते हुए पूंजीगत उपादान (capital factor) का प्रावधान करते हुए उत्तराखंड मेगा इण्डस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति-2025 (मेगा पॉलिसी-2025) को प्रस्तावित किया है.

उत्तराखंड की नई मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी (Video- ETV Bharat)

ये है मेगा पॉलिसी का उद्देश्य: उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति-2025 (मेगा पॉलिसी-2025) का मुख्य उद्देश्य है कि उत्तराखंड को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पूंजी निवेश के लिए प्रतिस्पर्धी गंतव्य (Competitive Destination) के रूप में स्थापित किया जाए. इसके साथ ही वृहद श्रेणी के विनिर्माणक उद्यम (Manufacturing Enterprise) में पूंजी निवेश के लिये अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करते हुये राज्य का आर्थिक विकास के साथ ही रोजगार पैदा करना है. राज्य में इस नीति के लागू होने के बाद अगले पांच सालों तक ये नीति लागू रहेगी.

मेगा पॉलिसी में 4 श्रेणियां: मेगा पॉलिसी के तहत इकाइयों को, उद्यम निवेश श्रेणी के अनुसार वित्तीय प्रोत्साहन का लाभ दिया जाएगा. इस नीति के तहत स्थायी पूंजी निवेश (भूमि को छोड़कर) के आधार पर वृहद उद्यमों को 04 श्रेणी में बांटा गया है. इसके तहत-

  1. पहली श्रेणी में 50 से 200 करोड़ रुपए तक निवेश वाले उद्यम को लार्ज उद्यम
  2. 200 से 500 करोड़ रुपए तक निवेश वाले उद्यम को अल्ट्रा लार्ज उद्यम
  3. 500 से 1000 करोड़ रुपए तक निवेश वाले उद्यम को मेगा उद्यम
  4. 1000 करोड़ रुपए से अधिक निवेश वाले उद्यम को अल्ट्रा मेगा उद्यम की श्रेणी में बांटा गया है

स्थानीय लोगों को देना होगा रोजगार: इसके साथ ही नीति में प्रावधान किया गया है कि-

  • लार्ज उद्यम में 50
  • अल्ट्रा लार्ज उद्यम में 150
  • मेगा उद्यम में 300
  • अल्ट्रा मेगा उद्यम में 500 स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना होगा

कैफ आवेदन की समय सीमा तय: इसके साथ ही निवेश के लिये कैफ आवेदन (Centralized Authorization File) की तिथि से 03 से 07 साल की समय-सीमा तय की गयी है. इस नीति के तहत स्थापित होने वाले उद्यमों के भूमि खरीद लीज डीड के निष्पादन (Execution) पर दी जाने वाली स्टांप ड्यूटी में 50 फीसदी या फिर अधिकतम 50 लाख रुपए की प्रतिपूर्ति (Reimbursement) का प्रावधान किया गया है.

पूंजी निवेश के लिए ये प्रावधान: इस नीति के तहत लार्ज, अल्ट्रा लार्ज, मेगा, अल्ट्रा मेगा निवेश श्रेणी के बड़े उद्यमों को स्थायी पूंजी निवेश के क्रम में 10 फीसदी, 12 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी के पूंजीगत उपादान (capital factor) का प्रावधान किया गया है. इसे 08, 10, 12 और 15 सालों में उद्यमों को वाणिज्यिक उत्पादन (Commercial production) में आने के बाद सालाना किश्तों में देना होगा. इसके अलावा, पर्वतीय क्षेत्रों में बड़े उद्यमों को बढ़ावा देने लिए प्रोत्साहन का भी प्रावधान किया गया है. इस नीति के तहत श्रेणी-ए और बी के जिलों में 02 और 01 फीसदी का अतिरिक्त पूंजीगत उपादान का प्रावधान किया गया है.

राज्य की आर्थिकी को बढ़ाने का प्रयास: वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि-

राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति 2025 को मंजूरी दी गई है. इससे राज्य के मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना के लिये और अधिक आधार तैयार होंगे. इससे राज्य की आर्थिकी को भी बढ़ावा मिल सकेगा.
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड-

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Last Updated : May 29, 2025 at 2:08 PM IST
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