देहरादून: उत्तराखंड में आज से लेकर कल तक मौसम शुष्क रहेगा. मौसम विभाग ने जो अलर्ट जारी किया है, उसके अनुसार 11 जून से फिर बारिश का दौर शुरू होगा. ये बारिश 11, 12, 13 और 14 जून तक जारी रहेगी. इस दौरान बादल भी गरजेंगे.
जानें अगले 6 दिन के मौसम का हाल: मौसम विभाग के अनुसार 10 जून तक मौसम शुष्क रहेगा. 11 जून से मौसम फिर रंग बदलेगा. 11 जून को उत्तराखंड के 10 जिलों में बारिश होगी. इनमें गढ़वाल मंडल के 4 जिले शामिल हैं. कुमाऊं मंडल के 6 जिले शामिल हैं. मौसम विभाग के अनुसार गढ़वाल मंडल के जिन जिलों में 11 जून को बारिश होगी, उनमें उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पौड़ी गढ़वाल शामिल हैं. कुमाऊं मंडल के जिलों में अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर शामिल हैं.
— Meteorological Centre Dehradun (@mcdehradun) June 8, 2025
11 जून से फिर शुरू होगी बारिश: जो अनुमान जारी किया गया है उसके अनुसार 12, 13 और 14 जून को भी राज्य के अनेक जिलों में बारिश का दौर जारी रहेगा. इस दिन हरिद्वार में भी बारिश का अनुमान है. मौसम विभाग ने 10 जून के बाद ही मानसून के आने की संभावना जताई है.
चारधाम का तापमान: इन दिनों उत्तराखंड की चारधाम यात्रा भी जारी है. आइए अब आपको चारधाम के तापमान का हाल बताते हैं. 8 जून से बारिश का दौर थमा तो तापमान भी बढ़ गया है. बड़े दिनों बाद यमुनोत्री धाम का तापमान माइनस से ऊपर आया है. आज यमुनोत्री धाम का अधिकतम तापमान 12° सेल्सियस है तो न्यूनतम तापमान फ्रीजिंग प्वाइंट पर 0° सेल्सियस है. गंगोत्री का तापमान भी बढ़ा है. गंगोत्री का अधिकतम तापमान 17° सेल्सियस है तो न्यूनतम तापमान 6° सेल्सियस है.
Weather forecast and Warning for Uttarakhand issued on 08.06.2025 pic.twitter.com/YT4CvjwxQG
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केदारनाथ धाम का अधिकतम तापमान 14° सेल्सियस है तो न्यूनतम तापमान 2° सेल्सियस है. यमुनोत्री के साथ सबसे ठंडे धामों में शुमार रहे बदरीनाथ धाम का तापमान भी माइनस से ऊपर आ गया है. आज बदरीनाथ का अधिकतम तापमान 9° सेल्सियस है तो न्यूनतम तापमान फ्रीजिंग प्वाइंट यानी बर्फ जमने की तापमान से थोड़ा ऊपर 1° सेल्सियस है.
श्रीलंका टापू पहुंचाई गई रसद और दवाइयां: मानसून दस्तक देने जा रहा है. इसको देखते हुए नैनीताल जिला प्रशासन में सभी तैयारियां पूरी करने का दावा किया है. नैनीताल जनपद के कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिनका मानसून के समय जिला मुख्यालय से संपर्क कट जाता है. इन्हीं में से एक जगह है लालकुआं तहसील के गौला नदी के दूसरे छोर पर बसा श्रीलंका टापू गांव. इस गांव का मानसून सीजन में तीन महीने तक जिला मुख्यालय से संपर्क कट जाता है. नदी में पानी काफी बढ़ा जाने के कारण लोग श्रीलंका टापू में ही घिरे रह जाते हैं. ऐसे में जिला प्रशासन ने मानसून से पूर्व श्रीलंका टापू में रहने वाले करीब 115 परिवारों को तीन माह का अतिरिक्त राशन और दवाइयां भी उपलब्ध करा दी हैं.
मानसून से पहले लोगों के स्वास्थ्य के दृष्टि से स्वास्थ्य कैंप लगाया गया और जरूरी दवाइयों का वितरण किया गया. अगले तीन महीने के लिए सभी जरूरी सामग्री भी लोगों को वितरित की. इस दौरान उप जिला अधिकारी राहुल साह ने बताया कि-
अस्थाई हेलीपैड भी श्रीलंका टापू में बनाया गया है. इसके अलावा जो बीमार और गर्भवती महिलाएं हैं, उनको दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा ताकि स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों में उनको अस्पताल पहुंचाया जा सके.
-राहुल साह, एसडीएम-
श्रीलंका टापू में रहते हैं 115 परिवार: गौरतलब है कि 90 के दशक में बिंदुखत्ता गांव का हिस्सा रहे श्रीलंका टापू गौला नदी के कटाव के बाद इससे अलग हो गया. बाद में इसका नाम श्रीलंका टापू गांव पड़ा. जहां आज भी 115 परिवार रहते हैं. गांव के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. गांव के अंदर न ही बिजली, पानी है, न ही सड़क है. वर्षा काल के दौरान इस गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है. अन्य दिनों में नदी में पानी कम होने या नदी के सूख जाने से लोग आवागमन नदी से करते हैं.
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