देहरादून: कुट्टू के आटे के बने पकवान खाने से दो दिन पहले देहरादून और हरिद्वार में 300 से ज्यादा लोग बीमार हो गए थे. इससे पहले भी कुट्टू के आटे के कारण लोगों के बीमार होने के कई मामले सामने आ चुके है. इसलिए सरकार ने अब कुछ सख्त कदम उठाए है. खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तराखंड ने साफ किया है कि अब जनरल स्टोर्स पर बिना लाइसेंस के कुट्टू का आटा नहीं बेचा जा सकेगा.
साथ ही खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अब से सील बंद यानी पैकेट वाले कुट्टू के आटे की ही बिक्री की जाएगी. खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त डॉक्टर आर राजेश कुमार ने बताया कि सरकार के दिशा-निर्देशों पर राज्य में कुट्टू के आटे की बिक्री को लेकर नई गाईडलाइन जारी कर दी गई है.
कोरोनेशन अस्पताल, देहरादून पहुंचकर फूड प्वाइजनिंग से बीमार हुए लोगों का कुशलक्षेत्र जाना। इस दौरान अधिकारियों को मरीजों को समुचित उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) March 31, 2025
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि खराब कुट्टू के आटे के सेवन से फूड प्वाइजनिंग की घटना हुई। इस पर संबंधित एजेंसी को सील… pic.twitter.com/l6q28BxlQi
विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार अब कोई भी कारोबारी खुले में कुट्टू का आटा नहीं बेच सकेगा. इसका विक्रय केवल सील बंद पैकेटों में ही किया जाएग. इसके अलावा पैकेट पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम- 2006 के अनुसार लेबलिंग नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा.
आयुक्त डॉक्टर आर राजेश कुमार ने कहा कि खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुसार कुट्टू के आटे की पिसाई की तिथि, पैकेजिंग की तिथि और एक्सपायरी डेट पैकेट पर स्पष्ट रूप से लिखना जरूरी होगा. इसके अलावा हर पैकेट पर विक्रेता की खाद्य लाइसेंस संख्या भी दर्ज करना अनिवार्य होगा. ऐसे में बिना वैध खाद्य लाइसेंस के कुट्टू का आटा और बीज नहीं बेचा जा सकेगा.
#कार्यवाही #अपील
— Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) March 31, 2025
कुट्टू के आटे का सेवन करने के कारण कई लोगों के बीमार होने के दृष्टिगत मा0 मुख्यमंत्री महोदय के आदेशानुसार SSP देहरादून के सख्त निर्देशों पर तत्काल 02 घण्टे के अन्दर ही दून पुलिस द्वारा 22 दुकानों/स्टोरों को चिन्हित कर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है pic.twitter.com/chYOM7JzBM
इसके साथ ही सभी खाद्य कारोबारियों को खरीद और बिक्री का रिकॉर्ड लिखित रूप में रखना होगा. बिना अनुमति के खुले में कुट्टू के आटे की बिक्री करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि पिछले कुछ सालों में देहरादून और हरिद्वार समेत अन्य जिलों में मिलावटी कुट्टू के आटे का इस्तेमाल करने से फूड पॉइजनिंग जैसी बीमारियों से ग्रसित होने की घटनाएं लगातार सामने आती रही है. भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हो, इसलिए सरकार ने पहले से ही सख्ती बरतने का फैसला किया है.
इस संबंध में एफडीए आयुक्त ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिए है कि नए नियमों का कड़ाई से पालन हो. इसके लिए नियमित जांच और निरीक्षण करते रहे. अगर कोई भी विक्रेता इन नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

आयुक्त आर राजेश कुमार ने कहा कुट्टू के आटे की जांच में कई नमूने असुरक्षित पाए गए हैं. प्रदेश में चल रहे अभियान के तहत राज्य के तमाम जिलों में सघन निरीक्षण और सैंपल एकत्र किये जा रहे हैं, जिसमें 6 संस्थानों से लिए गए कुट्टू के आटे के नमूने असुरक्षित पाए गए.
रुद्रपुर स्थित राज्य खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में इन नमूनों की जांच की गई. कुट्टू के आटे में मायकोटॉक्सिन टॉक्सिक पाया गया है. ऐसे में इन मिलावटी और असुरक्षित नमूनों को लेकर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद दायर करने के निर्देश दिए हैं.
पढ़ें---
- देहरादून कुट्टू आटा मामला, जांच समिति गठित, 3 दिन में रिपोर्ट सौंपेगी कमेटी
- देहरादून कुट्टू आटा मामला: दून अस्पताल में भर्ती हुए सबसे ज्यादा 72 मरीज, 62 हुए डिस्चार्ज
- कुट्टू आटे की कंपलीट क्राइम कुंडली! तीन आरोपी अरेस्ट, यूपी से जुड़ा कनेक्शन
- उत्तराखंड में हर साल नवरात्रि पर लोगों को अस्पताल पहुंचा रहा कुट्टू का आटा, आंकड़े कर रहे तस्दीक