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विभागों में अधिकारियों कर्मचारियों की लगेगी बायोमेट्रिक हाजिरी, IAS अफसरों को देना होगा संपत्ति का ब्योरा - BIOMETRIC ATTENDANCE

सीएस आनंद वर्धन ने एक मई से विभागों में अधिकारियों और कर्मचारियों की बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने के निर्देश दिए.

Biometric Attendance
प्रदेश के सभी विभागों में अधिकारियों-कर्मचारियों की लगेगी बायोमेट्रिक हाजिरी (PHOTO- CS OFFICE)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 15, 2025 at 8:55 PM IST

Updated : April 15, 2025 at 11:15 PM IST

5 Min Read

देहरादून: उत्तराखंड के सरकारी विभागों में अधिकारी और कर्मचारी अब मनमाने तरीके से ना तो आ सकेंगे और ना ही जा सकेंगे. दरअसल, मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में सचिव समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में मुख्य सचिव (सीएस) ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि एक मई 2025 से विभागों में अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक से की जाएगी. इसके लिए सभी विभागों में बायोमेट्रिक की सुविधा को व्यवस्थित कर लिया जाए. इसके साथ ही सीएस ने सभी अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए हैं कि सालाना अपने अचल संपत्तियों की जानकारी देना अनिवार्य होगा. क्योंकि प्रमोशन के समय यह देखा जाएगा कि कार्मिक की ओर से अचल संपत्ति का विवरण दिया गया है या नहीं.

बैठक के दौरान सीएस ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि विभागों की ओर से जनहित और राज्यहित में महत्त्वपूर्ण और प्राथमिकता वाली योजनाओं की सूची तैयार कर लें. जिससे जनहित से जुड़ी योजनाओं के लिए धनराशि की व्यवस्था की जा सके. साथ ही उन योजनाओं की स्वीकृति के लिए भी कार्रवाई की जा सके. सीएस ने सभी विभागीय अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए हैं कि योजनाओं की सूची नियोजन विभाग और मुख्य सचिव कार्यालय को उपलब्ध कराए. मुख्य सचिव ने एक करोड़ से अधिक लागत की परियोजनाओं की समीक्षा पीएम गतिशक्ति पोर्टल के जरिए किए जाने के भी निर्देश दिए हैं. इसके लिए सभी विभागों को आवश्यक तैयारी किए जाने की बात कही है. भविष्य में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली ईएफसी पीएम गतिशक्ति पोर्टल के जरिए की जाएगी. विभागीय सचिवगणों से भी विभागीय ईएफसी पीएम गतिशक्ति पोर्टल के जरिए कराए जाने के निर्देश दिए हैं.

Biometric Attendance
प्रदेश के सभी विभागों में अधिकारियों-कर्मचारियों की लगेगी बायोमेट्रिक हाजिरी (PHOTO- CS OFFICE)

ई-डीपीआर तैयार करने के निर्देश: साथ ही, उन्होंने सभी विभागों की ओर से तैयार की जाने वाली विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को ई-डीपीआर के रूप में तैयार किए जाने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि इससे योजनाओं को लागू करने में गति आएगी. कुछ राज्यों में ई-डीपीआर बनाए जाने का कार्य किया जा रहा है. एनआईसी के जरिए इसका अध्ययन कराते हुए भविष्य में परियोजनाओं के लिए ई-डीपीआर बनाए जाने के लिए व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही सभी विभागीय सचिव को सचिवालय प्रशासन विभाग की ओर से दिए गए निर्देशों के आधार पर साल में कम से कम एक बार अनुभागाों का विस्तृत निरीक्षण करें.

विभाग पोर्टल पर अपलोड करेंगे परिसंपत्ति का विवरण: इसी तरह का निरीक्षण रोस्टर के आधार पर अपर सचिवों, संयुक्त सचिवों, उप सचिवों और अनुसचिवों को किए जाने के निर्देश दिए हैं. बैठक में सभी अधिकारियों को अपने विभाग से संबंधित तमाम प्रकार के कामों के लिए एनुअल वर्क प्लान बनाए जाने के निर्देश दिए हैं. ताकि सभी प्रकार के विभागीय कार्यों को समय से पूरा किया जा सके और देरी से बचा जा सके. मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसम्पत्तियों की सूची तैयार कर इसके लिए बनाए गए पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि, तमाम विभागों की ओर से अपनी विभागीय परिसम्पत्तियों की सूची पहले गवर्नमेंट एसेट्स इन्वेंटरी (Government Assets Inventory) पर अपलोड किया गया था. लेकिन सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसम्पत्तियों की सूची इस पोर्टल पर अपलोड किए जाने के निर्देश दिए गए.

आईएएस देंगे अचल संपत्ति का ब्योरा: अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि के बारे में जानकारी देते समय अनिवार्य रूप से अचल संपत्ति का विवरण भी देना अनिवार्य होगा. बैठक के दौरान यह संज्ञान में लाया गया कि कई विभागीय अधिकारियों की ओर से समय से अपनी वार्षिक अचल संपत्ति का विवरण अपने विभागों को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं. वार्षिक गोपनीय आख्या के बारे में विवरण देते समय अचल संपत्ति का विवरण घोषित किए जाने को अनिवार्य बनाए जाने के लिए व्यवस्था बनाए जाने के निर्देश दिए हैं. पदोन्नति के समय यह देखा जाएगा कि कार्मिक की ओर से अचल संपत्ति का विवरण दिया गया है या नहीं.

बैठक में देहरादून में राज्य संग्रहालय की आवश्यकता बताई गई है. इसके लिए प्रस्ताव जमा किए जाने के निर्देश दिए गए. कोलागढ़ में स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र का अधिक से अधिक उपयोग किए जाने के लिए कार्ययोजना बनाए जाने के निर्देश दिए हैं. संस्कृति विभाग में पंजीकृत तमाम तरह के सांस्कृतिक दलों की आपस में प्रतियोगिता कराते हुए पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से इनको श्रेणी ए, बी, सी आदि में रखे जाने के निर्देश दिए गए. ताकि आवश्यकतानुसार इनका उपयोग किया जा सके.

ये भी पढ़ें: नवनियुक्त मुख्य सचिव ने किया कई अधिकारियों का प्रमोशन, ये अफसर संभालेंगे सीएस कार्यालय का कामकाज

देहरादून: उत्तराखंड के सरकारी विभागों में अधिकारी और कर्मचारी अब मनमाने तरीके से ना तो आ सकेंगे और ना ही जा सकेंगे. दरअसल, मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में सचिव समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में मुख्य सचिव (सीएस) ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि एक मई 2025 से विभागों में अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक से की जाएगी. इसके लिए सभी विभागों में बायोमेट्रिक की सुविधा को व्यवस्थित कर लिया जाए. इसके साथ ही सीएस ने सभी अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए हैं कि सालाना अपने अचल संपत्तियों की जानकारी देना अनिवार्य होगा. क्योंकि प्रमोशन के समय यह देखा जाएगा कि कार्मिक की ओर से अचल संपत्ति का विवरण दिया गया है या नहीं.

बैठक के दौरान सीएस ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि विभागों की ओर से जनहित और राज्यहित में महत्त्वपूर्ण और प्राथमिकता वाली योजनाओं की सूची तैयार कर लें. जिससे जनहित से जुड़ी योजनाओं के लिए धनराशि की व्यवस्था की जा सके. साथ ही उन योजनाओं की स्वीकृति के लिए भी कार्रवाई की जा सके. सीएस ने सभी विभागीय अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए हैं कि योजनाओं की सूची नियोजन विभाग और मुख्य सचिव कार्यालय को उपलब्ध कराए. मुख्य सचिव ने एक करोड़ से अधिक लागत की परियोजनाओं की समीक्षा पीएम गतिशक्ति पोर्टल के जरिए किए जाने के भी निर्देश दिए हैं. इसके लिए सभी विभागों को आवश्यक तैयारी किए जाने की बात कही है. भविष्य में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली ईएफसी पीएम गतिशक्ति पोर्टल के जरिए की जाएगी. विभागीय सचिवगणों से भी विभागीय ईएफसी पीएम गतिशक्ति पोर्टल के जरिए कराए जाने के निर्देश दिए हैं.

Biometric Attendance
प्रदेश के सभी विभागों में अधिकारियों-कर्मचारियों की लगेगी बायोमेट्रिक हाजिरी (PHOTO- CS OFFICE)

ई-डीपीआर तैयार करने के निर्देश: साथ ही, उन्होंने सभी विभागों की ओर से तैयार की जाने वाली विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को ई-डीपीआर के रूप में तैयार किए जाने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि इससे योजनाओं को लागू करने में गति आएगी. कुछ राज्यों में ई-डीपीआर बनाए जाने का कार्य किया जा रहा है. एनआईसी के जरिए इसका अध्ययन कराते हुए भविष्य में परियोजनाओं के लिए ई-डीपीआर बनाए जाने के लिए व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही सभी विभागीय सचिव को सचिवालय प्रशासन विभाग की ओर से दिए गए निर्देशों के आधार पर साल में कम से कम एक बार अनुभागाों का विस्तृत निरीक्षण करें.

विभाग पोर्टल पर अपलोड करेंगे परिसंपत्ति का विवरण: इसी तरह का निरीक्षण रोस्टर के आधार पर अपर सचिवों, संयुक्त सचिवों, उप सचिवों और अनुसचिवों को किए जाने के निर्देश दिए हैं. बैठक में सभी अधिकारियों को अपने विभाग से संबंधित तमाम प्रकार के कामों के लिए एनुअल वर्क प्लान बनाए जाने के निर्देश दिए हैं. ताकि सभी प्रकार के विभागीय कार्यों को समय से पूरा किया जा सके और देरी से बचा जा सके. मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसम्पत्तियों की सूची तैयार कर इसके लिए बनाए गए पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि, तमाम विभागों की ओर से अपनी विभागीय परिसम्पत्तियों की सूची पहले गवर्नमेंट एसेट्स इन्वेंटरी (Government Assets Inventory) पर अपलोड किया गया था. लेकिन सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसम्पत्तियों की सूची इस पोर्टल पर अपलोड किए जाने के निर्देश दिए गए.

आईएएस देंगे अचल संपत्ति का ब्योरा: अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि के बारे में जानकारी देते समय अनिवार्य रूप से अचल संपत्ति का विवरण भी देना अनिवार्य होगा. बैठक के दौरान यह संज्ञान में लाया गया कि कई विभागीय अधिकारियों की ओर से समय से अपनी वार्षिक अचल संपत्ति का विवरण अपने विभागों को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं. वार्षिक गोपनीय आख्या के बारे में विवरण देते समय अचल संपत्ति का विवरण घोषित किए जाने को अनिवार्य बनाए जाने के लिए व्यवस्था बनाए जाने के निर्देश दिए हैं. पदोन्नति के समय यह देखा जाएगा कि कार्मिक की ओर से अचल संपत्ति का विवरण दिया गया है या नहीं.

बैठक में देहरादून में राज्य संग्रहालय की आवश्यकता बताई गई है. इसके लिए प्रस्ताव जमा किए जाने के निर्देश दिए गए. कोलागढ़ में स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र का अधिक से अधिक उपयोग किए जाने के लिए कार्ययोजना बनाए जाने के निर्देश दिए हैं. संस्कृति विभाग में पंजीकृत तमाम तरह के सांस्कृतिक दलों की आपस में प्रतियोगिता कराते हुए पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से इनको श्रेणी ए, बी, सी आदि में रखे जाने के निर्देश दिए गए. ताकि आवश्यकतानुसार इनका उपयोग किया जा सके.

ये भी पढ़ें: नवनियुक्त मुख्य सचिव ने किया कई अधिकारियों का प्रमोशन, ये अफसर संभालेंगे सीएस कार्यालय का कामकाज

Last Updated : April 15, 2025 at 11:15 PM IST
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