कानपुर : साइबर जालसाजों ने डीएम के पेशकार को भी ठग लिया. ठगों ने पेशकार को उनके बेटे के गिरफ्तार होने का झांसा देकर 60 हजार रुपये खाते में ट्रांसफर करा लिए. पेशकार ने साइबर सेल में शिकायक दर्ज कराई है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. पेशकार के पास मंगलवार को पाकिस्तान के कोड नंबर से वाट्सएप कॉल आया था. साइबर ठगों ने खुद को क्राइम ब्रांच का बताकर बेटे को छोड़ने के नाम पर पेशकार को अपना शिकार बना लिया.
डीएम कोर्ट के पेशकार वीरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि 13 अगस्त की दोपहर वह कार्यालय में थे. इसी बीच करीब 3:00 बजे उनके वाट्सएप पर एक कॉल आया था. कॉल उठाते ही उधर से एक आदमी ने कहा कि आपका लड़का अन्य चार लड़कों के साथ पुलिस केस में यहां फंस गया है. हम पुलिस क्राइम ब्रांच से बात कर रहे हैं. उन्होंने जब अपने बेटे से बात करने के लिए बोला तो उधर से उन्हें किसी लड़के के रोने की आवाज आने लगी.
इसके बाद फोन करने वाले ने कहा कि कॉल मत कट करना और भूलकर भी इसकी जानकारी किसी को मत देना. तुम्हारा लड़का बहुत सीधा है. हम इसे जल्द ही छोड़ देंगे. तुम बस 60 हजार का इंतजाम करके इस नंबर पर 7877523761 पर गूगल पे कर दो. थाने के बाहर मीडिया आ गई है. अगर पैसे भेजने में तुम देर करोगे तो हम यहां पर कुछ नहीं कर पाएंगे.
वीरेंद्र ने बताया कि वह काफी ज्यादा घबरा गए और फिर बेटे के मोह में आकर बिना सोचे समझे 60 हजार रुपए का इंतजाम कर प्रांजल शर्मा के नाम फोन पे कर दिया. पैसे ट्रांसफर करने के बाद जब उन्होंने अपने बेटे को फोन मिलाकर उससे बात की तो उसने अपने साथ ऐसी किसी भी घटना के होने से साफ इनकार कर दिया.
इसके कुछ देर बाद फिर इस नंबर से कॉल आया और उनसे 50 हजार रुपए की डिमांड की गई. इस पर पैसे भेजने से साफ इंकार कर दिया. फिर कई बार उस नंबर पर कॉल करके पैसे वापस भेजने के लिए कहा उधर से कॉल कट कर दी जा रही थी.
इस पूरे मामले में एसीपी क्राइम मोहसिन खान ने बताया कि पीड़ित द्वारा इस पूरे मामले को लेकर साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है. पुलिस द्वारा इस पूरे मामले की जांच पड़ताल कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
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