चित्तौड़गढ़: महिला एवं बाल चिकित्सालय में सोमवार रात एक प्रसूता की मौत हो गई. परिवार का आरोप है कि डिलीवरी के बाद करीब 4:30 घंटे तक उचित इलाज नहीं मिलने पर प्रसूता के ब्लीडिंग होती गई. समाजजनों का दबाव पड़ा तो आनन फानन में डॉक्टर पहुंचे और ऑपरेशन कर जान बचाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे. मौत पर परिजनों के साथ समाजजन भी आक्रोशित हो उठे. विधायक चंद्रभान सिंह आक्या और कपासन के पूर्व विधायक एवं भूमि विकास बैंक अध्यक्ष बद्रीलाल जाट सिंहपुर मंगलवार सुबह मौके पर पहुंचे और परिजनों की मांग का समर्थन किया. विधायक चंद्रभान व पूर्व विधायक बद्रीलाल ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. प्रसूता के पिता ने सदर थाने में रिपोर्ट दी.
थाना प्रभारी निरंजन प्रताप सिंह ने कहा कि बोजुंदा निवासी रतन गुर्जर की रिपोर्ट मिली है. उसी के आधार पर आगे कार्रवाई करेंगे. परिजनों के अनुसार बोजुंदा के रतन गुर्जर की 19 वर्षीय बेटी पांचली कोमल को फर्स्ट डिलीवरी पर 6 अप्रैल को महिला एवं बाल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. सोमवार दोपहर करीब 1:30 बजे सिजेरियन से बच्चे को जन्म दिया. लगभग 3 बजे बाद नर्सिंगकर्मियों ने परिजनों को ब्लीडिंग होने की सूचना दी. करीब 7 बजे तक ब्लीडिंग होती रही, लेकिन डॉक्टर नहीं पहुंचे. इससे कोमल की हालात और बिगड़ गई. फिर उसे उदयपुर ले जाने की सलाह दी, जबकि कोमल की तबीयत तब अत्यंत नाजुक थी. जैसे ही समाजजनों को पता चला बड़ी संख्या में लोग अस्पताल पहुंच गए.
पढ़ें: दौसा मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में प्रसूता के पति ने लगाया बच्चा बदलने का आरोप, कहा-लड़का हुआ, थमा दी लड़की -
परिजनों के अनुसार, मामला बढ़ने पर तत्काल डॉक्टर आए व कोमल का ऑपरेशन किया, लेकिन अत्यधिक रक्तस्राव के चलते बचाया नहीं जा सका. रात करीब 10 बजे मृत घोषित कर दिया. समाजजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया व शव उठाने से मना कर दिया. पूर्व पार्षद मुन्ना गुर्जर सहित बड़ी संख्या में लोग सुबह अस्पताल पहुंचे. इस बीच विधायक आक्या और पूर्व विधायक बद्रीलाल भी अस्पताल पहुंच गए. मौत के लिए परिजनों ने डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराया. दोनों जनप्रतिनिधियों ने भी मामले की जांच का आश्वासन देते हुए पुलिस उपाधीक्षक से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने को कहा.
पिता का आरोप, दस हजार रुपए भी लिए: प्रसूता के पिता रतनलाल ने कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट दी. इसमें आरोप लगाया कि ऑपरेशन से पहले डॉक्टर ने 10,000 रुपए लिए थे. इसके बावजूद ऑपरेशन के बाद नहीं पहुंची. विधायक ने चिकित्सा मंत्री से बात कर मामला संज्ञान में लाने का भरोसा दिलाया. बद्रीलाल ने कहा कि पिछले कुछ समय से डॉक्टर ने जिला चिकित्सालय को प्रयोगशाला बना दिया है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
पहले भी हो चुकी प्रसूता की मौत: गौरतलब है कि 28 मार्च को नॉर्मल डिलीवरी के बाद डॉक्टर ने अत्यधिक रक्तस्राव पर ज्योति डीरा नामक महिला को करीब 2 घंटे बाद उदयपुर ले जाने की सलाह दी थी. उसकी वहां उपचार के दौरान मौत हो गई. इसे लेकर दमामी समाज ने डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ प्रदर्शन किया व कलेक्टर को ज्ञापन दिया था. रविवार को भी इसी प्रकार के एक मामले में डॉक्टर ने मरीज को उदयपुर ले जाने को कहा लेकिन प्रेशर पड़ने पर चित्तौड़गढ़ में ही उपचार किया.