कोरबा: रविवार को सक्ती जिले के गांव रेड़ा में रहने वाले कंवर परिवार के साथ गांव के लगभग 22 लोग पिकअप पर सवार होकर कोरबा जिले के गांव करहरी आ रहे थे. इसी दौरान पिकअप नहर में पलट गई और अपना तफरी मच गई. नहर में बहने के बाद 5 लोग लापता हो गए थे. रविवार से लेकर अब तक एक-एक कर पांचों के शव बरामद हो चुके हैं. सबसे अंत में 70 वर्ष को वृद्ध महिला का शव मंगलवार की दोपहर को बरामद किया गया.
10 से 15 किलोमीटर दूर मिले शव: सभी के शव घटनास्थल से 10, 12 और 15 किलोमीटर दूर नगरदा और आसपास मिले हैं. सभी नहर के तेज बहाव में बहकर दूर चले गए थे. एक ही गांव में पांच लोगों की मौत हुई है. जिसमें बच्चे भी शामिल हैं. इस हादसे के बाद गांव में मातम का माहौल है. पुलिस ने सभी के शवों को वैधानिक कार्रवाई कर परिवार को सौंपा है.
मड़वारानी के पास उरगा थाना क्षेत्र में हुआ था हादसा :पिकअप सवार सभी लोग छठी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोरबा जिले के विकासखंड करतला अंतर्गत गांव मड़वारानी के पास स्थित खरहरी जा रहे थे. पिकअप में सबसे अधिक महिलाएं और बच्चे थे. बीते रविवार को सुबह लगभग 11 बजे उरगा थाना क्षेत्र में ग्राम मुकुंदपुर के पास पिकअप बेकाबू होकर पानी से लबालब भरे नहर में गिर गई थी.
जिन्हें तैरना आता था उनकी जान बची :पिकअप के नहर में गिरने के बाद जान बचाने के लिए लोग जोर-जोर से चिल्लाने लगे. इस वक्त मंजर इतना भयावह था कि एक-दूसरे के सामने ही लोग नहर की तेज धारा में बहते चले गए. जिन्हें तैरना आता था उन्होंने अपनी जान बचा ली, लेकिन जो तैरना नहीं जानते थे. वह सभी नहर के तेज बहाव में बह गए.
सभी लापता के शव मिले :नहर में पांच लोग बह गए थे. इसमें 70 साल की मानवती, जामबाई और 60 वर्षीय इतवार बाई के अलावा 7 साल की तान्या और दो साल का नमन कंवर शामिल है. इतवार बाई का शव नगरदा नहर से बरामद कर लिया गया है. एक-एक कर सभी के शव मिल गए हैं. सबसे अंत में जामबाई का शव मंगलवार की दोपहर बरामद किया गया है.हादसा के वक्त जब गाड़ी बेकाबू होकर नहर में गिरने लगी तब चालक पिकअप से कूदकर भाग गया था.
रविवार को यह हादसा हुआ था. पिकअप नहर में गिर गई थी, जिसमें 5 लोग लापता हो गए थे. सभी पांच लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं. वैधानिक कार्रवाई करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं .- भूषण एक्का, कोरबा सीएसपी
पिकअप और मालवाहक में ढोए जा रहे लोग :हादसा होने के बाद अब जागरूकता अभियान जरूर चलाया जाएगा, लेकिन इस तरह की परिस्थितियों पर लगाम नहीं लग पा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में यह एक सामान्य व्यवस्था है जब लोग किसी भी तरह के सामाजिक कार्यक्रम, पिकनिक, सैर सपाटे या शादी समारोह में शामिल होने मालवाहक वाहनों का उपयोग करते हैं. ग्रामीणों के लिए एक सस्ता सार्वजनिक परिवहन का साधन बन जाता है, लेकिन जब इस तरह के हादसे होते हैं. तब ग्रामीणों को अपने जान से हाथ धोना पड़ता है. लोगों में जागरूकता के साथ ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस की सतर्कता से इस तरह से मालवाहक वाहनों में आम लोगों को ढोए जाने से रोकने के लिए ठोस अभियान की जरूरत है. अक्सर हादसा होने के बाद इस तरह के अभियान चलाए भी जाते हैं. लेकिन कुछ दिन बाद परिस्थितियां दोबारा पुराने ढर्रे पर ही लौट आती है.
कोरबा सीएसपी भूषण एक्का ने यह भी बताया कि इस तरह के हादसों का दोहराव न हो इसके लिए भी पुलिस कार्रवाई कर रही है. कार्यवाही के साथ इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा.