लखनऊ: बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने ट्रांसफर के लिए जनप्रतिनिधियों से जुगाड़ लगवाना भारी पड़ेगा. उनका अपने स्वार्थ के लिए चला गया यह दांव उन पर ही भारी पड़ सकता है. कारण है कि क्रीम जगह पर पोस्टिंग लेने की ख्वाहिश रखने वाले ऐसे अधिकारियों कर्मचारियों पर अब पावर कॉरपोरेशन की एक टीम हर माह बारीकी से नजर रखेगी. उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन ने डेटा एनालिटिक टीम का गठन किया है. ये टीम 19 बिंदुओं का प्रतिमाह विश्लेषण करेगी. पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ आशीष गोयल का कहना है कि इस टीम के गठन से ऊर्जा विभाग के काम में पारदर्शिता आएगी.
इन मुख्य बिंदुओं पर रहेगी टीम की नजर
1. स्थानांतरण के लिए बार-2 विभिन्न माध्यम (स्वयं या जन प्रतिनिधि) से आवेदन करने वाले कार्मिक.
2. ऐसे कार्मिक जिन्होंने पिछले 10 वर्षों में प्रशासनिक आधार पर तीन से ज्यादा ट्रांसफर हुए हों.
3. ऐसे कार्मिक जो भिन्न-2 कारणों से विगत पांच वर्षों में निरंतर चिकित्सीय प्रतिवेदन के आवेदन प्रेषित करते हों.
4. ऐसे कार्मिक जिन्होंने विगत पांच वर्षों में आरटीआई के माध्यम से सूचना मांगी हों या पांच से अधिक बार शिकायतें प्रेषित की हों.
5. ऐसे कार्मिक जिन्होंने अन्य विभागों में नौकरी पाने हेतु NOC का पिछले पांच वर्षों में 10 बार से अधिक आवेदन किया हो.
6. अंतिम वर्ष 2027 में उपलब्ध होने वाली केंद्रवार रिक्तियां.
7. ऐसे कौन से अधिकारी हैं जिन पर बार बार भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध हुए और वे उसी स्थान पर या समीपवर्ती स्थान पर कार्यरत हैं.
8. ऐसे कौन से अधिकारी हैं जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध हुए और वे उसी स्थान पर या समीपवर्ती स्थान पर कार्यरत हैं.
9. ऐसे कौन से अधिकारी हैं, जिन्होंने स्थानांतरण के लिए विशेष सिफारिश कराई है और उन्हें पूर्व पोस्टिंग से हटे हुए एक वर्ष का कम समय हुआ है.
10. ऐसे कौन से अधिकारी हैं जो विगत पांच वर्षों में कड़ा दण्ड पाकर भी उसी डिवीजन में तैनात हैं.
11. ऐसे कौन में कार्मिक हैं जो कड़ा दण्ड पाने के बावजूद भी उसी क्षेत्र या समीपवर्ती क्षेत्र में तैनात हैं।l.
12. ऐसे कौन से कार्मिक (टीमों-2 वगैरह) हैं, जिन पर विगत पांच वर्षों के अंदर भ्रष्टाचार से संबंधित दो या अधिक बार आरोप सिद्ध हुआ हो.
13. ऐसे कौन से कार्मिक हैं, जिन्होंने 10 वर्षों में दो या अधिक बार बहुत दण्ड पाया हो.
14. ऐसे कौन से कार्मिक हैं, जिन्होंने विभाग के किसी न्यायालय/अधिकरण में केस किए हुए हैं और उनकी तात्कालिक तैनाती लखनऊ में है.
15. चिकित्सीय प्रतिवेदन के असत्य दावों को सत्यापन को विश्लेषण करना.
16. किसी कार्मिक/अधिकारी के खिलाफ बार-2 शिकायती पत्र आना.
17. ई-ऑफिस से प्रचलित पत्रावलियों के माध्यम से किसी एक इकाई में कार्य की अधिकारता का विश्लेषण कर मैपिंग व Rationalization करना.
18. कार्मिक के कार्य करने की के अनुसार सात घंटे की अवधि में कार्यालय में माह में पांच बार एक घंटे से अधिक अनुपस्थित रहना.
19. ऐसे 10 जनपदों को चिन्हित करना जहां लापरवाही के कारण अधिक विद्युत दुर्घटनाएं घटित हुई हैं.
ये भी पढ़ेंः यूपी पावर कॉरपोरेशन के निदेशकों की नियुक्ति में हुई राजनीति; नोएडा से क्यों बने 5 निदेशक, एक ही जाति को तवज्जो क्यों?
योगी सरकार सख्त: ट्रांसफर के लिए इस विभाग में तिकड़म लगाने वाले निपटेंगे, इन 19 प्वाइंटों पर रहेगी टीम की नजर - UP GOVERNMENT EMPLOYEES
उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन ने डेटा एनालिटिक टीम का गठन किया है.


By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : April 11, 2025 at 8:28 AM IST
लखनऊ: बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने ट्रांसफर के लिए जनप्रतिनिधियों से जुगाड़ लगवाना भारी पड़ेगा. उनका अपने स्वार्थ के लिए चला गया यह दांव उन पर ही भारी पड़ सकता है. कारण है कि क्रीम जगह पर पोस्टिंग लेने की ख्वाहिश रखने वाले ऐसे अधिकारियों कर्मचारियों पर अब पावर कॉरपोरेशन की एक टीम हर माह बारीकी से नजर रखेगी. उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन ने डेटा एनालिटिक टीम का गठन किया है. ये टीम 19 बिंदुओं का प्रतिमाह विश्लेषण करेगी. पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ आशीष गोयल का कहना है कि इस टीम के गठन से ऊर्जा विभाग के काम में पारदर्शिता आएगी.
इन मुख्य बिंदुओं पर रहेगी टीम की नजर
1. स्थानांतरण के लिए बार-2 विभिन्न माध्यम (स्वयं या जन प्रतिनिधि) से आवेदन करने वाले कार्मिक.
2. ऐसे कार्मिक जिन्होंने पिछले 10 वर्षों में प्रशासनिक आधार पर तीन से ज्यादा ट्रांसफर हुए हों.
3. ऐसे कार्मिक जो भिन्न-2 कारणों से विगत पांच वर्षों में निरंतर चिकित्सीय प्रतिवेदन के आवेदन प्रेषित करते हों.
4. ऐसे कार्मिक जिन्होंने विगत पांच वर्षों में आरटीआई के माध्यम से सूचना मांगी हों या पांच से अधिक बार शिकायतें प्रेषित की हों.
5. ऐसे कार्मिक जिन्होंने अन्य विभागों में नौकरी पाने हेतु NOC का पिछले पांच वर्षों में 10 बार से अधिक आवेदन किया हो.
6. अंतिम वर्ष 2027 में उपलब्ध होने वाली केंद्रवार रिक्तियां.
7. ऐसे कौन से अधिकारी हैं जिन पर बार बार भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध हुए और वे उसी स्थान पर या समीपवर्ती स्थान पर कार्यरत हैं.
8. ऐसे कौन से अधिकारी हैं जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध हुए और वे उसी स्थान पर या समीपवर्ती स्थान पर कार्यरत हैं.
9. ऐसे कौन से अधिकारी हैं, जिन्होंने स्थानांतरण के लिए विशेष सिफारिश कराई है और उन्हें पूर्व पोस्टिंग से हटे हुए एक वर्ष का कम समय हुआ है.
10. ऐसे कौन से अधिकारी हैं जो विगत पांच वर्षों में कड़ा दण्ड पाकर भी उसी डिवीजन में तैनात हैं.
11. ऐसे कौन में कार्मिक हैं जो कड़ा दण्ड पाने के बावजूद भी उसी क्षेत्र या समीपवर्ती क्षेत्र में तैनात हैं।l.
12. ऐसे कौन से कार्मिक (टीमों-2 वगैरह) हैं, जिन पर विगत पांच वर्षों के अंदर भ्रष्टाचार से संबंधित दो या अधिक बार आरोप सिद्ध हुआ हो.
13. ऐसे कौन से कार्मिक हैं, जिन्होंने 10 वर्षों में दो या अधिक बार बहुत दण्ड पाया हो.
14. ऐसे कौन से कार्मिक हैं, जिन्होंने विभाग के किसी न्यायालय/अधिकरण में केस किए हुए हैं और उनकी तात्कालिक तैनाती लखनऊ में है.
15. चिकित्सीय प्रतिवेदन के असत्य दावों को सत्यापन को विश्लेषण करना.
16. किसी कार्मिक/अधिकारी के खिलाफ बार-2 शिकायती पत्र आना.
17. ई-ऑफिस से प्रचलित पत्रावलियों के माध्यम से किसी एक इकाई में कार्य की अधिकारता का विश्लेषण कर मैपिंग व Rationalization करना.
18. कार्मिक के कार्य करने की के अनुसार सात घंटे की अवधि में कार्यालय में माह में पांच बार एक घंटे से अधिक अनुपस्थित रहना.
19. ऐसे 10 जनपदों को चिन्हित करना जहां लापरवाही के कारण अधिक विद्युत दुर्घटनाएं घटित हुई हैं.
ये भी पढ़ेंः यूपी पावर कॉरपोरेशन के निदेशकों की नियुक्ति में हुई राजनीति; नोएडा से क्यों बने 5 निदेशक, एक ही जाति को तवज्जो क्यों?