वाराणसी : उत्तर प्रदेश अब फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भी देश का अग्रणी राज्य बनने की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है. नई पहल करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआईडीए) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के बीच एक महत्त्वपूर्ण एमओयू हुआ है. जिसके तहत 1,472 एकड़ भूमि पर फार्मास्यूटिकल उद्योगों को लगाया जाएगा, जहां आईआईटी बीएचयू नॉलेज पार्टनर बनकर युवाओं को प्रशिक्षण देगा.
ये है समझौते के मुख्य बिंदु : प्लेसमेंट सहयोग |
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IIT-BHU बनेगा नॉलेज पार्टनर : इस बारे में प्रो. राजेश कुमार ने बताया कि, हम इस साझेदारी को लेकर उत्साहित हैं. फार्मास्युटिकल इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी विभाग (DOPET) के पास फार्मास्यूटिकल क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने की तकनीकी क्षमता है. हम नॉलेज पार्टनर के रूप में अपना योगदान देंगे.
कौशल विकास और प्रशिक्षण |
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यूपीसीडा के सीईओ मयूर महेश्वरी ने कहा कि, यह समझौता उत्तर प्रदेश की औद्योगिक यात्रा का एक ऐतिहासिक पड़ाव है. हमारा उद्देश्य केवल जमीन उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि एक समावेशी और सशक्त औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है.
अनुसंधान एवं नवाचार सहयोग |
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तैयार होगा फार्मा पार्क : यह समझौता यूपीएसआईडीए द्वारा बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में विकसित किए जा रहे फार्मा पार्क को लेकर है. इस परियोजना के तहत कुल 1,472 एकड़ भूमि पर फार्मास्यूटिकल उद्योगों को स्थापित करने की योजना है. यह भूमि पांच गांवों सैदपुर (426 एकड़), गदोलिकला (249 एकड़), लरगन (239 एकड़), करौंदा (116 एकड़) और रामपुर (441 एकड़) में फैली हुई है.
MoU की अवधि |
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