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यूपी बनेगा फार्मा का हब; यूपीसीडा और IIT-BHU के बीच एमओयू, जानें क्या होगा खास - VARANASI NEWS

आईआईटी बीएचयू नॉलेज पार्टनर बनकर युवाओं को देगा प्रशिक्षण.

यूपीसीडा और IIT-BHU के बीच एमओयू
यूपीसीडा और IIT-BHU के बीच एमओयू (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 10, 2025 at 9:23 PM IST

2 Min Read

वाराणसी : उत्तर प्रदेश अब फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भी देश का अग्रणी राज्य बनने की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है. नई पहल करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआईडीए) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के बीच एक महत्त्वपूर्ण एमओयू हुआ है. जिसके तहत 1,472 एकड़ भूमि पर फार्मास्यूटिकल उद्योगों को लगाया जाएगा, जहां आईआईटी बीएचयू नॉलेज पार्टनर बनकर युवाओं को प्रशिक्षण देगा.

ये है समझौते के मुख्य बिंदु : प्लेसमेंट सहयोग
  • कंपनियों को DOPET के छात्रों को नौकरी देने के लिए सरकार प्रोत्साहित करेगी.
  • विशेष कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित किए जाएंगे.
  • आईआईटी (बीएययू) की प्लेसमेंट सुविधाएं पार्क कंपनियों के लिए खुली रहेंगी.
  • एक संयुक्त समिति बनाकर छात्रों के प्लेसमेंट की रणनीति बनाई जाएगी.

IIT-BHU बनेगा नॉलेज पार्टनर : इस बारे में प्रो. राजेश कुमार ने बताया कि, हम इस साझेदारी को लेकर उत्साहित हैं. फार्मास्युटिकल इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी विभाग (DOPET) के पास फार्मास्यूटिकल क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने की तकनीकी क्षमता है. हम नॉलेज पार्टनर के रूप में अपना योगदान देंगे.

कौशल विकास और प्रशिक्षण
  • इंडस्ट्री की आवश्यकताओं के अनुरूप कोर्स में बदलाव किए जाएंगे.
  • छात्रों को इंटर्नशिप और प्रशिक्षण के अवसर दिए जाएंगे.
  • फार्मा कंपनियों के कर्मचारियों के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम भी विकसित किए जाएंगे.

यूपीसीडा के सीईओ मयूर महेश्वरी ने कहा कि, यह समझौता उत्तर प्रदेश की औद्योगिक यात्रा का एक ऐतिहासिक पड़ाव है. हमारा उद्देश्य केवल जमीन उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि एक समावेशी और सशक्त औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है.

अनुसंधान एवं नवाचार सहयोग
  • संयुक्त रिसर्च प्रोजेक्ट और फैकल्टी-इंडस्ट्री एक्सचेंज प्रोग्राम पर काम होगा.
  • टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की पहल को बढ़ावा मिलेगा.
  • उद्योग की समस्याओं के समाधान के लिये मिलकर प्रयास किए जाएंगे.


तैयार होगा फार्मा पार्क : यह समझौता यूपीएसआईडीए द्वारा बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में विकसित किए जा रहे फार्मा पार्क को लेकर है. इस परियोजना के तहत कुल 1,472 एकड़ भूमि पर फार्मास्यूटिकल उद्योगों को स्थापित करने की योजना है. यह भूमि पांच गांवों सैदपुर (426 एकड़), गदोलिकला (249 एकड़), लरगन (239 एकड़), करौंदा (116 एकड़) और रामपुर (441 एकड़) में फैली हुई है.

MoU की अवधि
  • यह समझौता 5 वर्षों तक प्रभावी रहेगा.
  • आपसी सहमति से इसे आगे भी बढ़ाया जा सकेगा.
  • कोई भी पक्ष 3 महीने का पूर्व सूचना देकर MoU को समाप्त कर सकता है.

यह भी पढ़ें : BHU में सिखाई जाएगी उड़िया भाषा; 2 साल का होगा कोर्स, ओडिशा के बारे में जानने का मिलेगा मौका

यह भी पढ़ें : BHU ने वाहनों के लिये खोजी खास बैटरी, एक बार चार्ज होने पर चलेगी एक हजार किलोमीटर

वाराणसी : उत्तर प्रदेश अब फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भी देश का अग्रणी राज्य बनने की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है. नई पहल करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआईडीए) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के बीच एक महत्त्वपूर्ण एमओयू हुआ है. जिसके तहत 1,472 एकड़ भूमि पर फार्मास्यूटिकल उद्योगों को लगाया जाएगा, जहां आईआईटी बीएचयू नॉलेज पार्टनर बनकर युवाओं को प्रशिक्षण देगा.

ये है समझौते के मुख्य बिंदु : प्लेसमेंट सहयोग
  • कंपनियों को DOPET के छात्रों को नौकरी देने के लिए सरकार प्रोत्साहित करेगी.
  • विशेष कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित किए जाएंगे.
  • आईआईटी (बीएययू) की प्लेसमेंट सुविधाएं पार्क कंपनियों के लिए खुली रहेंगी.
  • एक संयुक्त समिति बनाकर छात्रों के प्लेसमेंट की रणनीति बनाई जाएगी.

IIT-BHU बनेगा नॉलेज पार्टनर : इस बारे में प्रो. राजेश कुमार ने बताया कि, हम इस साझेदारी को लेकर उत्साहित हैं. फार्मास्युटिकल इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी विभाग (DOPET) के पास फार्मास्यूटिकल क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने की तकनीकी क्षमता है. हम नॉलेज पार्टनर के रूप में अपना योगदान देंगे.

कौशल विकास और प्रशिक्षण
  • इंडस्ट्री की आवश्यकताओं के अनुरूप कोर्स में बदलाव किए जाएंगे.
  • छात्रों को इंटर्नशिप और प्रशिक्षण के अवसर दिए जाएंगे.
  • फार्मा कंपनियों के कर्मचारियों के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम भी विकसित किए जाएंगे.

यूपीसीडा के सीईओ मयूर महेश्वरी ने कहा कि, यह समझौता उत्तर प्रदेश की औद्योगिक यात्रा का एक ऐतिहासिक पड़ाव है. हमारा उद्देश्य केवल जमीन उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि एक समावेशी और सशक्त औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है.

अनुसंधान एवं नवाचार सहयोग
  • संयुक्त रिसर्च प्रोजेक्ट और फैकल्टी-इंडस्ट्री एक्सचेंज प्रोग्राम पर काम होगा.
  • टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की पहल को बढ़ावा मिलेगा.
  • उद्योग की समस्याओं के समाधान के लिये मिलकर प्रयास किए जाएंगे.


तैयार होगा फार्मा पार्क : यह समझौता यूपीएसआईडीए द्वारा बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में विकसित किए जा रहे फार्मा पार्क को लेकर है. इस परियोजना के तहत कुल 1,472 एकड़ भूमि पर फार्मास्यूटिकल उद्योगों को स्थापित करने की योजना है. यह भूमि पांच गांवों सैदपुर (426 एकड़), गदोलिकला (249 एकड़), लरगन (239 एकड़), करौंदा (116 एकड़) और रामपुर (441 एकड़) में फैली हुई है.

MoU की अवधि
  • यह समझौता 5 वर्षों तक प्रभावी रहेगा.
  • आपसी सहमति से इसे आगे भी बढ़ाया जा सकेगा.
  • कोई भी पक्ष 3 महीने का पूर्व सूचना देकर MoU को समाप्त कर सकता है.

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