वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर में मौजूद श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है लेकिन आज बैंड बाजे के साथ बड़ी संख्या में भक्त माता श्रृंगार गौरी का दर्शन करने पहुंचे. वहीं श्रृंगार गौरी के दर्शन पूजन को लेकर लगातार लोगों की भीड़ यहां इकट्ठा हुई.
ऐसे में श्रृंगार गौरी मामले को कोर्ट में देख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और विश्वनाथ के मुख्य कार्यपालिका अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने पूजन पाठ संपन्न किया. इस दौरान मंदिर में पूजा पाठ के साथ आरती भी की.
दरअसल चैत्र नवरात्र के चतुर्थ दिन श्रृंगार गौरी का दर्शन होता है और हर वर्ष सिर्फ इसी दिन श्रृंगार गौरी के दर्शन के लिए भक्तों को छूट दी जाती है. इस बार बड़ी संख्या में सुहाग सामग्री माला फूल और नारियल लेकर भक्त अंदर पहुंचे. विश्वनाथ मंदिर में पहले नारियल अंदर नहीं जा सकता था लेकिन आज श्रृंगार गौरी में चढ़ने के लिए नारियल भी अंदर ले जाया जा रहा है.
ज्ञानवापी को लेकर न्यायालय में आवाज उठाने वाली 5 महिलाओं के नेतृत्व में श्रद्धालु दर्शन पूजन करने पहुंचे. सत्यनारायण मंदिर और विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर 4 से सुबह 8:30 से श्रद्धालुओं की एंट्री करवाई जा रही. दर्शन पूजन 12:30 बजे तक चलेगा. सुबह ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के बैनर चले श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में पहुंचकर, माता श्रृंगार गौरी का जलाभिषेक करने के बाद पूजन किया.
ढोल नगाड़े डमरू के साथ बड़ी संख्या में भक्तों ने जय माता दी के जयघोष के साथ पूजन पाठ संपन्न करवाया है. मंदिर में पुलिस प्रशासन पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ अंदर भक्तों की एंट्री करवा रही है. ज्ञानवापी परिषद के पिछले हिस्से में श्रृंगार गौरी मंदिर के ध्वस्त हिस्से के पत्थरों पर पूजन पाठ जारी है.

दरअसल 1992 तक मां श्रृंगार गौरी का नियमित पूजन होता था लेकिन बाबरी विध्वंस के बाद यहां पर बैरिकेडिंग हो जाने की वजह से श्रृंगार गौरी का नियमित दर्शन बंद कर दिया गया. लोकल प्रशासन के आदेश के बाद से यहां पर दर्शन नहीं हो रहा है लेकिन 2021 में पांच महिलाओं की तरफ से मुकदमा दाखिल किया गया, जिसमें नियमित दर्शन की मांग की गई थी.

श्रृंगार गौरी मामले को कोर्ट में देख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हमने माता रानी से यही प्रार्थना कि हमें नियमित दर्शन की अनुमति मिले और हम यह मुकदमा जीत जाएं, जो विश्वनाथ मंदिर का मूल रूप था, वह भी यहां पर स्थापित हो उन्होंने वक्फ बिल संशोधन को लेकर कहा कि जो भी कमियां थी उसे दूर करके इस बिल को तैयार किया गया इसका विरोध होना ही नहीं चाहिए.
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