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हिमाचल में 500 ML तक की वाटर बोतल पर लगा प्रतिबंध, सरकारी विभागों और बोर्डों में भी नहीं होगा इस्तेमाल, जानें नया आदेश - PLASTIC BOTTLE BAN IN HIMACHAL

हिमाचल प्रदेश में सरकारी विभागों और बोर्डों में 500 एमएल तक पानी की बोतलों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

500 ML तक की वाटर बोतल  पर लगा प्रतिबंध
500 ML तक की वाटर बोतल पर लगा प्रतिबंध (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : April 10, 2025 at 7:35 PM IST

Updated : April 10, 2025 at 8:55 PM IST

3 Min Read

शिमला: एक जून से हिमाचल प्रदेश में सभी सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और अन्य राज्य सरकारी संगठनों की आतंरिक अधिकारिक मीटिंग, बैठकों, सम्मेलनों और कार्यक्रमों में 500 मिलीलीटर तक की प्लास्टिक बोतलों के यूज पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटलों और राज्य के निजी होटलों में पॉलीइथिलीन टेरिफ्थेलैट (पीईटी) 500 मिलीलीटर तक की पानी की बोतलों का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है.

500 ML तक की प्लास्टिक वाटर बोतल प्रतिबंधित

हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (नियंत्रण) संशोधन अधिनियम 2023 के तहत अब हिमाचल प्रदेश में 500 मिलीलीटर तक की प्लास्टिक बोतल न तो सरकारी मीटिंग्स, न ही पर्यटन निगम के होटलों और निजी होटलों में इस्तेमाल हो सकेगा. इस नियम के उल्लंघन पर भी समान जुर्माने का प्रावधान है.

हिमाचल में 500 ML तक की वाटर बोतल पर लगा प्रतिबंध
हिमाचल में 500 ML तक की वाटर बोतल पर लगा प्रतिबंध (Notification)

कमर्शियल वाहनों में डस्टबिन लगाना अनिवार्य

वहीं, इसके अलावा हिमाचल आने वाले सभी कमर्शियल वाहनों में डस्टबिन अनिवार्य रूप से लगाने का आदेश जारी किया गया है. यदि वाहनों में डस्टबिन नहीं होगा तो भारी भरकम चालान भरना पड़ेगा. जबकि 500 मिलीलीटर तक की प्लास्टिक बोतलों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है. सरकार की ओर से सभी वाहनों में डस्टबिन लगाने के लिए 5 मई तक का समय दिया गया है.

यह फैसला पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से 29 मार्च 2025 को जारी दो अधिसूचनाओं के माध्यम से लिया गया है. विभाग का कहना है कि हिमाचल में जिस तरह से हर साल लाखों पर्यटक पहुंचते हैं और प्रदेश की हरी भरी वादियों एवं सड़कों पर कूड़ा-कचरा फेंकते हैं, उससे पर्यावरण खतरे में पड़ रहा है. ऐसे में यह निर्णय स्वच्छता और पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी हो गया था. सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार सभी टैक्सी,बस, टेम्पो ट्रैवलर ट्रक सहित सभी कमर्शियल वाहनों में कूड़े के लिए बिन रखना आवश्यक है.

हिमाचल में 500 ML तक की वाटर बोतल पर लगा प्रतिबंध (Notification)

पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सुरेश अत्री ने कहा, "हिमाचल प्रदेश में लाखों पर्यटक वाहन लेकर आते हैं. साथ ही हिमाचल में भी वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है. इन सभी के लिए अब गाड़ियों में डस्टबिन लगाना अनिवार्य किया गया है. गाड़ियों में डस्टबिन लगाने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है. प्रदेश की खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए सभी वाहनों में कचरे के लिए कार डस्टबिन जरूरी है. यह कदम हिमाचल को स्वच्छ और टिकाऊ पर्यावरण की दिशा में आगे ले जाने के लिए उठाया गया है. अब वाहन में फायर इक्विपमेंट व फर्स्ट एड की तर्ज पर अब कार बिन भी आवश्यक होंगे. कार बिन से सड़कों पर फैलने वाला कूड़ा कम होगा, जबकि प्लास्टिक बोतलों पर प्रतिबंध से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रभावी लगाम लगेगी".

5 हजार से 25 हजार तक का जुर्माना

अब बिना डस्टबिन के कोई भी कमर्शियल वाहन सड़क पर नहीं चल सकेगा. किस भी वाहन का कार बिन के बिना न ही पंजीकरण होगा और न ही उसकी पासिंग होगी. नियम का उल्लंघन करने पर वाहन मालिक पर 5,000 से 25,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. कोई भी अगर नियमों अवहेलना करता है तो पुलिस RTO एवं अन्य विभागों के अधिकारियों को चालान काटने की पावर दी गयी है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में इलेक्ट्रिक वाहनों चालकों की दूर होगी टेंशन! प्रदेश भर में 402 जगहों पर स्थापित होंगे EV चार्जिंग स्टेशन

शिमला: एक जून से हिमाचल प्रदेश में सभी सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और अन्य राज्य सरकारी संगठनों की आतंरिक अधिकारिक मीटिंग, बैठकों, सम्मेलनों और कार्यक्रमों में 500 मिलीलीटर तक की प्लास्टिक बोतलों के यूज पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटलों और राज्य के निजी होटलों में पॉलीइथिलीन टेरिफ्थेलैट (पीईटी) 500 मिलीलीटर तक की पानी की बोतलों का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है.

500 ML तक की प्लास्टिक वाटर बोतल प्रतिबंधित

हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (नियंत्रण) संशोधन अधिनियम 2023 के तहत अब हिमाचल प्रदेश में 500 मिलीलीटर तक की प्लास्टिक बोतल न तो सरकारी मीटिंग्स, न ही पर्यटन निगम के होटलों और निजी होटलों में इस्तेमाल हो सकेगा. इस नियम के उल्लंघन पर भी समान जुर्माने का प्रावधान है.

हिमाचल में 500 ML तक की वाटर बोतल पर लगा प्रतिबंध
हिमाचल में 500 ML तक की वाटर बोतल पर लगा प्रतिबंध (Notification)

कमर्शियल वाहनों में डस्टबिन लगाना अनिवार्य

वहीं, इसके अलावा हिमाचल आने वाले सभी कमर्शियल वाहनों में डस्टबिन अनिवार्य रूप से लगाने का आदेश जारी किया गया है. यदि वाहनों में डस्टबिन नहीं होगा तो भारी भरकम चालान भरना पड़ेगा. जबकि 500 मिलीलीटर तक की प्लास्टिक बोतलों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है. सरकार की ओर से सभी वाहनों में डस्टबिन लगाने के लिए 5 मई तक का समय दिया गया है.

यह फैसला पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से 29 मार्च 2025 को जारी दो अधिसूचनाओं के माध्यम से लिया गया है. विभाग का कहना है कि हिमाचल में जिस तरह से हर साल लाखों पर्यटक पहुंचते हैं और प्रदेश की हरी भरी वादियों एवं सड़कों पर कूड़ा-कचरा फेंकते हैं, उससे पर्यावरण खतरे में पड़ रहा है. ऐसे में यह निर्णय स्वच्छता और पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी हो गया था. सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार सभी टैक्सी,बस, टेम्पो ट्रैवलर ट्रक सहित सभी कमर्शियल वाहनों में कूड़े के लिए बिन रखना आवश्यक है.

हिमाचल में 500 ML तक की वाटर बोतल पर लगा प्रतिबंध (Notification)

पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सुरेश अत्री ने कहा, "हिमाचल प्रदेश में लाखों पर्यटक वाहन लेकर आते हैं. साथ ही हिमाचल में भी वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है. इन सभी के लिए अब गाड़ियों में डस्टबिन लगाना अनिवार्य किया गया है. गाड़ियों में डस्टबिन लगाने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है. प्रदेश की खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए सभी वाहनों में कचरे के लिए कार डस्टबिन जरूरी है. यह कदम हिमाचल को स्वच्छ और टिकाऊ पर्यावरण की दिशा में आगे ले जाने के लिए उठाया गया है. अब वाहन में फायर इक्विपमेंट व फर्स्ट एड की तर्ज पर अब कार बिन भी आवश्यक होंगे. कार बिन से सड़कों पर फैलने वाला कूड़ा कम होगा, जबकि प्लास्टिक बोतलों पर प्रतिबंध से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रभावी लगाम लगेगी".

5 हजार से 25 हजार तक का जुर्माना

अब बिना डस्टबिन के कोई भी कमर्शियल वाहन सड़क पर नहीं चल सकेगा. किस भी वाहन का कार बिन के बिना न ही पंजीकरण होगा और न ही उसकी पासिंग होगी. नियम का उल्लंघन करने पर वाहन मालिक पर 5,000 से 25,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. कोई भी अगर नियमों अवहेलना करता है तो पुलिस RTO एवं अन्य विभागों के अधिकारियों को चालान काटने की पावर दी गयी है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में इलेक्ट्रिक वाहनों चालकों की दूर होगी टेंशन! प्रदेश भर में 402 जगहों पर स्थापित होंगे EV चार्जिंग स्टेशन

Last Updated : April 10, 2025 at 8:55 PM IST
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