मिर्जापुर : यूपी में मिर्जापुर के विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल धाम में स्थित मां विंध्यवासिनी, मां काली और मां अष्ठभुजा मंदिर की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. नवरात्र के बाद मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर पर अत्याधुनिक AI कैमरे लगाए गए हैं. यह अपराधियों की पहचान करने में भी मदद करेंगे.
मंदिर परिसर में अपराधी कैमरे के सामने जैसे ही आयेगा तो AI कंट्रोल रूम को तुरंत अलर्ट भेज देगा. इसकी शुरुआत मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर से का गयी है. आने वाले समय में मां काली और मां अष्टभुजा देवी मंदिर पर भी जल्द AI कैमरे लगाए जाएंगे.
विंध्यवासिनी मंदिर में लगे हैं 206 सीसीटीवी कैमरे : मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर आस्था का केंद्र है. यहां पर वैसे तो हर दिन हजारों की संख्या में दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंचकर दर्शन पूजन करते हैं. नवरात्र में इसकी संख्या लाखों में पहुंच जाती है. विंध्य कॉरिडोर का निर्माण हो जाने से श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. मंदिर और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर मंदिर परिक्षेत्र में 206 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं.
श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने पर भी AI तकनीकी से मिलेगी सूचना : पहले सीसीटीवी कैमरे से मैन्युअल देखा जाता था, पर अब इसे AI तकनीकी के माध्यम से संबंधित अधिकारी को इनपुट भेजा जाएगा. जैसे ही मां विंध्यवासिनी मंदिर के प्रतिबंधित क्षेत्र के अंदर अगर कोई अनाधिकृत व्यक्ति या अपराधी घुसेगा, तो इसकी सूचना AI तुरंत संबंधित टीम को भेज देगा.
यही नहीं श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने पर भी तुरंत सूचना मिलेगी और उस क्षेत्र में पुलिस की एक्स्ट्रा टीम तत्काल पहुंचकर कंट्रोल करने में जुट जाएगी.
AI आधारित सॉफ्टवेयर का नाम लक्ष्मण रेखा : मां विंध्यवासिनी धाम के मंदिर पर सीसीटीवी कैमरों में AI आधारित लक्ष्मण रेखा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया गया है. इससे मंदिर और श्रद्धालुओं की निगरानी की जा रही है. दावा किया जा रहा है मां विंध्यवासिनी मंदिर देश का पहला एक ऐसा मंदिर बन गया है, जहां सुरक्षा AI तकनीकी कैमरे से की जा रही है. इसका नाम वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा ने लक्ष्मण रेखा दिया है. 365 दिन 24 घंटे काम करेगा.
एसएसपी सोमेन बर्मा ने बताया कि मां विंध्यवासिनी मंदिर की सुरक्षा लक्ष्मण रेखा सॉफ्टवेयर से शुरू हो गई है. यह सॉफ्टवेयर लाइव डेटा लेता है और अपने AI तकनीकी के माध्यम से संबंधित अधिकारी को इनपुट भेजता है. मां विंध्यवासिनी मंदिर में प्रतिबंधित क्षेत्र के अंदर अगर कोई अनाधिकृत व्यक्ति घुसेगा, तो इसकी सूचना तुरंत संबंधित टीम को भेज देगा. यही नहीं लाखों की भीड़ में अक्सर परिवार के साथ आने वाले लोग अपनों से बिछड़ जाते हैं, ऐसे में उनकी फोटो को इस टेक्नोलॉजी में अपलोड करते ही वह खोज कर उस स्थान की जानकारी दे देगा.
एसएसपी सोमेन बर्मा ने बताया कि जल्द ही इस टेक्नोलॉजी का उपयोग हम त्रिकोण पथ पर स्थित दो अन्य मंदिरों मां काली मंदिर और मां अष्टभुजा मंदिर पर भी करेंगे.
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