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लखनऊ का पहला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिसमें ब्लड बैंक, राष्ट्रीय सर्टिफिकेट की मिली मान्यता - NATIONAL CERTIFICATE TO LUCKNOW CHC

सीएचसी में मौजूद 4 बेड का न्यू बार्न स्टेबलाइजेशन यूनिट (एनबीएसयू), 24 घंटे की आपातकाल सेवा, रविवार छोड़कर सभी दिन टीकाकरण होता है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 8, 2025 at 9:28 PM IST

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लखनऊ : राजधानी लखनऊ के बीकेटी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है. CHC को National Quality Assurance Standards (NQAS) से राष्ट्रीय सर्टिफिकेट भी मिल चुका है. अब यहां फिजिशियन, बच्चों, महिलाओं और सर्जरी के विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलावा दवाएं, लैब टेस्ट भी उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों को शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती.

पहला बीकेटी सीएचसी, जहां ब्लड बैंक हो रहा संचालित : बीकेटी सीएचसी प्रदेश का पहला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है जिसे वर्ष 2022 में नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) प्रमाण पत्र मिला. बीकेटी सीएचसी लखनऊ का पहला सीएचसी है, जहां ब्लड बैंक स्थापित है. यहां पर मौजूद कंगारू मदर केयर (केएमसी) सेंटर, एक्सरे टेस्ट होना, आनलाइन लैब रिपोर्ट मिलना और मरीजों से बेहतर व्यवहार बीकेटी सीएचसी को दूसरे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से अलग बनाता है. सीएचसी के अंदर की साफ सफाई और रखरखाव भी शानदार है.

CM योगी के पहल से प्रदेश की 507 स्वास्थ्य ईकाइयां एनक्वास से लैस : एनएचएम की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में सस्ता और गुणवत्तापूर्ण इलाज देने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है. अब तक 507 स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वास मिल चुका है, जिनमें अयोध्या और प्रयागराज मंडल में अच्छा काम हुआ है. आगरा, अलीगढ़, बरेली और सहारनपुर मंडल में एनक्वास के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. सरकार का लक्ष्य है कि इस साल के अंत तक प्रदेश की 50% स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वास प्रमाण पत्र मिले. मिशन निदेशक ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को आकांक्षात्मक विकासखंडों की 105 इकाइयों को एनक्वास प्रमाणित कराने के निर्देश दिए हैं.

सीएचसी में 4 बेड न्यू बार्न स्टेबलाइजेशन यूनिट की भी सुविधा : बीकेटी सीएचसी के अधीक्षक डॉ. जेपी सिंह के अनुसार उनके 30 बेड के अस्पताल में 80 प्रतिशत बेड पर हमेशा मरीज भर्ती रहते हैं. इसके अलावा सीएचसी में मौजूद 4 बेड का न्यू बार्न स्टेबलाइजेशन यूनिट (एनबीएसयू), 24 घंटे की आपातकाल सेवा, रविवार छोड़कर सभी दिन टीकाकरण होता है.

कम्यूटराइज्ड सुविधा का मिल रहा लाभ : सीएचसी में बलरामपुर और सिविल अस्पताल जैसी कम्यूटराइज्ड व्यवस्था लागू है, जिससे एक बार पंजीकरण करने पर मरीज को टोकन व्यवस्था से डॉक्टर, लैब और दवाओं का लाभ मिलता है. यहाँ फिजिशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ और सर्जन अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एनक्वास मिलने के बाद सीएचसी में लोगों का भरोसा बढ़ा है, जो ओपीडी से लेकर भर्ती तक नजर आता है. अब हम 30 बेड के अस्पताल को 50 बेड में परिवर्तित करने और हारमोनल टेस्ट की सुविधा देने के लिए प्रयासरत हैं.

बीकेटी निवासी रामस्नेही ने बताया कि पांच साल पहले तक यहां भी इलाज नहीं मिलता था, लेकिन अब यहां पर सामान्य बीमारियों का उपचार मिल जाता है. जांच भी हो जाती है और अधिकतर दवाएं भी मिल जाती हैं इसलिए हम लोग 18 किलोमीटर दूर से यहां दिखाने आते हैं.

आकंड़ों में बीकेटी सीएचसी

  • 350 से 500 मरीज प्रति दिन ओपीडी में
  • 120 से 150 प्रसव प्रति माह जिसमें 10-12 प्रसव सीजेरियन भी
  • 550 एक्सरे प्रति माह
  • 57 लोगों का ब्लड ट्रांसफ्यूजन हुआ 2024 में
  • 60 मरीजों की लैब जांच प्रतिदिन
  • 15 से 20 टेलिमेडिसिन परामर्श प्रति दिन
  • 10 से 15 बच्चों को केएमसी से

ये हैं एनक्वास प्रमाणन के मानक

  • अस्पताल में साफ सफाई
  • मरीजों से बेहतर व्यवहार
  • मरीजों का अस्पताल में खानपान
  • केयर इन प्रेग्नेंसी एंड चाइल्ड बर्थ
  • नियोनेटल एंड इंफेंट हेल्थ सर्विसेज़
  • चाइल्डहुड एंड एडोलसेंट हेल्थ सर्विसेज
  • फैमिली प्लानिंग, मैनेजमेंट ऑफ कम्युनिकेबल डिजीज
  • मैनेजमेंट ऑफ सिम्पल इलनेस इनक्लूडिंग माइनर एलीमेंट्स एवं मैनेजमेंट ऑफ नॉन कम्युनिकेबल डिजीज

यह भी पढ़ें : महाराणा सांगा पर अपमानजनक टिप्पणी; सपा सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ क्षत्रिय संगठनों ने निकाली महासंग्राम यात्रा

लखनऊ : राजधानी लखनऊ के बीकेटी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है. CHC को National Quality Assurance Standards (NQAS) से राष्ट्रीय सर्टिफिकेट भी मिल चुका है. अब यहां फिजिशियन, बच्चों, महिलाओं और सर्जरी के विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलावा दवाएं, लैब टेस्ट भी उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों को शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती.

पहला बीकेटी सीएचसी, जहां ब्लड बैंक हो रहा संचालित : बीकेटी सीएचसी प्रदेश का पहला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है जिसे वर्ष 2022 में नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) प्रमाण पत्र मिला. बीकेटी सीएचसी लखनऊ का पहला सीएचसी है, जहां ब्लड बैंक स्थापित है. यहां पर मौजूद कंगारू मदर केयर (केएमसी) सेंटर, एक्सरे टेस्ट होना, आनलाइन लैब रिपोर्ट मिलना और मरीजों से बेहतर व्यवहार बीकेटी सीएचसी को दूसरे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से अलग बनाता है. सीएचसी के अंदर की साफ सफाई और रखरखाव भी शानदार है.

CM योगी के पहल से प्रदेश की 507 स्वास्थ्य ईकाइयां एनक्वास से लैस : एनएचएम की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में सस्ता और गुणवत्तापूर्ण इलाज देने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है. अब तक 507 स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वास मिल चुका है, जिनमें अयोध्या और प्रयागराज मंडल में अच्छा काम हुआ है. आगरा, अलीगढ़, बरेली और सहारनपुर मंडल में एनक्वास के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. सरकार का लक्ष्य है कि इस साल के अंत तक प्रदेश की 50% स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वास प्रमाण पत्र मिले. मिशन निदेशक ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को आकांक्षात्मक विकासखंडों की 105 इकाइयों को एनक्वास प्रमाणित कराने के निर्देश दिए हैं.

सीएचसी में 4 बेड न्यू बार्न स्टेबलाइजेशन यूनिट की भी सुविधा : बीकेटी सीएचसी के अधीक्षक डॉ. जेपी सिंह के अनुसार उनके 30 बेड के अस्पताल में 80 प्रतिशत बेड पर हमेशा मरीज भर्ती रहते हैं. इसके अलावा सीएचसी में मौजूद 4 बेड का न्यू बार्न स्टेबलाइजेशन यूनिट (एनबीएसयू), 24 घंटे की आपातकाल सेवा, रविवार छोड़कर सभी दिन टीकाकरण होता है.

कम्यूटराइज्ड सुविधा का मिल रहा लाभ : सीएचसी में बलरामपुर और सिविल अस्पताल जैसी कम्यूटराइज्ड व्यवस्था लागू है, जिससे एक बार पंजीकरण करने पर मरीज को टोकन व्यवस्था से डॉक्टर, लैब और दवाओं का लाभ मिलता है. यहाँ फिजिशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ और सर्जन अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एनक्वास मिलने के बाद सीएचसी में लोगों का भरोसा बढ़ा है, जो ओपीडी से लेकर भर्ती तक नजर आता है. अब हम 30 बेड के अस्पताल को 50 बेड में परिवर्तित करने और हारमोनल टेस्ट की सुविधा देने के लिए प्रयासरत हैं.

बीकेटी निवासी रामस्नेही ने बताया कि पांच साल पहले तक यहां भी इलाज नहीं मिलता था, लेकिन अब यहां पर सामान्य बीमारियों का उपचार मिल जाता है. जांच भी हो जाती है और अधिकतर दवाएं भी मिल जाती हैं इसलिए हम लोग 18 किलोमीटर दूर से यहां दिखाने आते हैं.

आकंड़ों में बीकेटी सीएचसी

  • 350 से 500 मरीज प्रति दिन ओपीडी में
  • 120 से 150 प्रसव प्रति माह जिसमें 10-12 प्रसव सीजेरियन भी
  • 550 एक्सरे प्रति माह
  • 57 लोगों का ब्लड ट्रांसफ्यूजन हुआ 2024 में
  • 60 मरीजों की लैब जांच प्रतिदिन
  • 15 से 20 टेलिमेडिसिन परामर्श प्रति दिन
  • 10 से 15 बच्चों को केएमसी से

ये हैं एनक्वास प्रमाणन के मानक

  • अस्पताल में साफ सफाई
  • मरीजों से बेहतर व्यवहार
  • मरीजों का अस्पताल में खानपान
  • केयर इन प्रेग्नेंसी एंड चाइल्ड बर्थ
  • नियोनेटल एंड इंफेंट हेल्थ सर्विसेज़
  • चाइल्डहुड एंड एडोलसेंट हेल्थ सर्विसेज
  • फैमिली प्लानिंग, मैनेजमेंट ऑफ कम्युनिकेबल डिजीज
  • मैनेजमेंट ऑफ सिम्पल इलनेस इनक्लूडिंग माइनर एलीमेंट्स एवं मैनेजमेंट ऑफ नॉन कम्युनिकेबल डिजीज

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