लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति पर तेजी से अमल कर रहा है. इसी के चलते कुछ कोर्स के पैटर्न और पेपर में बदलाव किया जा रहा है. विश्वविद्यालय अब एक कोर्स के नए पेपर तैयार करा रहा है. इसमें 5 खास प्वाइंट शामिल किए जा रहे हैं.
कौन से कोर्स में नए पाठ्यक्रम शामिल किए जा रहेः मानव और उसकी उत्पत्ति से लेकर सभ्यता, संस्कृति और आनुवांशिकी का समग्रता में अध्ययन का मानवशास्त्र अर्थात एंथ्रोपोलाजी में किया जाता है. पिछले कुछ दशकों में उच्च शिक्षा मंच यह विषय बेहद लोकप्रिय साबित हुआ है. लखनऊ विश्वविद्यालय में एंथ्रोपालॉजी विभाग में सामान्य तौर पर उन्हीं पाठ्यक्रमों को पढ़ाया जाता रहा है. जो परंपरागत तौर पर एंथ्रोपोलाजी विभाग में पढ़ाया जाता है. लेकिन विश्वविद्यालय के विभाग ने अब नया फैसला किया है और नए सत्र से पाठ्यक्रम में भारतीय तत्वों को भी शामिल किया जा रहा है. जिसमें भारतीय परिपेक्ष्य में भी मानव की उत्पत्ति उसकी सभ्यता, संस्कृति का अध्ययन किया जाएगा. इसके लिए बाकायदा अलग से प्रश्नपत्र भी बनाए जाएंगे.
5 बिंदुओं को शामिल किया गया हैः एंथ्रोपोलाजी के परास्नातक पाठ्यक्रम में 5 नए बिंदुओं को शामिल किया गया है. इनके अलग-अलग प्रश्न पत्र बनाए जाएंगे. पाठ्यक्रम की खासियत यह है कि इसमें परंपरागत विषयों के साथ आधुनिक और भारतीय एंथ्रोपोलाजी का भी अध्ययन किया जाएगा. नई शिक्षा नीति के तहत 4 वर्षीय स्नातक करने वाले छात्र 1 साल का परास्नातक कर सकते हैं और उसके बाद शोध में आवेदन कर सकते हैं.
इन प्रश्नपत्रों को किया गया शामिल
1-एंथ्रोपोलॉजिकल विरासत और भारतीय ज्ञान परंपरा
इसके अंर्तगत भारतीय ज्ञान परंपरा और एंथ्रोपोलॉजी के इतिहास एवं परंपरा के बारे में पढ़ाया जाएगा.
2-भारतीय एंथ्रोपोलाजी
भारत में आदिम जनजातियों और मानव की उत्पति और उनके विकास क्रम के बारे में अध्ययन कराया जाएगा.
3-पर्यावरण एंथ्रोपोलॉजी
इसके तहत मानव के पर्यावरण के साथ संतुलन और पर्यावरण के साथ मानव विकास का अध्ययन होगा.
4-हयूमन इकोसिस्टम
इसमें मानव इकोसिस्टम के बारे में छात्र पढ़ेंगे और जानेंगे कि ह्यूमन इकोसिस्टम किस तरह से काम करता है, इसका इन्वायरमेंट पर किस तरह से असर पड़ता है.
5-मेडिकल एंथ्रोपोलाजी
इसके अंतर्गत एथनो मेडिसिंस के बारे में पढ़ाया जाएगा कि किस तरह से जनजातिय क्षेत्रों में लोग अपनी बनाई हुई जड़ी-बूटी की दवाओं से चिकित्सा करते हैं.
छात्रों को फील्ड विजिट के लिए भी भेजा जाएगा: इस बारे में लखनऊ विश्वविद्यालय के एंथ्रोपोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. उदय प्रताप का कहना है कि परास्नातक क्रेडिट्स को बढ़ाकर 4 से 8 कर दिया गया है. अब शोध में 200 नंबर मिलेगे. छात्रों को फील्ड विजिट के लिए भी भेजा जाएगा जिससे उनको जमीन सच्चाई जानने का अवसर मिलेगा. नए परिवर्तन से छात्र अधिक कौशल पूर्ण और जानकार निकलेंगे.
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