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यूपी के 5480 सरकारी स्कूलों में बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी से क्यों ठनका गुरुजी का माथा?, क्या चेतावनी दी, जानिए

माध्यमिक शिक्षा परिषद ने प्रदेश के एडेड विद्यालयों में 1 जुलाई से ऑनलाइन अटेंडेंस लागू की थी.

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यूपी के सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी. (etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : July 8, 2025 at 7:50 AM IST

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लखनऊः माध्यमिक शिक्षा परिषद में प्रदेश के अपने सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों और विद्यार्थियों की ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था 1 जुलाई से लागू की है. इस व्यवस्था के लागू होने की एक सप्ताह के बाद भी इसमें जुड़ी तकनीकी खामियां अभी तक दूर नहीं हो सकी है. इसके कारण व्यवस्था ठीक से लागू नहीं हो पा रही है तो वहीं दूसरी तरफ स्कूलों को इस व्यवस्था को सुचारू रूप से शुरू करने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


पूरा दिन बीतने के बाद भी डाटा अपलोड नहीं हो पा रहाः सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों और छात्रों के ऑनलाइन अटेंडेंस की व्यवस्था का आलम यह है कि पूरा-पूरा दिन गुजर जाने के बाद भी विद्यालयों में छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति का डाटा पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पा रहा है. जिसके कारण माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अब धीरे-धीरे इस व्यवस्था को ठप करना शुरू कर दिया है.


क्या दिक्कतें आ रहींः माध्यमिक शिक्षा परिषद में 1 जुलाई से सभी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है. विद्यालयों के प्रधानाचार्य का कहना है कि ऑनलाइन हाजिरी के समय सर्वर की परेशानी, छात्र संख्या में गड़बड़ी और सेक्शन संबंधी काफी परेशानियां आ रही है. इसको लेकर परिषद को काफी शिकायतें भी बीते एक सप्ताह में भेजी गई हैं. वही ग्रामीण परिवेश के विद्यालयों में इंटरनेट संबंधी दिक्कत होने के कारण पोर्टल स्लो चल रहा है. इससे शिक्षकों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति ऐसी है कि घंटा इंतजार करने के बाद भी पोर्टल ओपन तक नहीं हो रहा है.


इस कॉलेज में 4 शिक्षकों की ड्यूटी लगानी पड़ीः शहर के अमीनाबाद इंटर कॉलेज में छात्र संख्या 1500 से ऊपर है. यहां के प्रधानाचार्य एसएल मिश्रा ने बताया कि छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के लिए चार शिक्षकों की ड्यूटी लगा रखी है. जो पूरा दिन बीतने के बाद भी हर दिन छात्रों की उपस्थिति नहीं दर्ज कर पा रहे. इसकी सबसे बड़ा कारण पोर्टल का स्लो होना और उसमें कई तरह के टेक्निकल समस्याओं का आना है.

उन्होंने बताया कि ऑनलाइन उपस्थिति के दौरान कुछ छात्रों का फीड किया गया नाम दिख ही नहीं रहा है जैसे उनके विद्यालय में कक्षा 9 में 4 सेक्शन है. सेक्शन वाइज अटेंडेंस लगाने में कुछ छात्रों के नाम गायब हो जा रहे हैं. साथ ही अलग-अलग क्षेत्र की हाजिरी लगाने में दिक्कतें आ रही हैं

प्रिसिंपल ने रखी ये मांगः वहीं, बाबू त्रिलोकी सिंह इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर आरके सिंह का कहना है कि सरकार की तरफ से ऑनलाइन उपस्थिति का शिक्षकों ने स्वागत किया है. पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करना काफी मुश्किल और लंबी प्रक्रिया है. सरकार को अगर इसे लागू ही करना था तो उसे ऑनलाइन अटेंडेंस लेने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले इसका अलग से पूरी व्यवस्था करनी चाहिए थी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने में काफी दिक्कतें हो रही है सर्वर धीमा होने से विद्यार्थियों की हाजिरी नहीं लग पा रही हैं. बोर्ड और स्कूल के 9वी और 11वीं का डाटा में भिन्नता है. वही बच्चों की संख्या भी कई स्कूलों में स्पष्ट नहीं दर्ज हो रही है. कहीं बच्चों के नाम तो कहीं उनके पिता के नाम में अंतर आ रहा है.


माध्यमिक शिक्षा निदेशक से मुलाकात कर स्कूलों की समस्या बताई है सहायता प्राप्त सरकारी विद्यालयों में ऑनलाइन अटेंडेंस को लेकर शिक्षक संघो ने नाराजगी जाहिर की है. माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ आरपी मिश्रा ने बताया कि ऑनलाइन उपस्थिति की प्रक्रिया का हम स्वागत करते हैं. पर सरकार को इस व्यवस्था को विद्यालयों में लागू करने से पहले इसकी लिए प्रॉपर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना चाहिए था.

उन्होंने बताया की राजधानी लखनऊ में 90 से अधिक सहायता प्राप्त विद्यालय हैं इन विद्यालयों में कई विद्यालयों में छात्र संख्या 2000 से भी ऊपर है. ऐसे में पोर्टल की दिक्कतों के कारण विद्यालयों में पूरा-पूरा दिन बीत जाने के बाद भी ऑनलाइन उपस्थिति नहीं दर्ज हो पा रही है. राजधानी के कई विद्यालयों में तो दो से लेकर चार शिक्षकों की ड्यूटी केवल ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के लिए लगाई जा रही है. इसके कारण स्कूलों में शिक्षक काम पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है. इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक से मिलकर ज्ञापन भी दिया गया है और मांग की गई है कि ऑनलाइन उपस्थिति को अगर सरकार दर्ज ही करना चाहती है तो इसके लिए पहले विद्यालयों में एक प्रॉपर इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप करें ताकि पोर्टल के माध्यम से एक-एक बच्चों का जो डाटा अपलोड करने की प्रक्रिया है यह आसान हो सके.


आंदोलन की चेतावनी दी: डॉ मिश्रा ने कहा कि अगर 31 जुलाई तक परिषद ने इस समस्या का कोई समाधान नहीं किया तो इसके बाद शिक्षक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.


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