फर्रुखाबाद: पेट्रोल पंप पर पेट्रोल, डीजल भरवाने के लिए नियमित रूप से लोग जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके अलावा भी पेट्रोल पंप ग्राहकों के साथ आम लोगों को कई सुविधाएं फ्री में मिलती हैं. बल्कि यूं कहें कि पेट्रोल संचालक को कुछ सुविधाएं लोगों को देनी ही होती हैं. सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों और नियमों में ऐसा ही है. जनसुविधाओं में कोई कमी या खामी पाए जाने पर कार्रवाई तक हो सकती है. फर्रुखाबाद के जिला पूर्ति अधिकारी सुरेंद्र यादव ने पेट्रोल पंप पर मिलने वाली फ्री सेवाओं के बारे में जानकारी दी है.
जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि जिले के सभी 85 पेट्रोल पंप हैं. पेट्रोल और सीएनजी पंपों पर शौचालय पेयजल और वाहनों के टायरों में हवा भरने जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध न करने के संबंध में चेतावनी भी जारी की गई है. यदि उपभोक्ताओं को सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई तो जुर्माना लगेगा. उन्होंने बताया कि तीन बार अनियमितता या खामियां पाए जाने पर पेट्रोल पंप की आपूर्ति व बिक्री 45 दिन के लिए निलंबित कर दी जाएगी.
वाहनों के टायर में भरवाएं फ्री में हवा : जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि पेट्रोल पंप पर आप गाड़ी के टायर में फ्री में हवा भरवा सकते हैं. इसके लिए आपको कोई पैसा नहीं देना होता है. पेट्रोल पंप पर आपको पीने का पानी मुफ्त मिलना चाहिए. यहां आरओ या वाटर कूलर की सुविधा मुहैया कराना जरूरी है. जिससे आप आसानी से पानी पी सकते हैं. पेट्रोल पंप पर बाथरूम की सुविधा भी मुफ्त होती है. आप इसे किसी भी वक्त इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर कोई मना करे तो शिफ्ट मैनेजर से इसकी शिकायत की जा सकती है.
इमरजेंसी में फ्री कालिंग सुविधा : सुरेंद्र यादव ने बताया कि इमरजेंसी के दौरान आप पेट्रोल पंप से फ्री कॉल कर सकते हैं. इसके लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाता. यह सुविधा पंप मालिक की ओर से दी जाती है. पेट्रोल पंप पर फर्स्ट एड बॉक्स की भी सुविधा होती है. इसमें जरूरी दवाइयां और मरहम पट्टी रहती हैं, जो आप इमरजेंसी में उपयोग कर सकते हैं. हालांकि इसे इस्तेमाल करने से पहले यह जरूर चेक कर लें कि कोई सामान या दवा एक्सपायर न हुए हों.
पेट्रोल पंप पर फायर सेफ्टी की भी सुविधा : पेट्रोल पंप पर फ्यूल भरवाने के दौरान अगर वहां आग लग जाती है, तो वहां फायर सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध होती है. जिसका इस्तेमाल आप कर सकते हैं. इसके लिए भी कोई शुल्क नहीं लिया जाता. पेट्रोल पंप पर मालिक का नाम कंपनी का नाम और संपर्क नंबर भी मिलता है. यह जानकारी आपको किसी भी जरूरत के समय पंप से संपर्क करने में मदद करती है.
नियमों के उल्लंघन पर क्या कार्रवाई, कितना जुर्माना : पेट्रोल-डीजल भरवाने के बाद आपको बिल दिया जाता है. अगर किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी हो तो बिल के माध्यम से उसे ठीक किया जा सकता है.
- पहली बार उल्लंघन पर 10000 रुपए का जुर्माना.
- दूसरी बार उल्लंघन पर 25000 रुपए का जुर्माना.
- तीसरी बार उल्लंघन पर 10000 रुपए का जुर्माना और 45 दिन की बिक्री निलंबित.
सभी पेट्रोल, डीजल व सीएनजी पंप पर पुरुष महिला व दिव्यांग जनों के लिए अलग-अलग स्वच्छ शौचालय, रैंप रनिंग वाटर और साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी. साथ ही सफाई कर्मियों की स्विफ्ट तैनाती कर उनके नाम व मोबाइल नंबर भी प्रदर्शित किए जाएंगे. बताया कि आम जन सुविधा का उपयोग कर सकें. इसके लिए शौचालय पर ताले नहीं लगने चाहिए. शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी. संबंधित कंपनियों को आम नागरिकों से शौचालय स्वच्छता पर फीडबैक लेने की व्यवस्था विकसित करने को भी कहा गया है. जिले के सभी पेट्रोल पंपों को अवगत करा दिया गया है. - सुरेंद्र यादव, जिला पूर्ति अधिकारी
पेट्रोलियम अधिनियम 1981: पेट्रोलियम अधिनियम 1981 में लागू हुआ था. इसके आधार पर विस्तृत गाइडलाइन है जो 2002 में संशोधित हुई, जो नियमों और विनियमों को अपडेट करता है.
MDG गाइडलाइन 2005 के तहत लागू हुई जनसुविधाएं : यह गाइडलाइन उन आवश्यक जन सुविधाओं को सुनिश्चित करती हैं जिन्हें पेट्रोल पंपों पर प्रदान करना चाहिए, जैसे कि हवा भरने की सुविधा, पीने का पानी, शौचालय अन्य सुविधाएं जो यात्रियों को सुविधा प्रदान करें. वहीं शासनादेश 5 अगस्त 2008 के तहत जन सुविधाए न होने पर दण्ड अधिरोपण का अधिकार है.
नियमों के मुताबिक पेट्रोल पंप के लिए इस प्रकार से अलॉट होता है लाइसेंस : जिला पूर्ति अधिकारी सुरेंद्र यादव ने बताया की ऑयल कंपनी के तहत विज्ञापन के आधार पर आवेदन प्राप्त करते हुए लॉटरी के माध्यम से पेट्रोल पंप अलॉट होते हैं. LOI (Letter of Intent) के आधार पर संचालक जिलाधिकारी NOC का आवेदन करता है. जिसमें विभिन्न विभागों से एनओसी के आधार पर जिलाधिकारी के तहत एनओसी जारी की जाती है. जिसके आधार पर विस्फोटक विभाग डीजल, पेट्रोल संग्रहण का लाइसेंस देता है. जिसके आधार पर पेट्रोल पंप की स्थापना की जाती है. आवश्यक सुविधा के निर्माण के बाद डीजल बिक्री का लाइसेंस जिला पूर्ति अधिकारी के तहत दिया जाता है.
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