लखनऊ : काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने अपने से संबद्ध स्कूलों के लिए एक शुरुआत की है. इसके तहत काउंसिल ने अपने सभी स्कूलों को 11वीं 12वीं में उन बच्चों को जो इंजीनियर या मेडिकल की तैयारी करना चाहते हैं और NCERT पैटर्न से पढ़ने की इच्छा रखते हैं. ऐसे बच्चों के लिए काउंसिल ने अपने 11वीं और 12वीं के सिलेबस में NCERT को ऐड ऑन किया है.
स्कूल अपनी डिमांड के अनुसार 11वीं और 12वीं में अलग से इस सिलेबस को पढ़ने के लिए बच्चों का चयन कर सकते हैं. ताकि बच्चों को इंजीनियरिंग व मेडिकल की तैयारी के लिए बोर्ड बदलने की जरूरत ना पड़े. CISCE बोर्ड के सिलेबस की आम धारणा यह है कि यह कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स के लिए उतना सशक्त नहीं है. जबकि NCERT के सिलेबस की ज्यादातर कॉम्पिटेटिव एक्जाम में भागीदारी होती है. ऐसे में जो बच्चे इंजीनियरिंग के लिए JEE और मेडिकल के लिए नीट पेपर देते हैं वह हाई स्कूल के बाद अपना बोर्ड ही चेंज कर देते हैं.
हाईस्कूल के बाद ज्यादातर कंपटीशन की तैयारी करने वाले बच्चे स्कूल बदल देते हैं : अनडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि CISCE बोर्ड का सिलेबस काफी रिच है. इसमें बच्चों को काफी गहन अध्ययन करना पड़ता है जबकि NCERT के सिलेबस में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ वहां पर प्रैक्टिकल पर भी फोकस किया गया है. वहीं ज्यादातर कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स जैसे बड़ी परीक्षाओं में NCERT के सिलेबस को ही फॉलो किया जाता है. ऐसे में सीआईएसएसई में जो बच्चे हाई स्कूल की परीक्षा देते हैं वह इन परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए 11वीं और 12वीं में अपना बोर्ड ही बदल देते हैं. काउंसिल ने 2020 में नई शिक्षा नीति आने के बाद अपने सिलेबस में विस्तार करते हुए विशेष तौर पर 11वीं और 12वीं बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए NCERT के सिलेबस के हिस्सों को अपने सिलेबस में ऐड ऑन किया है. जिससे बच्चों को अब इन प्रतियोगी परीक्षाओं को तैयारी करने के लिए स्कूल ना बदलना पड़े.
सीएमएस जैसे बड़े स्कूल ने शुरू की अलग से क्लासेस : CISCE का मामना है कि अगर बच्चा उनके बोर्ड में पढ़ाई भी करता है, तो वह इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी करने के लिए कोचिंग का सहारा लेता है. उन कोचिंग में बच्चों को पढ़ने के लिए अभिभावकों को मोटी फीस देनी होती है. काउंसिल की तरफ से इसकी सहमति मिलने के बाद राजधानी के सबसे बड़े स्कूल सिटी मोंटेसरी स्कूल में अलग से 11वीं 12वीं के बच्चों के लिए NCERT पेस्ट क्लासेस शुरू की गई हैं.
CMS स्कूल की प्रबंधक गीता गांधी किंगडम ने बताया कि उनके स्कूल में 11वीं और 12वीं के लिए NCERT आधारित पढ़ाई शुरू की गई है. जब बच्चा 11वीं में आता है, तो मेरिट और एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर उसका चयन किया जाता है. वहीं बच्चों को अब दो विकल्प दिए जा रहे हैं, जो छात्र सिर्फ बोर्ड की पढ़ाई करना चाहते हैं, उनके लिए सामान्य (नॉर्मल) सेक्शन चल रहा है. जो छात्र NEET या JEE जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं, उनके लिए अलग सेक्शन बनाए गए हैं. डॉ. गांधी ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत अब CBSE और CISCE बोर्ड का सिलेबस लगभग एक जैसा कर दिया गया है.
11वीं और 12वीं के मुख्य कोर्स विषयों में समानता है और बाकी विषयों का भी 80-90% सिलेबस एक जैसा कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि बच्चे बोर्ड परीक्षा तो CISCE पैटर्न पर ही देंगे, लेकिन उन्हें NCERT पैटर्न के कारण किसी तरह की परेशानी नहीं होगी.
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