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मुजफ्फरनगर में सीएम योगी बोले, संत रविदास की भावना को पीएम मोदी अमल में लाए - CM YOGI MUZAFFARNAGAR VISIT

मुख्यमंत्री ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी ने सामाजिक बुराइयों और कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और समाज को जागरूक करने का काम किया.

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मुजफ्फरनगर में संत समागम के लिए पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : June 11, 2025 at 1:59 PM IST

3 Min Read

मुजफ्फरनगर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को मुजफ्फरनगर पहुंचे. यहां उन्होंने शुक्रतीर्थ स्थित आश्रम में एक बड़े संत समागम और सत्संग कार्यक्रम में हिस्सा लिया. यह आयोजन स्वामी ज्ञान भिक्षुक दास की 65वीं पुण्यतिथि और संत समनदास महाराज की स्मृति में किया गया. आयोजन सतगुरु रविदास-सतगुरु समनदास आश्रम में हुआ.

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी ने सामाजिक बुराइयों और कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और समाज को जागरूक करने का काम किया. उन्होंने कहा था कि “मन शुद्ध हो तो हर स्थान पवित्र हो जाता है.” संत रविदास का यह कथन भी उल्लेखनीय है– “मैं ऐसा राज्य चाहता हूं, जहां सभी को भोजन मिले, सभी बराबरी से रहें और सबका जीवन सुखद हो.”

उनकी वाणी अत्यंत प्रेरणादायक है, जो समरसता और समानता का संदेश देती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास की इसी भावना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमल में लाए. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत कोरोना काल से अब तक 81 करोड़ लोगों तक खाद्यान्न पहुंचाया गया.

यही है संतों की प्रेरणा का प्रभाव, जो आज के नेतृत्व को दिशा दे रही है. उन्होंने यह भी बताया कि 2014 से पहले काशी जाने वाला मार्ग जर्जर था और केवल एकल मार्ग था, लेकिन अब उसे चार लेन से जोड़ दिया गया है. भव्य विकास कार्य किए गए हैं. संत रविदास की प्रतिमा की स्थापना भी की गई है.

इन महान संतों ने समाज को नई दिशा दिखाई – एकता की, जो न केवल सुरक्षा देती है, बल्कि समाज के सर्वांगीण विकास का मार्ग भी प्रशस्त करती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारत को संविधान जैसी अमूल्य धरोहर दी, लेकिन स्वतंत्रता के बाद उन्हें वह सम्मान नहीं मिल पाया जिसके वे वास्तव में अधिकारी थे. पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनके सम्मान में ‘पंच तीर्थ’ की स्थापना की गई.

बाबा साहेब ने इंग्लैंड के एक प्रतिष्ठित कॉलेज से उच्च शिक्षा प्राप्त की थी. बाद में उस कॉलेज को इंग्लैंड सरकार द्वारा नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने उस ऐतिहासिक स्थान को न केवल खरीदा, बल्कि उसे बाबा साहेब अंबेडकर की स्मृति में एक अंतरराष्ट्रीय स्मारक में परिवर्तित कर दिया.

अब यह स्थान विदेश में पढ़ाई करने वाले अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास और छात्रवृत्ति जैसी सुविधाओं से सुसज्जित है. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मोती झील संरक्षण परियोजना से संबंधित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म और चित्रों की एलबम भी दिखाई गई. यह परियोजना नगर पालिका द्वारा चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य मोती झील को एक आकर्षक पिकनिक स्थल के रूप में विकसित करना है.

ये भी पढ़ेंः मोदी सरकार के 11 साल; सीएम योगी बोले- विकसित और आत्मनिर्भर भारत का 25 साल के लिए रोडमैप तैयार

मुजफ्फरनगर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को मुजफ्फरनगर पहुंचे. यहां उन्होंने शुक्रतीर्थ स्थित आश्रम में एक बड़े संत समागम और सत्संग कार्यक्रम में हिस्सा लिया. यह आयोजन स्वामी ज्ञान भिक्षुक दास की 65वीं पुण्यतिथि और संत समनदास महाराज की स्मृति में किया गया. आयोजन सतगुरु रविदास-सतगुरु समनदास आश्रम में हुआ.

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी ने सामाजिक बुराइयों और कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और समाज को जागरूक करने का काम किया. उन्होंने कहा था कि “मन शुद्ध हो तो हर स्थान पवित्र हो जाता है.” संत रविदास का यह कथन भी उल्लेखनीय है– “मैं ऐसा राज्य चाहता हूं, जहां सभी को भोजन मिले, सभी बराबरी से रहें और सबका जीवन सुखद हो.”

उनकी वाणी अत्यंत प्रेरणादायक है, जो समरसता और समानता का संदेश देती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास की इसी भावना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमल में लाए. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत कोरोना काल से अब तक 81 करोड़ लोगों तक खाद्यान्न पहुंचाया गया.

यही है संतों की प्रेरणा का प्रभाव, जो आज के नेतृत्व को दिशा दे रही है. उन्होंने यह भी बताया कि 2014 से पहले काशी जाने वाला मार्ग जर्जर था और केवल एकल मार्ग था, लेकिन अब उसे चार लेन से जोड़ दिया गया है. भव्य विकास कार्य किए गए हैं. संत रविदास की प्रतिमा की स्थापना भी की गई है.

इन महान संतों ने समाज को नई दिशा दिखाई – एकता की, जो न केवल सुरक्षा देती है, बल्कि समाज के सर्वांगीण विकास का मार्ग भी प्रशस्त करती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारत को संविधान जैसी अमूल्य धरोहर दी, लेकिन स्वतंत्रता के बाद उन्हें वह सम्मान नहीं मिल पाया जिसके वे वास्तव में अधिकारी थे. पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनके सम्मान में ‘पंच तीर्थ’ की स्थापना की गई.

बाबा साहेब ने इंग्लैंड के एक प्रतिष्ठित कॉलेज से उच्च शिक्षा प्राप्त की थी. बाद में उस कॉलेज को इंग्लैंड सरकार द्वारा नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने उस ऐतिहासिक स्थान को न केवल खरीदा, बल्कि उसे बाबा साहेब अंबेडकर की स्मृति में एक अंतरराष्ट्रीय स्मारक में परिवर्तित कर दिया.

अब यह स्थान विदेश में पढ़ाई करने वाले अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास और छात्रवृत्ति जैसी सुविधाओं से सुसज्जित है. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मोती झील संरक्षण परियोजना से संबंधित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म और चित्रों की एलबम भी दिखाई गई. यह परियोजना नगर पालिका द्वारा चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य मोती झील को एक आकर्षक पिकनिक स्थल के रूप में विकसित करना है.

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