बहराइच : जिले के महसी इलाके में एक बार फिर खूंखार भेड़िए की दस्तक से दहशत का माहौल है. यहां हरदी इलाके में भेड़िया 8 साल के बच्चे को उठा ले गया. हालांकि, बच्चे के चिल्लाने और परिजनों के शोर मचाने पर भेड़िए ने उसे छोड़ तो दिया लेकिन, हमले में मासूम गंभीर रूप से घायल हो गया. बाद में बच्चे ने अस्पताल में दम तोड़ दिया.
हरदी क्षेत्र के सिसैया चूड़ामणि गांव में 8 साल का घनश्याम रविवार रात मां के बगल ही सोया था. देर रात भेड़िया आया और बच्चे पर हमला कर दिया. भेड़िया बच्चे को खींचकर ले जाने लगा. इधर, भेड़िए के नुकीले दांतों से घायल बच्चा चिल्लाने लगा. उसकी चीख सुनकर परिवार के लोगों की आंख खुली. जब उन्होंने शोर मचाया तो भेड़िया बच्चे को छोड़कर भाग निकला. तब तक भेड़िया बच्चे को घर से काफी दूर तक खींच ले गया था. भेड़िए के हमले में बच्चे के जबड़े और हाथ पर गंभीर चोटें आईं. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां मंगलवार को बच्चे की मौत हो गई.

बच्चे के पिता संभर ने बताया कि उसके बच्चे पर भेड़िए ने हमले किया, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. देर रात बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई. आरोप लगाया कि इलाज में डॉक्टर ने लापरवाही की है. वहीं, इस मामले में वन विभाग तफ्तीश में जुटी है. इधर, वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद ही बताया जा सकेगा कि किस जानवर का हमला है.
भेड़िए के हमले से 1 वर्ष में अब तक 10 मौत : बता दें कि 1 वर्ष पूर्व इसी इलाके में भेड़िए का आतंक मचाया था. इस दौरान 10 बच्चों की जानें गईं थी. वन विभाग ने 5 भेड़ियों को पकड़ा था. अब एक बार फिर भेड़िए ने दहशत मचा रखी है.
60 टीमें सर्च ऑपरेशन में लगाई गईं थीं: बता दें कि पिछले साल भेड़ियों को पकड़ने के लिए पांच जिलों की वन विभाग की टीमें लगाई गईं थीं. रात-रात भर वन विभाग के साथ पुलिस ने भी गश्त की . गांव-गांव पहुंचकर वनकर्मी गोले दगाते और लाउड स्पीकर गाड़ियों में बांधकर रात-रात भर भेड़िया भगाते. भेड़ियों को पकड़ने के लिए पांच जिलों की 60 टीम लगाई गई थीं. गन्ने के खेत के किनारे किनारे वन विभाग ने जाल भी लगाया. बावजूद इसके हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.
ये गांव थे प्रभावितः पिछले साल इन इलाकों में भेड़िए का आतंक था. मक्का पुरवा,पंडित पुरवा, औराही, नकवा ,जगीर, कोलैली, नथवापुर, दर्जिनपुरवा, बड़रिया, सिकंदरपुर,रकबा, मैकूपुरवा, सिंघिया, नसीरपुर, नयापुरवा, मिश्रिनपुरवा, भिट्टा, गलकारा, ननकार, समेत कछार के 35 गांव के ग्रामीणों में दहशत रही.
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